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हेलीमंडी में वाटर लॉगिंग और दुकानों पर लटके रहे लॉक

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हेलीमंडी में वाटर लॉगिंग और दुकानों पर लटके रहे लॉक

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की उपयोगिता पर भी उठे सवाल

सबसे अधिक 118 मिलीमीटर बरसात पटौदी में दर्ज की गई  

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 बीते कई दिनों से उमस भरी गर्मी से परेशान आम जनमानस को उस समय राहत मिली, जब मानसून की पहली बरसात हुई । मानसून की पहली बरसात में ही विभिन्न स्थानों पर जलभराव की समस्या का लोगों को सामना करना पड़ा । जलभराव से पटौदी-हेलीमंडी मुख्य सड़क मार्ग, श्री राम चौक , टोडापुर , हेली मंडी अनाज मंडी सहित अन्य क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए ।

मानसून की पहली ही बरसात में सबसे अधिक बरसात पटौदी में ही 118 मिलीमीटर दर्ज की गई । जिला मुख्यालय गुरुग्राम में 33 मिलीमीटर, कादीपुर में 25 मिलीमीटर , हरसरू में 25 मिलीमीटर , मानेसर में 10 मिलीमीटर, फरुखनगर में 29 मिलीमीटर, वजीराबाद में 18 मिलीमीटर , बादशाहपुर में 5 मिलीमीटर, सोहना में 4 मिलीमीटर बरसात होना दर्ज किया गया । पटौदी विधानसभा क्षेत्र के ही मुख्य व्यापारिक स्थल हेलीमंडी अनाज मंडी में मानसून की बरसात होते ही वाटर लॉगिंग की विकराल समस्या का सामना आम जनता से लेकर स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों को करना पड़ा । बरसाती पानी की निकासी के लिए ठोस और राहत भरी व्यवस्था नहीं होने की वजह से हेली मंडी अनाज मंडी परिसर में चारों तरफ बरसाती पानी हिलोरे लेता दिखाई दिया । बरसात के पानी का लेवल कम से कम 2 फुट तक हेली मंडी अनाज मंडी परिसर में कई घंटों तक बना रहा । बरसाती पानी भरने के कारण हेली मंडी के अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान और दुकाने पूरी तरह से बंद रही । बरसाती पानी बंद दुकानों के शटर के नीचे से दुकानों में घुसकर नुकसान का कारण भी बना। हेली मंडी अनाज मंडी क्षेत्र के रामपुर गेट से लेकर नवाबगंज तक और जाटोली रेलवे फाटक तक चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दिया । सबसे अधिक बरसात की मार छोटे दुकानदारों में शामिल रेहडी पर फेरी लगाकर साग सब्जी , फल फ्रूट व अन्य सामान बेचने वालों पर पड़ी ।

कुल मिलाकर मानसून की पहली बरसात जहां शहरी क्षेत्र में आफत बनकर गर्मी से राहत देने वाली रही । दूसरी ओर किसानों के लिए मानसून की पहली बरसात बेहद अनुकूल साबित हुई है । विशेष रुप से बाजरा उत्पादक किसानों के लिए मानसून की पहली बरसात बहुत ही फायदेमंद बताई गई है । इसके अलावा बरसात होने के साथ ही देहात के इलाके में घास फूस इत्यादि उगने का लाभ भी देहात के ही लोगों को मिलना निश्चित है , दुधारू मवेशियों को खुले में हरा चारा खाने के लिए उपलब्ध हो सकेगा । इसके अलावा गरीब वर्ग के पशुपालक जो कि भेड़ बकरी इत्यादि पाल कर अपना गुजर-बसर करते हैं । ऐसे लोगों को भी मानसून की पहली बरसात का लाभ मिला तय है । लेकिन जिस हिसाब से शहरी क्षेत्र में बरसात होने के साथ ही बरसाती पानी की लॉगिन हो जाती है और कई कई घंटे तक पानी की निकासी नहीं होने के कारण व्यापारियों सहित दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है । ऐसे में स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों की मांग है कि हेली मंडी अनाज मंडी परिसर से मानसून के दौरान बरसाती पानी जल्द से जल्द निकासी की ठोस व्यवस्था प्रशासन को करनी चाहिए।

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