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आमलकी एकादशी पर महिलाओं ने अर्जित किया पुण्य   

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आमलकी एकादशी पर महिलाओं ने अर्जित किया पुण्य 

   फतह सिंह उजाला  पटौदी।   फाल्गुन माह की आमलकी एकादशी के अवसर महिलाओं ने उपवास रख कर भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की विधिवत रूप से आंवले के पेड के नीचे बैठकर पूजा अर्चना करके विश्व शांति और परिवार की खुशहाली की दुआं मांगी I   पूरे दिन आंवले के पेड़ की पूजा अर्चना के लिए विभिन्न मंदिरों में महिलाओं का तांता लगा रहा । माया देवी शर्मा, तारों सैनी, कल्लो सैनी, नीरू शर्मा पूर्व नगर पार्षद, रीतू सैनी, सुमन सैनी, शुकंतला सैनी, मुन्नी यादव, सुशीला सैनी, लाली सैनी, गुढ़ढ़ो, शशि शर्मा , सीमा सैनी, नीशा सैनी, समाज सेवी राधेश्याम सैनी आदि   ने बताया कि     हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी व्रत होते हैं। फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो हिंदू धर्म के अनुसार सभी एकादशियों का काफी महत्व होता है, लेकिन इन सब में आमलकी एकादशी को सर्वोत्तम स्थान पर रखा गया है। आमलकी एकादशी के दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि आंवले का पेड़ भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। आमलकी एकादशी को कुछ लोग आंवला एकादशी या आमली ग्यारस भी कहते हैं। इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

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