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पटौदी के 20 गांवों को सेक्शन 7ए से किया जाए मुक्त

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पटौदी के 20 गांवों को सेक्शन 7ए से किया जाए मुक्त

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से ग्रामींणों के द्वारा की गई मांग

सरकार ने सेक्शन 7ंए लगाकर गरीब किसानों की घेराबंदी की

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 पटौदी विधानसभा क्षेत्र जो कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का राजनीतिक गढ़ और उनके पिता स्वर्गीय राव वीरेंद्र सिंह जो कि पटौदी से एमएलए बने तथा इसके बाद हरियाणा के सीएम भी बने, इनका कट्टर समर्थक इलाका होने के साथ ही अभेद्य राजनीतिक किला भी है। इसी अभेद्य राजनीतिक किला में शामिल करीब 20 गांवों में सेक्शन 7एं लगाकर सरकार के द्वारा ग्रामीणों सहित किसानों की घेराबंदी को लेकर गहरी नाराजगी सामने आई है । इस मामले में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और पटोदी की पूर्व एमएलए विमला चौधरी के समर्थक मोकलवास के पूर्व सरपंच मनोज मोकलवास के द्वारा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का ध्यान इस गंभीर समस्या की तरफ आकर्षित किया गया है।

युवा पूर्व सरपंच मनोज मोकलवास के मुताबिक गांव मोकलवास, मानेसर, सिधरावली सहित करीब 20 गांवों की जमीन पर सरकार के द्वारा सेक्टर 7ए लागू कर दिया गया है। मनोज मोकलवास सहित अन्य गांव के प्रबुद्ध ग्रामीणों का कहना है कि सरकार का यह फैसला पूरी तरह से गलत है और सरकार को अपने इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए । इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से भी मांग की गई है कि जिन 20 गांव में सेक्टर 7ंए लगाया गया है , उन गांव से सेक्शन 7ंए को हटाने के लिए हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री से इस विषय में बात कर ग्रामीणों को राहत दिलाई जाए। ग्रामीणों के मुताबिक राज्य सरकार के द्वारा उपरोक्त 20 गांवों में सेक्शन 7ंए लगाकर गरीब और छोटे किसानों को पूरी तरह से घेर लिया गया है । आपात स्थिति में कोई भी जरूरतमंद ग्रामीण किसान अपनी जमीन का टुकड़ा की बिक्री नहीं कर सकेगा। परिवार में विवाह शादी हो या फिर परिवार के किसी सदस्य को गंभीर बीमारी हो , ऐसे में खर्चा पूरा करने के लिए गांवों में अक्सर ग्रामीणों और किसानों के पास एकमात्र विकल्प आपात स्थिति में अपनी जमीन ही बेचने का होता है । इस जमीन की बिक्री के बाद जो कुछ रकम मिलती है उसकी बदौलत रोगी का उपचार सहित अन्य सामाजिक कार्य भी पूरे किए जाने की परंपरा चली आ रही है।

यह कार्य भी मजबूरी में ग्रामीणों और किसानों के द्वारा किया जाता है, अन्यथा कोई भी ग्रामीण और किसान बिना किसी कारण के अपनी जमीन किसी भी कीमत पर बेचकर राजी नहीं है । सरकार के द्वारा सेक्टर 7एं लगाया जाने के बाद अब जमीन का जरूरत के समय एक छोटा सा भी टुकड़ा बेचना संभव नहीं रह गया है । ऐसे में उन परिवारों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है , जिनके परिवार में आय का कोई भी अतिरिक्त साधन नहीं हो और उन परिवारों में कोई गंभीर रोग का इलाज करवाना चाहे तो उसका खर्च पूरा करना भी संभव नहीं हो पाता। इसी प्रकार से बहन-बेटियों के विवाह शादी के समय भी जरूरत पड़ने पर मजबूरी में जमीन का टुकड़ा ही बेचना एकमात्र विकल्प होता है , जिससे कि बहन बेटी का घर बस सके । लेकिन अब सेक्शन 7ए लगाया जाने के बाद उपरोक्त सभी 20 गांवों के ग्रामीण और किसान एक प्रकार से सरकार की घेराबंदी का शिकार बन चुके हैं । ग्रामीणों के द्वारा मांग की गई है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या का समाधान कराने के लिए जल्द से जल्द राज्य सरकार और हरियाणा के मुख्यमंत्री से बात कर राहत उपलब्ध करवाएं।

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