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दो दिन ताला, खुली मऊ लोकरी की पाठशाला और गुंजा राष्ट्रगान

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दो दिन ताला, खुली मऊ लोकरी की पाठशाला और गुंजा राष्ट्रगान

स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों सहित अभिभावकों और ग्रामीणों को मिली राहत

स्कूल में विभिन्न विषय के सात अध्यापक पढ़ाई कराने के लिए उपलब्ध

लेकिन र्प्याप्त संख्या में अध्यापकों का अभी भी बना हुआ है इंतजार

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव लोकरी में स्थित गवर्नमेंट हाई स्कूल मऊ लोकरी में अचानक अध्यापकों के तबादले और बच्चों की पढ़ाई अवरुद्ध होने से गुस्साए ग्रामीणों के द्वारा स्कूल के गेट पर 2 दिन तक तालाबंदी की गई। अपनी पूर्व चेतावनी के मुताबिक शुक्रवार को भी ग्रामीणों के द्वारा स्कूल के गेट के बाहर ही पंचायत करते हुए पहले से लगा ताला नहीं खोला गया । हालांकि गुरुवार को जिस समय स्कूल में तालाबंदी की गई थी, उसी दिन ही पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार और खंड शिक्षा अधिकारी डॉ धर्मपाल मौके पर पहुंचे थे और ग्रामीणों को समझाते हुए आश्वस्त किया था कि जल्द से जल्द स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति करवा दी जाएगी।

इसी मामले में पटौदी के एमएलए जो की पार्टी के कार्य से केरल गए हुए हैं, उनके द्वारा भी फोन पर बताया गया था कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है और बच्चों की निकट भविष्य में परीक्षा को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द स्कूल में ट्रांसफर अध्यापकों के स्थान पर अन्य अध्यापक उपलब्ध करवाने के प्रयास गंभीरता से किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को ग्रामीणों के द्वारा पहले से लगाया गया ताला नहीं खोला गया और सभी छात्र स्कूल में जाने से वंचित रहे । इस बात की जानकारी मिलने के बाद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशि अहलावत मौका पर पहुंची और उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति या अध्यापक उपलब्ध करवा दिए जाएंगे । जिससे कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो । हालांकि इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा यह भी आरोप लगाए गए कि जब विधायक से फोन पर बात की गई तो विधायक सत्यप्रकाश जरावता में 8 से 10 दिन के दौरान अध्यापक उपलब्ध करवाने की बात कही । दूसरी ओर शुक्रवार को ही स्कूल में विभिन्न विषय के 5 अध्यापक उपलब्ध करवा दिए गए, इस प्रकार स्कूल में अध्यापकों की संख्या कुल 7 हो गई औैर ताला भी खोल दिया गया था। यह सभी सात अध्यापक स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को विभिन्न विषय की पढ़ाई करवाने के लिए पर्याप्त माने जा रहे हैं ।

इस संदर्भ में ग्रामीणों के द्वारा किसी हद तक संतोष व्यक्त करते हुए कहा गया है कि सबसे अधिक चिंता बच्चों के बोर्ड एग्जाम को लेकर थी । अब अध्यापक स्कूल में पहुंच गए हैं , तो कम से कम बच्चे बिना किसी बाधा के नियमित रूप से अपनी पढ़ाई को जारी रख सकेंगे । इसके साथ ही ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जिन विषयों के अध्यापक अभी भी उपलब्ध नहीं है , शासन-प्रशासन और शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द उन विषय के अध्यापकों की भी स्कूल में नियुक्ति करवाने पर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए । शनिवार को सामान्य दिनों की तरह स्कूल में सभी छात्र छात्राएं पहुंचे। यहां पर स्कूल में प्रार्थना के बाद में राष्ट्रगान गाया गया और इसके साथ ही स्कूल परिसर में ही छात्र-छात्राओं तथा अध्यापक वर्ग के बीच सामान्य ज्ञान से संबंधित सवाल भी पूछे गए । कुल मिलाकर मऊ लोकरी स्कूल में अब बच्चों की पढ़ाई को लेकर हालात पूरी तरह से सामान्य बन चुके हैं और यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक सहित ग्रामीण भी संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं। फिर भी अभिभावकों और ग्रामीणों का यही कहना है कि बोर्ड एग्जाम को ध्यान में रखते हुए स्कूल में जितने भी अध्यापकों के पद रिक्त हैं उन पर अध्यापकों की प्रतिनियुक्ति की तरफ गंभीरता से ध्यान दिया जाने की जरूरत है ।

शिक्षा के मंदिर पर विपक्ष की राजनीति
इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा कहा गया है कि मौजूदा समय में विपक्ष और विपक्षी नेताओं के पास सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कोई मुद्दा बाकी ही नहीं बचा। संभवत यही कारण है कि अब शिक्षा के मंदिर स्कूलों के बाहर बैठकर राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है । उन्होंने कहा स्कूलों को मर्ज करने से तथा अध्यापकों के एक स्कूल से दूसरे स्कूल में तबादला किए जाने को लेकर थोड़ा बहुत तालमेल में गड़बड़ी अवश्य हुई है। लेकिन इतना विलंब भी नहीं हो रहा , जितना कि विपक्षी नेताओं के द्वारा मामले को तूल देकर अपनी राजनीतिक रोटियां से की जा रही है । उन्होंने कहा पटौदी विधानसभा क्षेत्र में 1 वर्ष के दौरान सबसे अधिक स्कूल अपग्रेड किए गए और एक नया कॉलेज भी रिकॉर्ड समय में आरंभ किया गया है । यह सब देश का भविष्य युवा छात्र वर्ग के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखकर ही किया गया है।  भाजपा नेतृत्व वाली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में हर प्रकार की सुविधा और शिक्षण संस्थान में संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए पूरी तरह से गंभीर है। 

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