वृद्ध की पीड़ा- सरकार ने नहीं सुनी, अब महाकाल ही सुनेंगे, 71 साल का शख्स 150KM उल्टा लेटकर जा रहा राजगढ़ से उज्जैन, बोले- ‘शिवराज’ ने नही सुनी अब ‘शिव’ सुनेंगे
वृद्ध की पीड़ा- सरकार ने नहीं सुनी, अब महाकाल ही सुनेंगे, 71 साल का शख्स 150KM उल्टा लेटकर जा रहा राजगढ़ से उज्जैन, बोले- ‘शिवराज’ ने नही सुनी अब ‘शिव’ सुनेंगे
सिर पर गमछे की पगड़ी, तन पर हाफ पेंट और बंडी, उसमें भी जगह-जगह छेद, बिना जूते-चप्पल के चलने से तलवे में पड़े छाले अब गांठ का रूप ले चुके हैं. ये हाल हैं 71 साल के भेरूलाल गुर्जर के. मध्यप्रदेश के राजगढ़ से 65 किलोमीटर दूर जीरापुर अंचल के जेथली गांव के रहने वाले भेरूलाल के घर के सामने दबंगों ने गोबर और कचरा फेंकना शुरू कर दिया. बदबू के मारे परिवार का जीना मुहाल हो गया. पंचायत से लेकर तहसील और फिर सीएम हेल्पलाइन तक पीड़ा सुनाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. वह बाबा महाकाल के सामने अर्जी लगाने के लिए उज्जैन निकल पड़े. 20 दिन से वे पीठ के बल लेटकर राजगढ़ से उज्जैन की यात्रा पर हैं.
करीब 60 किलोमीटर तक जमीन पर लोट लगाकर आगर जिले की सीमा में पहुंच गए हैं. बुजुर्ग की दास्तां जानने जब बाबा को खोजते हुए उज्जैन-कोटा हाईवे पर पहुंचा गया तो सड़क किनारे तन पर फटे कपड़े पहने बुजुर्ग लोट लगा रहा था. गर्म डामर पर वे उल्टे लेटते हुए नारियल को सिर के पास रखते हैं, फिर खड़े होते हैं. नारियल के निशान पर पैर रखते हैं और फिर सड़क पर उल्टा लेट जाते हैं. कहते हैं कि यह कोई मन्नत के लिए नहीं है. घर के सामने से कचरे के ढेर को हटवाने के लिए कर रहा हूं. अब इस समस्या को महाकाल ही दूर करेंगे.
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