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भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा : दुष्यत

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भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा : दुष्यत

’भ्रष्टाचार की नियमित शिकायत पर अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्यवाही

हरियाणा जीएसटी स्क्रुटनी मैनुअल भी की गई लांच, प्रक्रिया बनाई सरल

जीएसटी को लेकर गुरुग्राम में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया

फतह सिह उजाला
गुरुग्राम । 
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। ऐसे अधिकारी जिनके खिलाफ नियमित तौर पर शिकायतें मिल रही हैं और उनके खिलाफ कार्यवाही होनी पेंडिंग है, उन पर जल्द से जल्द कार्यवाही की जाएगी।

डिप्टी सीएम चौटाला मंगलवार को गुरुग्राम में टैक्सपेयर फ्रेंडली मेजर तथा हरियाणा जीएसटी स्क्रुटनी मैनुअल के लॉन्चिंग उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों से रूबरू थे।  दुष्यत ने कहा कि आयोजित कांफ्रेंस के दौरान भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन अधिकारियों के खिलाफ नियमित तौर पर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं , उनसे सख्ती से निपटा जाए। उन्होंने कहा कि हमारे पास उन्हें 50 साल के बाद 55 साल या 58 साल तक एक्सटेंशन देने का अधिकार है, उन्हें अब 48 साल की उम्र से रिव्यु करके आवश्यक कार्यवाही करते हुए जल्द से जल्द रिलीव किया जाएगा।

सेमिनार में बुकलेट भी लांच की
उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर गुरुग्राम में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में भारत सरकार के अलावा कई उच्च अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया है। जिसमें बिजनेस इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर सहित रिटेलिंग आदि को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस सेमिनार में एक बुकलेट भी लांच की गई  जिसमें जीएसटी सहित कई अन्य प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है जिससे अधिकारियों की पहले की अपेक्षा कार्य क्षमता भी बढ़ेगी और टैक्सेशन बढ़ाने के लक्ष्य को समय से प्राप्त कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को यूनाइटेड किंगडम द्वारा भी प्रशिक्षित किया जाएगा जो तीन- तीन दिन के सेमिनार के तहत चार अलग-अलग बैचों में अधिकारियों को ट्रेनिंग देंगे।

बीते वर्ष के मुकाबले 4000 करोड़ ज्यादा जीएसटी
राजस्व संग्रहण संबंधी पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले साल प्रदेश में 31 हज़ार करोड़ जीएसटी संग्रहण किया गया जबकि इस वर्ष लगभग 35 हजार करोड़ जीएसटी संग्रहण किया गया है , जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 4000 करोड़ अधिक है। हमारा लक्ष्य है जीएसटी संग्रहण का आंकड़ा 40 हज़ार करोड़ से अधिक हो और यह तभी संभव होगा जब लोगों से जो जीएसटी रिकवर की जानी है और पेंडिंग है ,उसे जल्दी मॉनिटर करते हुए पूरा किया जाए । इसके साथ ही हमारा प्रयास है कि जो लोग झूठी कंपनियां बनाकर जीएसटी क्लेम करते हैं उन लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि जीएसटी काउंसिल में कंपनी के रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की अवधि को बढ़ाने को लेकर भी प्रस्ताव रखा जाएगा कि आधार पर 7 दिन की बजाए 30 दिन तथा बिना आधार पर 30 दिन की अवधि को बढ़ाकर 90 दिन तक किया जाए।

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