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आज के वैदिक विचार

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आज के वैदिक विचार🌷

प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय कैसे प्राप्त करें ?

प्राय: सामान्य परिस्थिति में कोई व्यक्ति न झूठ बोलता है, न क्रोध करता है, न चोरी करता है, न इन्द्रिय-आसक्त होता है, न कुछ छिपाता है। अनुकूल परिस्थितियों में अधिकतर व्यक्ति प्रसन्न, सन्तुष्ट, शान्त, सुखी और निर्भीक बने रहते हैं।

लेकिन जीवन में विरोध, संकट, अभाव, अन्याय, पक्षपात, आरोप, विश्वासघात, छल-कपट, निन्दा, हानि, रोग आदि की स्थितियाँ भी आती रहती हैं। फलस्वरूप मनुष्य के अन्दर हिंसा, ईर्ष्या, लोभ आदि वितर्क उत्पन्न होते हैं और वह गलत निर्णय ले लेता है।

प्रतिकूल परिस्थितियों के उपस्थित होने पर जो व्यक्ति शान्त रहता है, अपने मन की स्थिति को नहीं बिगड़ने देता है, उस व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्ग पर आरुढ़ होना कहते हैं। उसे जीवन में परिपक्व (पूर्ण कुशल) कहते हैं।

कठिनाईयाँ जब मनुष्य के सामने आती हैं, उस समय यदि व्यक्ति संयम खो बैठता है, उसका स्तर गिर जाता है तो समझ लेना चाहिए कि वह संयमी नहीं है, तपस्वी नहीं है, पूर्ण रूप से कुशल नहीं है।

विपरीत परिस्थितियों पर सफलता पाने के लिए काम, क्रोध, लोभ, मोह, राग, द्वेष, ईर्ष्या, अहंकार पर नियन्त्रण रखना अनिवार्य हैं और यह प्राप्त होता है वेद और आर्ष ग्रन्थों के स्वाध्याय करने से, वेदों की आज्ञाओं का पालन करने से, यम-नियम को जीवन का अंग बनाने से, पंच महायज्ञ को प्रतिदिन करने से।

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