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बुडापेस्ट में होने जा रहे केटलबेल स्पोर्ट वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हरियाणा के दो खिलाड़ी होंगे शामिल

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बुडापेस्ट में होने जा रहे केटलबेल स्पोर्ट वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हरियाणा के दो खिलाड़ी होंगे शामिल

· कैटलबेल स्पोर्ट वर्ल्ड चैम्पियनशिप – 2021 का आयोजन 22 से 24 अक्टूबर 2021 तक होगा।

· एम3एम फाउंडेशन ने विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भारतीय एथलीट को सपोर्ट किया है

· भारत से कुल 2 खिलाड़ी अंशु तारावथ और डॉ. पायल कनोडिया शामिल हो रही हैं जो दोनों हरियाणा की ही खिलाड़ी है।

· ऐसा पहली बार है जब भारतीय महिला खिलाड़ी इस तरह के टूर्नामेंट में भाग ले रही है

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम, : भारत में केटलबेल खेल में धीरे-धीरे खिलाड़ियों का रुझान बढ़ने लगा है। राज्य या राष्ट्रीय स्तर के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस खेल में भारत के खिलाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय यूनियन ऑफ़ केटलबेल लिफ्टिंग ( आई यू के एल ) द्वारा हंगरी के बुडापेस्ट में कैटलबेल स्पोर्ट वर्ल्ड चैम्पियनशिप – 2021 का आयोजन 22 से 24 अक्टूबर 2021 तक होने जा रहा है। इस खेल में दुनिया के 32 देशों से 450 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। भारत से कुल 2 खिलाड़ी अंशु तारावथ और डॉ. पायल कनोडिया शामिल हो रही हैं जो दोनों हरियाणा की ही खिलाड़ी है। हमारे देश में कैटलबैल स्पोर्ट इंडिया एसोसिएशन, राष्ट्रीय स्तर पर खेल का आयोजन करती आ रही है। यह खेल नया होने के कारण अभी अपनी पहचान बना रहा है।

टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर अंशु तारावथ ने कहा, “आई यू के एल केटलबाल वर्ल्ड चैंपियनशिप, बुडापेस्ट में भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है। मैंने अपनी तैयारी पर बहुत मेहनत की है, मुझे पूरा विश्वास है कि मैं यह टूर्नामेंट जीत कर ही लौंटू और अपने देश और राज्य का नाम रोशन करूँ। मेरे ट्रेनिंग से लेकर यहाँ तक के सफर में एम3एम फाउंडेशन ने जिस तरह सपोर्ट किया उसके लिए मैं उनको धन्यवाद देती हूँ।”

अंशु तारावथ, गुरुग्राम की निवासी हैं और केटलबाल स्पोर्ट की सर्टिफाइड एथलिट और प्रशिक्षक हैं। यह भारत सरकार की फिट इंडिया प्रोग्राम में खेल की अम्बेसडर भी हैं। महिला भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ( WICCI ) की खेल और मनोरंजन विभाग की हरियाणा राज्य की अध्यक्ष हैं।

हरियाणा के तावडू की ही एक और खिलाड़ी डॉ. पायल कनोडिया भी इस चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रही हैं। यह गुरुग्राम में एम3एम फाउंडेशन का सञ्चालन करती हैं और निर्माण श्रमिकों और उनके बच्चों की शिक्षा और विकास के लिए काम करती हैं। कोविड महामारी के बाद वैक्सीनेशन ड्राइव के माध्यम से लगातार लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करने का का कार्य भी इनकी संस्था द्वारा किया जा रहा है।

एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी और इस चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रही डॉ. पायल कनोडिया ने कहा, “ इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर बहुत रोमांचित हूँ और देश का प्रतिनिधित्व करने का गर्व भी है। यहाँ जीत कर तिरंगे के समक्ष खड़े होकर राष्ट्रगान गाते हुए देश के लिए मैडल लाने के लिए तैयार हूँ।“

भारत में कैटलबेल खेल को इस स्तर पर ले जाने का श्रेय कैटलबेल स्पोर्ट इंडिया एसोसिएशन (KSIA) जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय यूनियन ऑफ़ कैटलबेल लिफ्टिंग ( IUKL ) का सदस्य है। कोरोना वायरस के चलते जहां ओलिंपिक सहित सभी अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन रद्द कर दिए गए थे, वहीं इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ कैटलबेल लिफ्टिंग (IUKL) ने भी 21 से 26 अक्टूबर 2020 को जर्मनी में होने वाल वर्ल्ड चैंपियनशिप (World Kettlebell Championship)को रद्द कर दिया था। लेकिन इस वर्ष इसका आयोजन होने जा रहा है।

केटलबेल:

गिरिया (रूसी शब्द) जिसे केटलबेल के नाम से जाना जाता है, धातु से बना ठोस है, जिसका उपयोग 18 वीं शताब्दी में खेतों में फसलों का वजन करने के लिए किया जाता था। इस तरह के वजन का उपयोग १९वीं शताब्दी में सर्कस के खिलाड़ियों द्वारा जाता था। 1855 में उन्होंने रूस और यूरोप में मनोरंजन और प्रतियोगिता के लिए केटलबेल का उपयोग करना शुरू कर दिया। केटलबेल नाम 20वीं सदी में इस्तेमाल किया गया था। केटलबेल कच्चे लोहे या कास्ट स्टील से बना होता है जो एक हैंडल से जुड़ा होता है।

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