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हाथ, पांव, गाड़ी तुड़वाने के लिए लाठी डंडे नहीं, खड्डा पर्याप्त

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हाथ, पांव, गाड़ी तुड़वाने के लिए लाठी डंडे नहीं, खड्डा पर्याप्त

पटौदी बिलासपुर के बीच खंडेवला मोड पर बना खतरनाक खड्डा

दिन या रात के समय यहां मोड पर अक्सर होते रहते हैं हादसे

स्थानीय लोगों के मुताबिक शिकायत करने पर भी मरम्मत नहीं

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
हाथ, पांव या फिर कीमती गाड़ी तोड़ने और तुड़वाने के लिए किसी लाठी-डंडे या फिर झगड़ा करने की जरूरत ही नहीं है। जी हां यह पढ़कर और जानकर बिल्कुल भी चौंकने की जरूरत नहीं है , हकीकत क्या और कारण क्या है ? यह भी खुलासा कर रहे हैं । हाथ पांव सहित गाड़ी तुड़वाने के लिए सड़क के तिराहे पर एक खड्डा ही बहुत है और यह खड्डा बिलासपुर-हेली मंडी-कुलाना रोड के मध्य खंडेवला मोड़ पर खंडेवला जाने वाले रास्ते के मुहाने पर ही मौजूद है।

स्थानीय दुकानदारों सहित आसपास के ग्रामींणों गजे सिह, विक्रम चौहान, ओम प्रकाश, धर्मबीर कौशिक, सतीश कुमार, रमेशचद, रामकुमार सहित अन्य की मानें तो बारंबार शिकायत करने के बावजूद भी इस खतरनाक खड्डे को मरम्मत करने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।  इतना ही नहीं थोड़ा सा आगे और चलकर नूरगढ़-पाल्हावास मोड के नजदीक भी सड़क पर बेहद खतरनाक तरीके से खड्डे बने हुए हैं। यहां जाटोली से राजपुरा मोड पर अक्सर पुलिस नाका भी लगा रहता है, जिसके कारण वाहन चालक अपने वाहनों की स्पीड को नियंत्रण में रखते हैं । लेकिन रात के अंधेरे में विशेष रुप से दो पहिया वाहन चालक हादसे का शिकार होते चले आ रहे हैं।

खंडेवला जाने वाली सड़क मार्ग के मुहाने पर जिसे कि जाटोली के तिराहे को खंडेवला मोड भी बोला जाता है, बिल्कुल वही मुख्य सड़क के साथ यह खतरनाक खड्डा बीते कई महीनों से पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के लिए भी एक चुनौती साबित हो रहा है । फरुखनगर से खंडेवला होते हुए हेली मंडी आवागमन के लिए बीच रास्ते में अनेक गांव हैं । खंडेवला में ही डीडीआर कॉलेज भी मौजूद है , ऐसे में ग्रामीणों सहित अन्य वाहन चालकों का आवागमन होता ही रहता है । स्थानीय दुकानदारों की मानें तो सबसे अधिक खतरा रात के समय उस समय बन जाता है, जब बिजली गुल हो जाए । अंधेरे में पता ही नहीं लगता कि खड्डा सड़क के बीचो बीच किसी के लिए भी दुर्घटना का कारण बन सकता है ।

इस खड्डे के कारण अक्सर साइकिल सवार खेतों से चारा इत्यादि लाने वाले दोपहिया वाहन सवार दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुके हैं । तिराहा होने की वजह से और मुख्य सड़क के बराबर में होने के कारण जब दोनों तरफ से अचानक वाहनों का आवागमन होता है तो वाहन चालक सड़क के मुहाने पर गहरा और खतरनाक खड्डा देखकर हड़बड़ी में अपने-अपने वाहनों को दाएं बाएं करने के चक्कर में एक दूसरे से अपनी गाड़ियां भी भिड़ा बैठते हैं । जिसके कारण अक्सर वाहन चालकों में कहासुनी होने के साथ ही हाथापाई तक की भी नौबत आ चुकी है । स्थानीय दुकानदारों और निवासियों का कहना है कि कोई बड़ा गंभीर हादसा हो , उससे पहले ही पीडब्ल्यूडी विभाग को खंडेवला मोड सहित जाटोली मोड पर बेहद खतरनाक रूप ले चुकी सड़क की जल्द से जल्द मरम्मत कर आम जनता सहित वाहन चालकों को राहत उपलब्ध करवाने की पहल करनी चाहिए।

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