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पेपर लीक लीक में 10 साल सजा, 10 करोड़ तक जुर्माना:राजस्थान में एंटी चीटिंग बिल पास

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पेपर लीक लीक में 10 साल सजा, 10 करोड़ तक जुर्माना:राजस्थान में एंटी चीटिंग बिल पास

👉 नकल गिरोह की संपत्ति जब्त होगी, अभ्यर्थी को भी 3 साल तक की जेल

प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कोई भी सार्वजनिक परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त प्रावधानों वाला एंटी चीटिंग बिल आज राजस्थान विधानसभा में पास हो गया। बिल में परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल लोगों को अपराध साबित होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। नकल कराने में शामिल लोगों पर सजा के साथ 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।

इस बिल में नकल गिरोह के लोगों की प्रॉपर्टी जब्त कर उसे कुर्क करने और सीज करने के प्रावधान भी किए गए हैं। किसी भी परीक्षा में अगर कोई परीक्षार्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।

1992 के कानून में सख्त प्रावधान नहीं

राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) विधेयक 2022 के पास होने के बाद अब नकल और पेपर लीक पर सख्त कानूनी प्रावधान लागू होंगे। दरअसल, राज्य में परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए 1992 का कानून बना हुआ है, लेकिन उसमें इस तरह के सख्त प्रावधान शामिल नहीं हैं।

परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए इस तरह का सख्त कानून उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी बना है। उत्तर प्रदेश में नकल करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। हालांकि यह प्रावधान राजस्थान विधानसभा में पास हुए बिल में नहीं है।

नए कानून के दायरे में 10 कैटेगरी के एग्जाम

इस बिल के दायरे में राजस्थान सरकार की हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं, स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को लिया गया है। सरकार हर तरह की परीक्षा को इस दायरे में ला सकती है। फिलहाल अभी इसमें सरकारी भर्ती परीक्षाओं, बोर्ड परीक्षाओं सहित 10 कैटेगरी की परीक्षाओं को शामिल किया है।

नकल कराने वाले गिरोह में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी होगी जब्त

नकल कराने वाले और पेपर लीक गिरोह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
नकल गिरोह में शामिल हर व्यक्ति पर कम से कम 10 लाख और अधिकतम 10 करोड़ तक का जुर्माना हो सकेगा।
पेपर लीक और नकल से कमाए गए पैसे के आधार पर जुर्माना बढ़ भी सकता है।
बिल में नकल गिरोह की प्रॉपर्टी जब्त कर उसे कुर्क करने और सीज करने के प्रावधान किए गए हैं।
परीक्षार्थी अगर नकल गिरोह का सदस्य है तो उसकी सजा और जुर्माना भी गिरोह के बाकी लोगों की तरह ही होगी। ऐसे में 10 साल सजा और 10 करोड़ तक का जुर्माना लग सकेगा।
हर तरह की परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा।
ऐसा प्रावधान करने से अब ऐसे मामलों में शामिल लोगों की जमानत नहीं होगी।
परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक की जांच एडिशनल एसपी लेवल का अफसर ही कर सकेगा, इससे नीचे रैंक का पुलिस अफसर इन मामलों की जांच नहीं कर सकेगा।

परीक्षार्थी ने नकल की तो 1 लाख तक जुर्माना

परीक्षार्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
नकल करते पकड़े जाने पर दो साल तक किसी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे।
स्कूल-कॉलेज से लेकर हर तरह की परीक्षाओं में नकल करने पर दो साल तक परीक्षा देने पर रोक का प्रावधान भी किया गया है।
अभी भी नकल में शामिल परीक्षार्थियों का रिजल्ट रोकने और परीक्षा से बाहर करने के प्रावधान हैं, लेकिन अब प्रावधान और कड़े किए जा रहे हैं।

एसओजी में बनी एंटी चीटिंग सेल, बजट में की थी घोषणा

नकल रोकने के लिए जांच एजेंसी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में एंटी चीटिंग सेल बनाई जा रही है। गृह विभाग ने एंटी चीटिंग सेल बनाने को मंजूरी दे दी है। जल्द ही यह सेल काम करना शुरू कर देगी। मुख्यमंत्री ने 23 फरवरी को बजट में इसकी घोषणा की थी। गौरतलब है कि नकल के खिलाफ यूपी और हरियाणा में भी सख्त कानून हैं। वहां पर भी नकल गिरोह की प्रॉपर्टी जब्त करने के प्रावधान वाला ​कानून है। अब राजस्थान में भी उसी तरह के प्रावधान लागू होने जा रहे हैं।

बिल पास होने से पहले रीट पेपर लीक के कई आरोपियों की जमानत

रीट परीक्षा पेपर लीक में हुए भारी विवाद के बाद राजस्थान सरकार ने कड़े प्रावधान वाला यह बिल लाने का फैसला किया। CM अशोक गहलोत ने 2 फरवरी को नकल रोकने के लिए सख्त प्रावधान वाला बिल लाने की घोषणा की थी। रीट पेपर लीक के कई आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं। इस बिल के प्रावधान लागू होने के बाद अब आसानी से जमानत नहीं होगी। एंटी चीटिंग बिल के मौजूदा प्रावधान लागू करने के लिए अब नियम बनेंगे।

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