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प्रदेश में 178 सडक़ें बंद बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त, ग्रामीणों की बढ़ी दिक्कतें

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प्रदेश में 178 सडक़ें बंद बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त, ग्रामीणों की बढ़ी दिक्कतें

बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त, ग्रामीणों की बढ़ी दिक्कतें
चंबा-किन्नौर में पांच ट्रांसफार्मर ठप होने से पसरा अंधेरा

हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के दूसरे दिन भी जख्म नहीं भरे हैं। प्रदेश में 178 सडक़ों पर अभी भी यातायात बंद हैं। यह सभी सडक़ें प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ती है। इन सडक़ों के बंद होने से प्रदेश के कई क्षेत्रों के लिए अभी भी संपर्क कटा हुआ है। सबसे ज्यादा सडक़ें लाहुल-स्पीति जिला में बंद है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार लाहुल -स्पीति जिला में कुल 132 सडक़ें, कुल्लू में 32, किन्नौर और कांगड़ा में 2-2, चंबा में एक, मंडी में सात और शिमला में भी दो सडक़ें अभी तक बंद हैं। राहत की बात यह है कि प्रदेश के लगभग सभी क्षेत्रों में बिजली बोर्ड ने बिजली बहाल कर दी है। प्रदेश में बिजली के अब सिर्फ पांच ट्रांसफार्मर ही बंद है। इनमें तीन चंबा और दो किन्नौर जिला में बंद है। बिजली बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इन ट्रांसफार्मर को भी ठीक कर दिया जाएगा।
मैदानी इलाकों में कोहरे शीतलहर का यलो अलर्ट
स्टाफ रिपोर्टर—शिमला
हिमाचल में दो दिन बर्फबारी के बाद 17 जनवरी तक मौसम साफ रहेगा। मगर, 18 और 19 जनवरी को फिर बारिश-बर्फबारी होने की आशंका है। इस बीच मौसम विभाग ने मैदानी इलाकों में अगले तीन दिन घना कोहरे व शीतलहर का यलो अलर्ट जारी किया है। बीते 48 घंटे के दौरान ऊंचे क्षेत्रों में हुई ताजा बर्फबारी के बाद लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। किन्नौर, लाहुल-स्पीति और चंबा के पांगी-भरमौर, मनाली में बर्फ जमने से सडक़ पर फिसलन बढ़ गई है। लोक निर्माण विभाग ने कुछ सडक़ों को यातायात के लिए खोल भी दिया है, लेकिन उन पर भी अभी सफर जोखिम भरा हो सकता है। सडक़ें बंद होने से पांगी, भरमौर, मनाली व लाहुल -स्पीति इत्यादि क्षेत्रों में दो दिन दैनिक उपयोग की खाद्य वस्तुओं दूध, ब्रेड, दही, मक्खन व सब्जियों की सप्लाई नहीं पहुंच पाई थीं।
15 दिन में 2.27 करोड़ का नुकसान
15 दिनों में हिमाचल प्रदेश को दो करोड़ 27 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 56 और शिमला जिला में 50 लाख रुपए के नुकसान का आंकलन है।
कालका में धुंध से धीमी पड़ी ट्रेन की रफ्तार
सिटी रिपोर्टर—सोलन
कोहरे की मार के कारण कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर रविवार को अप हिमालयन क्वीन चार घंटे देरी से चली। इस दौरान यात्रियों को स्टेशन पर घंटों इंतजार करना पड़ा, जबकि अन्य सभी ट्रेनें समय पर चली । हालांकि कालका स्टेशन पर दिल्ली सेे आने वाली ट्रेनें धुंध के चलते छह से सात घंटा लेट पहुंची है। धुंध के कारण जहां अन्य वाहन चालक ों को दिक्कतों सामना करना पड़ रहा है, वहीं ट्रेनों पर भी अब इसका असर देखने को मिला है। रविवार को भी दिल्ली से कालका आने वाली कालका मेल दस घंटे देरी से पहुंची, जबकि इसके बाद दोपहर 12 बजे कालका पहुंचने वाली शताब्दी भी शाम चार बजे पहुंची। इसके बाद कालका से शिमला की ओर हिमालयन क्वीन 42455 को रवाना किया गया। यह ट्रेन रात 9:30 बजे शिमला पहुंची।

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