Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

लॉयड और एपीजे कॉलेज के 250 छात्र फूड प्वाइजनिंग के शिकार, शिवरात्रि पर खाया था कुट्टू का आटा

16

बड़ी खबर : लॉयड और एपीजे कॉलेज के 250 छात्र फूड प्वाइजनिंग के शिकार, शिवरात्रि पर खाया था कुट्टू का आटा –

ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा में स्थित लॉयड और एपीजे कॉलेज समेत कई हॉस्टल में रहने वाले करीब 250 स्टूंडेंट्स फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। इस मामले में स्वास्थ विभाग के अलावा पुलिस के द्वारा भी जांच की जा रही है। जिसमें काफी अहम जानकारी हाथ लगी। जांच में पता चला है कि शिवरात्रि पर इन छात्रों ने कुट्टू का आटा खाया था। उसके बाद तबियत खराब हुई। सभी को इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट करवाया हुआ। कुछ छात्रों का इलाज कैलाश अस्पताल और कुछ का इलाज कासना में स्थित जिम्स अस्पताल में चल रहा है।

क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक शिवरात्रि पर लॉयड और एपीजे कॉलेज समेत कुछ हॉस्टल में रहने वाले छात्र अचानक बीमार हो गए। उसको इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग अस्पताल में एडमिट करवाया गया। उसके बाद अस्पताल की तरफ से मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और अस्पताल के डॉक्टरों से बातचीत की गई। जिसमें पता चला कि सभी छात्र फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए।

कैसे हुए फूड प्वाइजनिंग का शिकार?

पुलिस ने कुछ बीमार छात्रों से पूछताछ की तो पता चला कि उन्होंने शिवरात्रि पर कुट्टू का आटा खाया था। जिसके बाद उनकी तबियत खराब हुई। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि सभी स्टूडेंट्स फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक करीब 250 स्टूडेंट्स फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए। जिसमें से कुछ को कैलाश अस्पताल और कुछ छात्रों को जिम्स में एडमिट करवाया गया।

पुलिस का बयान

इस मामले के नॉलेज पार्क पुलिस का कहना है कि इस घटना की जानकारी उनको अस्पताल के माध्यम से मिली है। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। अभी तक करीब 30 स्टूडेंट्स को छुट्टी दे दी गई और बाकी का इलाज चल रहा है। इस मामले में आगे की जांच स्वास्थ विभाग की टीम करेगी। इसके अलावा अगर कोई शिकायत मिलती है तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading