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देश में आधार से ई-केवाईसी लेनदेन में 18.53 फीसदी की हुई बढ़ोतरी क्या है ई-केवाईसी

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देश में आधार से ई-केवाईसी लेनदेन में 18.53 फीसदी की हुई बढ़ोतरी क्या है ई-केवाईसी

देश के सभी लोगों ने आधार कार्ड के इस्तेमाल पर विश्वास जताया है। इस वजह है कि आधार पर आधारित ई-केवाईसी लेनदेन में लगातार प्रगति देखी जा रही है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही (क्यू3) में आधार का उपयोग करके 84.8 करोड़ से अधिक ई-केवाईसी लेनदेन किए गए हैं। UIDAI के मुताबिक ई-केवाईसी लेनदेन में दूसरी तिमाही के मुकाबले 18.53 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आधार ई-केवाईसी से लेनदेन में लगातार हो रहा इजाफा

आधार ई-केवाईसी से लेनदेन में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। UIDAI के अनुसार दिसंबर 2022 के अंत तक ई-केवाईसी से लेनदेन की कुल संख्या लगभग 8829.66 करोड़ हो गई है। इसी तरह सिर्फ दिसंबर माह में ही आधार का उपयोग करते हुए 32.49 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन किए गए, जो कि पिछले महीने की तुलना में 13 फीसदी अधिक है। इससे यह पता चल रहा है कि भारत में तेजी से डिजिटलाइजेशन का प्रभाव पड़ रहा है।

169 संस्थाएं आधार ई-केवाईसी पर लाइव

वर्तमान में देश की 105 बैंकों सहित 169 संस्थाएं ई-केवाईसी पर लाइव हैं। साथ ही केंद्र और राज्य दोनों द्वारा संचालित 1100 से अधिक सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों को देश में आधार का उपयोग करने के लिए अधिसूचित किया गया है। जबकि आधार कार्ड डिजिटल आईडी केंद्र और राज्यों में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लाभार्थियों को कल्याणकारी सेवाओं में पारदर्शिता और वितरण में सुधार करने में मदद कर रहा है। हांलाकि ई-केवाईसी को अपनाने से वित्तीय संस्थानों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और अन्य कई संस्थाओं की ग्राहक अधिग्रहण लागत में भी काफी कमी आई है।

आधार की वित्तीय समावेशन में अहम भूमिका

आधार के बढ़ती उपयोगिता से यह पता चल रहा है कि आधार वित्तीय समावेशन, कल्याणकारी वितरण और कई अन्य सेवाओं का लाभ उठाने में अहम भूमिका निभा रहा है। साथ ही आधार ई-केवाईसी सेवा तेजी से बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए पारदर्शी और बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान कर रही है। वहीं आधार से व्यापार करने में आसानी हो रही है। ग्रामीण निवासियों के जीवन को डिजिटल बनाने के लिए आधार पहचान सत्यापन के लिए ई-केवाईसी, प्रत्यक्ष धन हस्तांतरण के लिए आधार सक्षम डीबीटी और सुशासन के डिजिटल बुनियादी ढांचा में भी आधार अहम भूमिका निभाता है।

आधार ई-केवाईसी क्या है

KYC (नो योर कस्टमर) एक ऐसी प्रक्रिया है, इसका मतलब है अपने ग्राहक के बारे में जानें। इसके माध्यम से बैंक या संस्थान किसी व्यक्ति की पहचान और पते की पुष्टि करता है। बैंक या फाइनेंस कंपनियां, KYC की प्रक्रिया में अपने ग्राहकों के फोटो, पहचान प्रमाण, पता प्रमाण संबंधी डॉक्यूमेंट्स जमा कराती हैं। जब यह काम कागजी डॉक्यूमेंट्स की बजाय ऑनलाइन या डिजिटल तरीके से पूरा किया जाता है तो उसे इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी या E-KYC कहते हैं।
ई केवाईसी बैंकों या संगठन द्वारा इस्तेमाल किए गए निवासी का इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणीकरण का तरीका है। हांलाकि आप भी अपने बायोमेट्रिक सत्यापन (अंगुलियों के निशान, या रेटिना की बनावट के आधार पर) के माध्यम से आधार E-KYC करा सकते हैं।

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक और वित्तीय संस्थानों से वित्तीय ट्रांजेक्शन करने वाले सभी ग्राहकों के लिए आधार ई-केवाईसी अनिवार्य किया है। जबकि आधार धारक की पूर्ण सहमति के बाद से ही ई-केवाईसी लेनदेन निष्पादित किया जाता है। इसके साथ ही आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) उन लोगों के लिए वित्तीय समावेशन को भी सक्षम कर रही है जो आय पिरामिड में सबसे नीचे हैं। दिसंबर 2022 के अंत तक, एईपीएस और माइक्रो-एटीएम के नेटवर्क के माध्यम से संचयी रूप से 1610.44 करोड़ अंतिम मील बैंकिंग लेनदेन संभव हो गए हैं।.

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