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मानेसर नगर निगम भंग की गेंद, एमएलए जरावता और राकेश के पाले में पहुंची

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मानेसर नगर निगम भंग की गेंद, एमएलए जरावता और राकेश के पाले में पहुंची

मानेसर नगर निगम में शामिल सभी 30 गांवों की दूसरी महापंचायत आहूत

महापंचायत का दो टूक है कहना, हमको मानेसर नगर निगम में नहीं रहना

23 दिसंबर 2020 को मनोहर केबिनेट ने मानेसर नगर निगम पर लगाई मुहर

फतह सिंह उजाला
पटौदी/मानेसर ।
 हरियाणा के 11वें नगर निगम मानेसर नगर निगम की पहली वर्षगांठ के मौके पर ही इसकी मुखालफत भी आरंभ हो गई थी।  वर्ष 2022 के आरंभ होने से पहले ही 29 दिसंबर को मानेसर नगर निगम को भंग किए जाने की मांग को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया। इसके बाद एक बार फिर से मानेसर नगर निगम में शामिल सभी 30 गांवों के प्रबुद्ध ग्रामीणों और पूर्व सरपंच, सरदारी के द्वारा महापंचायत का आयोजन कर मानेसर नगर निगम को भंग किया जाने के लिए पटौदी के एमएलए तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री सत्य प्रकाश जरावता सहित बादशाहपुर के एमएलए राकेश दौलताबाद को ग्रामीणों की मांग का समर्थन करने की बात कहते अब गेंद पूरी तरह से इन दोनों एमएलए के पाले में पहुंचा दी गई है ।

गौरतलब है कि गुरुग्राम के दूसरे नगर निगम और हरियाणा के 11वें नगर निगम मानेसर नगर निगम पर 23 दिसंबर 2020 को हरियाणा सरकार की कैबिनेट की बैठक में मुहर लगाई गई थी । नए मानेसर नगर निगम में 30 गांवों को शामिल किया गया था । इसके बाद से नए नगर निगम के अधिकारियों की भी नियुक्ति कर दी गई और नगर निगम के रूप में शामिल किए गए गांव में कार्य भी शुरू कर दिए गए। वही बीते एक वर्ष में कई बार नए मानेसर नगर निगम के अधिकारियों की विभिन्न मुद्दों सहित विकास कार्यों को लेकर भी पटौदी के एमएलए जरावता बैठक आयोजित कर चुके हैं । बीते दो-तीन दिनों से हो रही लगातार बरसात के बाद हाड जमा देने वाली ठंड के बावजूद एक बार फिर से मानेसर नगर निगम को भंग किया जाने का मुद्दा गरम हो गया है ।

मानेसर नगर निगम के भंग किये जाने के मुद्दे पर दूसरी महापंचायत में मुख्य रूप से ओमप्रकाश मानेसर, शिवचंद सरपंच शिकोहपुर, रवि सरपंच सिकंदरपुर, ईश्वर सरपंच भांगरोला , चंद्रपुर सरपंच कांकरोला, धर्मवीर सरपंच कुकड़ोला, रामवीर सरपंच बारगुर्जर, नेतराम सरपंच सहरावन, वेद रामपुरा, हुकम फौजी नखरोला, शेर सिंह नवादा, भगत नंबरदार नाहरपुर, मोती हवलदार कासन, सहित गांव कासन ,खोह ,नाहरपुर, कासन, नवादा, फतेहपुर, ढ़ाणा, बासकुशला, बास हरिया, ककरोला, भांगरोला, ढ़ोरका, वजीरपुर, बढ़़ा, सिकंदरपुर, रामपुर, शिकोहपुर, नखरोला, बार गुज्जर, नौरंगपुर, मेवका, हयातपुर , सहरावन, नैनवाल, कुकड़ाला,े झुंडसराय , फाजल वास, गोपालपुर , गढ़ी हरसरू की सरदारी बड़ी संख्या में शामिल अथवा मौजूद रही। यहां महापंचायत में ग्रामीण अपनी आवाज बुलंद करने के साथ ही सरकार तक पहुंचाने के लिए एकजुट हुए । महापंचायत में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा अपनी अपनी बातें रखी गई। इसके बाद फैसला यह किया गया कि आगामी 16 जनवरी रविवार को एक बार फिर से महापंचायत का आयोजन किया जाएगा और इस महापंचायत में पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता तथा बादशाहपुर के एमएलए राकेश दौलताबाद को भी आने के लिए निमंत्रण दिया जाएगा ।

महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि दोनों एमएलए को आमंत्रित कर उनसे मानेसर नगर निगम को भंग किया जाने के लिए समर्थन करने की सामूहिक मांग की जाएगी । ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में फिर दोहराया कि मानेसर नगर निगम बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। क्षेत्र का जनप्रतिनिधि होने के नाते एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता और एमएलए राकेश दौलताबाद की भी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि अपने क्षेत्र की जनता की मांग और आवाज का समर्थन करें और महापंचायत की आवाज सहित मांग को हरियाणा सरकार तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तक भी पहुंचाएं । महापंचायत ने नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर गहरा रोष और असंतोष जाहिर किया गया । महापंचायत में यह बात भी पुरजोर तरीके से कही गई कि मानेसर नगर निगम सरकार के द्वारा यहां 30 गांव के ग्रामीणों पर जबरदस्ती थोपा गया है। सरकार को अपने इस फैसले पर जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए पुनर्विचार करना होगा।

एमएलए जरावता पर अधिक दबाव
मानेसर नगर निगम बनाने का अथवा बनवाने का अधिकतम श्रेय पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के खाते में ही जाता है । क्योंकि वह मूल रूप से वर्तमान में मानेसर में ही निवास कर रहे हैं और उनके द्वारा ही मानेसर नगर निगम बनाने की कथित रूप से पैरवी भी की गई थी । वही जानकारों का यह भी कहना है कि एमएलए जरावता के द्वारा मानेसर नगर निगम बनाने अथवा बनवाने का अपना काम पूरा किया जा चुका है । अब यदि जनता मानेसर नगर निगम नहीं चाहती तो जन भावना का भी ध्यान रखते हुए सम्मान करना चाहिए । ऐसे में यदि वह महापंचायत का समर्थन भी करते हैं , तब भी उनके द्वारा बनवाए गए मानेसर नगर निगम के मुद्दे को लेकर किसी प्रकार का  राजनीतिक अहम बाधक नहीं बनना चाहिए। देखा जाए तो एमएलए जरावता के दोनों हाथ एक प्रकार से मजबूत और बराबर ही रहेंगे । वैसे भी मानेसर नगर निगम का सभी प्रकार से श्रेय एमएलए जरावता के द्वारा ही लिया गया था ।

विपक्ष को भी मिल गया मुद्दा
गठबंधन सरकार के कार्यकाल का लगभग आधा समय बीत चुका है और आधा समय अभी बाकी है। वही मानेसर नगर निगम के अभी चुनाव भी नहीं हो सके हैं । इसके लिए वार्ड बंदी सहित अन्य प्रकार की प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। ऐसे में मानेसर नगर निगम में शामिल 30 गांवों की सरदारी के द्वारा विरोध किया जाने से विपक्षी दलों को भी मुद्दा मिल गया है । इस संदर्भ में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पटोदी से चुनाव लड़ चुके सुधीर चौधरी , कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा , प्रवेश यादव, राज ठेकेदार और इंडियन नेशनल लोकदल के स्थानीय नेताओं के द्वारा भी महापंचायत और महापंचायत की मांगों का समर्थन किया जाने से यही कयास लगा जाए लगाए जा रहे हैं कि आगामी महापंचायत तक पटौदी के एमएलए और बादशाहपुर के एमएलए दोनों पर ही 30 गांव की सरदारी का दबाव मानेसर नगर निगम को भंग किया जाने के लिए बढ़ता चला जाएगा । अब देखना यह है कि 16 जनवरी को आहूत महापंचायत में एमएलए जरावता और एमएलए राकेश दौलताबाद पहुंचते हैं अथवा नहीं पहुंच पाते हैं।

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