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हाईकोर्ट ने कहा- कठोर कानून के बावजूद पंजाब सरकार नशे के प्रवाह को रोकने में नाकाम

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हाईकोर्ट ने कहा- कठोर कानून के बावजूद पंजाब सरकार नशे के प्रवाह को रोकने में नाकाम

नशा तस्करी के मामले में आरोपी की नियमित जमानत याचिका को खारिज करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट नशे के दुष्प्रभाव को लेकर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि नशा पंजाब में बुनियादी सामाजिक ढांचे को खा रहा है और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। कठोर कानूनों के बावजूद नशे के प्रवाह को रोकने में राज्य सरकार नाकाम रही है। हर रोज एक युवा नशे की गिरफ्त में आकर दम तोड़ रहा है और जब तक कठोर कदम नहीं उठाएंगे तब तक इस आफत से बचने की कोई उम्मीद नहीं है। राजस्थान के कोटा निवासी हरनूर सिंह की होशियारपुर में एनडीपीएस मामले में दर्ज एफआईआर में नियमित जमानत की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। याची ने बताया था 7 मार्च 2022 को उसे राजस्थान के कोटा के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था। 9 मार्च को उससे होशियार से उसकी कार से 10 किलो अफीम जब्त किए जाने के आरोप लगा एफआईआर दर्ज कर दी गई जबकि उसकी कार उसी होटल के बाहर थी।

बाद में पुलिस कर्मी एक अलग रूट से उसे पंजाब लेकर आए थे और विभिन्न टोल प्लाजा की फुटेज इसकी गवाह हैं। याचिकाकर्ता के पिता ने 23 मार्च को पंजाब के डीजीपी सहित अन्य उच्च अथॉरिटी से सबूत और सीसीटीवी फुटेज की मांग को लेकर रिप्रजेंटेशन दे दी थी लेकिन इसी दौरान पुलिस ने 30 मार्च को ट्रायल कोर्ट में उसके खिलाफ चालान पेश कर दिया। चालान को रद्द करने और इस मामले की निष्पक्ष जांच के साथ ही नियमित जमानत की हाईकोर्ट से मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में याची की दलीलें काफी प्रतीत नहीं होती हैं। यदि उसका अपहरण हुआ तो जिस होटल में वह रुका था उसके स्टाफ ने पुलिस को इसकी सूचना क्यों नही

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