21 वर्ष के लाल तरूण का देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान
21 वर्ष के लाल तरूण का देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान
सियाचिन में शहीद तरुण का सैनिक सम्मान से अंतिम संस्कार
युवा जांबाज शहीद तरुण भारद्वाज के भतीजे लवीश ने दी मुखाग्नि
शहीद तरुण का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा माहौल हुआ गमगीन
शहीद के सम्मान में वंदे मातरम और भारत माता का जय घोष
जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद तरुण भारद्वाज तेरा नाम रहेगा
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। रविवार 12 सितंबर दोपहर के समय शहीदों की खान कहलाए जाने वाले गांव भोंडसी में जैसे ही 21 वर्षीय युवा शहीद सैनिक तरुण भारद्वाज का पार्थिव शरीर पहुंचा तो, पूरा गांव जब तक सूरज चांद रहेगा तरुण भारद्वाज तेरा नाम रहेगा के जयघोष के साथ में शहीद के पार्थिव शरीर के साथ-साथ चलता हुआ दिखाई दिया । गांव के जांबाज युवा की शहादत पर जहां परिजनों को गर्व था , वही अल्प आयु में देश की रक्षा के लिए जान पर खेलते हुए बलिदान देने से घर में हुए सूनेपन का एहसास भी देखा गया। किसी भी मां और पिता के लिए बेटा बुढ़ापे की लाठी माना गया है और यही लाठी यदि समय से पहले ही टूट जाए तो परिवार पर इसका असर साफ साफ दिखा भी जा सकता है ।
लेकिन जब बात सैनिकों की खान कहे जाने वाले गांव भोंडसी और इसी गांव के युवा जांबाज सैनिक की शहादत की हो तो हर किसी का सीना गर्व के साथ चौड़ा हुआ भी दिखाई दिया । युवा शहीद का पार्थिव शरीर सबसे पहले गांव में पैतृक आवास पर लाया गया और यहां पर अंतिम संस्कार से पहले परिवार के द्वारा सामाजिक और अन्य चिड़िया कर्म की रस्में भी पूरी की गई। सियाचिन में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जिला गुरुग्राम के गांव भौंडसी निवासी तरुण भारद्वाज का संडे को उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 16 राजपूत बटालियन में सिपाही के तौर पर तैनात रहे तरुण भारद्वाज 09 सितंबर को पेट्रोलिंग के दौरान ग्लेशियर की चपेट में आने से मृत्यु हो गई थी। राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार में सोहना के विधायक संजय सिंह ने शहीद तरुण भारद्वाज के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर गुरुग्राम जिला उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने भी श्रद्धाजंलि स्वरूप शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर अपनी संवेदनाए अर्पित की।
नायक को नम आंखों से विदाई
शहीद तरुण भारद्वाज का पार्थिव शरीर लेकर आए 16 राजपूत बटालियन के अधिकारी सूबेदार मेजर अभय राम ने बताया कि सियाचीन में तैनात तरुण व उनके अन्य साथी 9 सितंबर को सुबह 10 बजे पेट्रोलिंग के लिए निकले थे। पेट्रोलिंग के दौरान हुए हिमस्खलन की चपेट में आने के कारण तरुण की मृत्य हो गई। संडे को सुबह गांव पहुंचे शहीद तरुण के पार्थिव शरीर को सर्वप्रथम उनके निवास पर ले जाया गया। उसके उपरांत उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए ग्राम पंचायत भवन में ले जाया गया, जहां भारी संख्या में मौजूद ग्रामीण व आसपास के क्षेत्र के नागरिकों ने मां भारती की सेवा में सर्वाेच्च बलिदान देने वाले नायक को नम आंखों से विदाई दी।
सेवानिवृत्त फौजी पिता ने श्रद्धांजलि दी
राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ गांव के पास स्थित अंत्योष्टि स्थल पर शहीद जवान का अंतिम संस्कार कराया गया। शहीद तरुण भारद्वाज को उनके बड़े भाई लोकेश भारद्वाज के बेटे लविश भारद्वाज ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर शहीद जवान के सेवानिवृत्त फौजी पिता ने उन्हें श्रद्धांजलि दी तो गांव के लोगों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान सोहना के एसडीएम जितेंद्र गर्ग, सोहना के पूर्व विधायक तेजपाल तंवर, कैप्टन (रि) महाबीर सिंह, कर्नल(रि) धर्मपाल व अमन यादव, सूबेदार(रि) हंसराज, बिजेंद्र व रमेश,हवलदार (रि) यशपाल सिंह, गुरुग्राम बार के पूर्व प्रधान कुलभूषण भारद्वाज, सूबे सिंह बोहरा समेत सेना, पुलिस और जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी सहित गांव भौंडसी व आसपास के क्षेत्र नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
पहली पोस्टिंग सियाचिन में मिली
16 राजपूत बटालियन के भूतपूर्व सैनिक नंदकिशोर भारद्वाज के घर जन्मे तरुण भारद्वाज तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। मार्च 2020 में सेना में भर्ती होने के बाद 6 महीने को ट्रेनिंग के बाद तरुण भारद्वाज को देश रक्षा के लिए पहली ही पोस्टिंग बर्फीले और जटिल इलाकें सियाचिन में मिली थी। जहां वे पिछले एक वर्ष से अपनी सेवाएं दे रहे थे।
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