प्रेम के दो रुप हैं; एक प्यास और एक तृप्ति
प्रेम के दो रुप हैं; एक प्यास और एक तृप्ति
नन्दनन्दन, श्यामसुन्दर, मुरलीमनोहर,पीताम्बरधारी-जिनके मुखारविन्द पर मन्द-मन्द मुस्कान है,
सिर पर मयूर-पिच्छ का मुकुट, गले में पीताम्बर, ठुमुक-ठुमुककर!-->!-->!-->!-->!-->…
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