नई दिल्ली: 172 करोड़ रुपये, 27 किलो सोना, वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों ने किया दान, पिछले 5 सालों में बढ़ा इतना चंदा
Mar 17, 2025 / 08:41 am
नई दिल्ली: माता वैष्णो देवी मंदिर में तीर्थयात्रियों के दान में पांच साल में भारी वृद्धि हुई है। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुताबिक दान वित्तीय वर्ष 2024-25 (जनवरी तक) में 171.90 करोड़ रुपए हो गया, जो 2020-21 में 63.85 करोड़ रुपए था। इस अवधि के दौरान मंदिर में सोने का चढ़ावा नौ किलो से बढ़करर 27 किलो से ज्यादा और चांदी का चढ़ावा 753 किलो से बढ़कर 3424 किलोग्राम हो गया।
RTI के जवाब में श्राइन बोर्ड ने दी जानकारी:
जम्मू के एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दायर एक याचिका का जवाब देते हुए श्राइन बोर्ड ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में दान या भेंट के रूप में 63.85 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। वित्त वर्ष 2021-22 में 166.68 करोड़ रुपए, 2022-23 में 223.12 करोड़ रुपए, 2023-24 में 231.50 करोड़ रुपए और 2024-25 (इस साल जनवरी तक) में 171.90 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।
2024-25 में 27.717 KG सोना हुआ प्राप्त
श्राइन बोर्ड के मुताबिक 2020-21 में 9.075 किलोग्राम, 2021-22 में 26.351 KG, 2022-23 में 33.258 किलोग्राम, 2023-24 में 23.477 किलोग्राम और 2024-25 (इस साल जनवरी तक) में 27.717 किलोग्राम सोना प्राप्त हुआ।
अशुद्ध रूप में प्राप्त हुई धातुएं:
इसी तरह 2020-21 में 753.630 किलोग्राम, 2021-22 में 2400.705 किलोग्राम, 2022-23 में 3756.582 किलोग्राम, 2023-24 में 4072.486 किलोग्राम और वित्त वर्ष 2024-25 में (इस साल जनवरी तक) 3424.538 किलोग्राम चांदी प्राप्त हुई। बोर्ड ने कहा कि धातुएं अशुद्ध रूप में प्राप्त हुईं। फिलहाल इनके मूल्य का पता नहीं लगाया गया।
कोरोना काल में पांच महीने बंद था मंदिर:
बता दें कि कोरोना काल में सिर्फ 17.20 लाख तीर्थयात्रियों ने मंदिर का दौरा किया था। इतिहास में पहली बार कोरोना महामारी के कारण मंदिर पांच महीने बंद रहा। इसे 16 अगस्त, 2020 को फिर खोल दिया गया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2021 में 55.88 लाख, 2022 में 91.25 लाख, 2023 में 95.22 लाख और 2024 में 94.84 लाख तीर्थयात्रियों ने माता के दर्शन किए।
1986 में हुई थी श्राइन बोर्ड की स्थापना:
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की स्थापना 1986 में हुई थी। इसे जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा श्री माता वैष्णो देवी श्राइन एक्ट, 1986 के तहत स्थापित किया गया था। इस बोर्ड का उद्देश्य माता वैष्णो देवी मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्रों का प्रबंधन, रखरखाव और विकास करना है ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।