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बुधवार का रोड जाम एक ट्रेलर था, पूरी फिल्म तो अभी बाकी

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बुधवार का रोड जाम एक ट्रेलर था, पूरी फिल्म तो अभी बाकी

कड़ाके की ठंड में ऊंचा माजरा के ग्रामीणों का मिजाज अभी भी गरम

गंदे पानी से नष्ट फसल की गिरदावरी सहित मुआवजे की मांग

मौके पर पहुंचे अधिकारियों की बातों पर ग्रामींणों को विश्वास नहीं

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
गांव ऊंचा माजरा के ग्रामीण बोले बुधवार का रोड जाम एक ट्रेलर था, पूरी फिल्म तो अभी बाकी है। यह प्रतिक्रिया ग्रामीणों के द्वारा गांव ऊंचा माजरा में गंदा पानी भरने से नष्ट होने के कगार पर पहुंच चुकी फसल और नष्ट हो चुकी सब्जी की फसल को लेकर व्यक्त की गई है। ऊंचा माजरा के ग्रामीणों का मिजाज अभी भी गरम बना हुआ है।  गंदे पानी से नष्ट फसल की गिरदावरी सहित मुआवजे की मांग की गई है। जाम खुलवाने के लिए पहुंचे अधिकारियों की बातों पर अभी भी ग्रामींणों को विश्वास नहीं हो रहा। स्पष्ट शब्दसें में दी चेतावनी कि तय समय पर नहीं हुआ समाधान तो फिर रोड जाम करेंगे।

पटौदी बिलासपुर से कुलाना के बीच गांव ऊंचा माजरा में ग्रामीणों के द्वारा किए गए रोड जाम के समाचार लिखे जाने तक 24 घंटे भी नहीं बीते । लेकिन ऊंचा माजरा के ग्रामीणों का मिजाज कड़ाके की सर्दी में अभी भी गरम बना हुआ है । ग्रामीणों ने मांग की है कि गंदे पानी के कारण किसानों की फसल सहित सब्जियों के नुकसान की स्पेशल गिरदावरी करवाकर सरकार जल्द से जल्द मुआवजे का भुगतान करें। इतना ही ग्रामीणों का यहां तक तर्क है कि गंदे पानी को आने से रोकने और निकासी में कोताही बरतने वाले संबंधित अधिकारियों से सरकार मुआवजा की वसूली कर किसानों को भुगतान करें, यदि एक बार सरकार के द्वारा ऐसा काम कर दिया गया तो संभव है भविष्य में अधिकारी समस्याओं के समाधान में कोताही नहीं करेंगे ।

ऊंचा माजरा गांव के पूर्व सरपंच ओम प्रकाश, पूर्व पंच महावीर, मोहनलाल, गंगाराम, नंबरदार दौलत राम, जय भगवान, प्यारेलाल सहित अन्य का आरोप है कि बोहड़ा कला की तरफ से बीते 3 वर्षों से गंदा पानी सड़क के किनारे बहता हुआ माजरा गांव तक पहुंच चुका है । इस गंदे पानी के कारण होने वाली परेशानी, विभिन्न प्रकार की बीमारियों को झेलने के साथ नारकीय जीवन भोगने वाले ग्रामीण अनेकों बार पंचायत विभाग के अधिकारियों, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों, उपमंडल नागरिक कार्यालय में भी अपनी समस्या के समाधान के लिए फरियाद कर चुके हैं । लेकिन समस्या दिन पर दिन गंभीर होती आ रही है। यही कारण रहा था कि बुधवार को ग्रामीण सड़क जाम करने के लिए मजबूर हो गए।

ऊंचा माजरा के ही ग्रामीण किसान के द्वारा बताया गया कि 5 एकड़ में उपजाई गई गोभी की फसल गंदे पानी के कारण नष्ट हो गई। इसके बाद फिर से गोभी की पौध लगाई गई है, लेकिन अब भी जहां पर गोभी की पौध लगाई गई है सीवर का गंदा पानी भरा हुआ है । कई किसानों की सरसों और गेहूं की फसल में भी गंदा पानी भरा होने से यह फसल गर्ल कर नष्ट होने का डर हर समय सता रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया की बोहड़ा कला और गांव उचा माजरा के बीच में औद्योगिक प्रतिष्ठानों का गंदा और केमिकल युक्त पानी लगातार बहते हुए गांव ऊंचा माजरा में पहुंच रहा है। अनेक बार संबंधित विभाग और अधिकारियों को शिकायत दी जाने के बावजूद भी गंदे पानी को आने से रोकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई । एक ग्रामीण ने तो यहां तक कह दिया कि जब सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की भी अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे , इसके बाद ग्रामीणों की क्या सुनवाई होगी । आगे कुछ कहने की जरूरत नहीं । अधिकारियों में सरकार सहित आम जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का भी कोई डर ही नहीं रह गया है ।
गुरुवार को ग्रामीणों के द्वारा कहा गया कि बुधवार को सड़क जाम खुलवाने के लिए पहुंचे अधिकारियों के द्वारा दिए गए आश्वासन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। क्योंकि ऐसे आश्वासन और भरोसे अधिकारियों के द्वारा कई बार दिए जा चुके हैं । फिर भी एक मौका और संबंधित अधिकारियों को दिया गया है , यदि 5 से 7 दिन के अंदर गंदे पानी का आगमन ऊंचा माजरा गांव में नहीं रोका गया तो फिर समस्त ग्रामीण एक बार फिर से सड़क जाम करने के लिए तैयार हैं । इस बार समस्या का समाधान जब तक नहीं कर दिया जाएगा , उस समय तक ग्रामीण रोड जाम किए रहेंगे । यदि ऐसे हालात बनेंगे तो इसके लिए पूरी तरह से शासन और प्रशासन की जवाबदेही होगी।

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