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संसद सत्र का आरंभ शहीद किसानों को श्रद्धांजलि के साथ हो: दीपेंद्र हुड्डा

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संसद सत्र का आरंभ शहीद किसानों को श्रद्धांजलि के साथ हो: दीपेंद्र हुड्डा

पीएम मोदी किसान आंदोलन में शहीद किसान परिवारों से भी मांगे माफी

किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे लिए जाएं वापस

670 शहीद किसानों के परिवारों को मिले मदद-रोजगार दे सरकार

किसान और कृषि हित में एमएसपी पर भी कानून लागू किया जाए

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम ।
 कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार से आरंभ हो रहे संसद सत्र और पीएम मोदी के द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बीच इस बात पर जोर दिया है कि किसान आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों को सबसे पहले श्रद्धांजलि देने के साथ ही संसद सत्र का आरंभ होना चाहिए। उन्होंने कहा हरियाणा से लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में 15 सांसद हैं। किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा के भी विभिन्न जिलों से 75 किसानों के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन और केंद्र सरकार के द्वारा थोपे गए कृषि कानूनों के विरोध में शहादत दी गई है।

विपक्ष का सांसद होने के नाते मेरी पीएम मोदी सहित केंद्र सरकार से मांग है कि संसद सत्र का आरंभ किसान आंदोलन में शहीद होने वाले किसानों को सबसे पहले श्रद्धांजलि देने के बाद ही सत्र का आरंभ होना चाहिए। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इस बात का पुरजोर समर्थन किया कि किसान और कृषि हित में एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया जाना जरूरी है । किसान आंदोलन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग ही है। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार के द्वारा तैयार कर लागूकर थोप दिये गए कृषि कानूनों को देशभर के किसानों ने नकारते हुए अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक ही किसान आंदोलन शुरू किया था । इस आंदोलन की सबसे महत्वपूर्ण बात और खूबसूरती किसानों का अहिंसात्मक और आजादी के बाद सबसे लंबा समय तक चलने वाला आंदोलन ही है।

उन्होंने कहा कि अभी तक पीएम मोदी से लेकर केंद्र सरकार के किसी भी मंत्री और सत्ता पक्ष के सांसद के द्वारा किसान आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों के प्रति संवेदना का एक शब्द भी नहीं कहा गया है । जबकि वास्तव में किसान अपनी आने वाली पीढ़ी, कृषि की जमीन और जीविका के संसाधन को बचाए रखने के लिए ही 1 वर्ष से अपने घरों से बाहर दिल्ली के आसपास शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन करते हुए धरना पर बैठे हैं । उन्होंने कहा पीएम मोदी और केंद्र सरकार की जिद के कारण ही किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा है । उन्होंने यह भी मांग की है कि किसान आंदोलन के दौरान देशभर में विभिन्न राज्यों में किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे बिना शर्त वापस लिए जाएं । इसके साथ ही शहीद होने वाले किसान परिवारों को मुआवजे का भुगतान किया जाने के साथ ही रोजगार की भी व्यवस्था की जाए। अनेक किसान ऐसे शहीद होने वालों में शामिल हैं जो कि अपने अपने परिवारों के एकमात्र सदस्य थे । इनमें 18 वर्ष से लेकर 90 वर्ष तक के किसान भी शामिल हैं ।

इसी मौके पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार की निष्पक्ष पारदर्शी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 7 वर्ष के कार्यकाल में विभिन्न 38 पेपर लीक हुए अथवा करवाए गए। पेपर लीक घोटाला देश का व्यापम घोटाले से भी बड़ा घोटाला है । क्योंकि व्यापम घोटाले में तो 18 पेपर ही केवल मात्र लीक हुए थे , जबकि हरियाणा में उसके मुकाबले 2 गुना अधिक पेपर लीक हुए हैं । उन्होंने कहा की जब सरकारी नौकरियों की हरियाणा की सर्वाेच्च संस्थाओं के अधिकारियों के कब्जे से ही करोड़ों रुपए की नकदी बरामद की जा चुकी है, तो इसी बात से पता लग जाता है कि किस प्रकार से भर्ती घोटाले का खेल चल रहा है।

भर्ती घोटाला सही मायने में प्रदेश के योग्य और रोजगार के पात्र युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जाना ही है । हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर के एग्जाम में भी ऐसे ऐसे सवाल पूछे गए जिनका शायद प्रश्नपत्र तैयार करने वालों को भी जवाब मालूम नहीं होगा ? इसी मौके पर उन्होंने हरियाणा सरकार के मुखिया सीएम मनोहर लाल खट्टर पर कटाक्ष करते कहा की सीएम खट्टर केवल घोषणा मंत्री बन कर रह गए हैं । सत्ता में आने से 7 वर्ष पूर्व उनके द्वारा जो भी घोषणा की गई थी व सत्ता में आने के बाद जो वायदे किए गए। अब 7 वर्ष पूरे होने पर सबसे पहले इनका ही हिसाब प्रदेश की जनता को देना चाहिए । कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने साफ-साफ कहा केंद्र में मोदी और राज्य में सीएम खट्टर को जुमलेबाजी बंद कर पर देश और प्रदेश के निवासियों के हित में कार्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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