OPS हो जाइए खुश! जल्द ही नई पेंशन योजना में होगा बदलाव
OPS: हो जाइए खुश! जल्द ही नई पेंशन योजना में होगा बदलाव, आंध्रा मॉडल को आधार बनाने पर हो रहा विचार
ओल्ड पेंशन स्कीम को पुनः लागू करने की मांग अब तेज हो गई है. 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने नई पेशन नीति को लागू करने के साथ ही पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का फैसला लिया था. ऐसे में तब से ही पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने की मांग तेज हो गई थी. हालांकि देश के 5 राज्य अब तक अपने प्रदेशों में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का निर्णय ले चुके हैं और ये सारे राज्य भाजपा शासित नहीं हैं. इनमें पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश शामिल है. बिहार में भी पड़ोसी राज्य झारखंड में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने के निर्णय के बाद मांग तेज हो गई है कि इसे यहां भी लागू किया जाए. राजद के चुनाव घोषणापत्र में यह था भी, अब वहां महागठबंधन की सरकार है तो इसकी मांग में तेजी आई है. हालांकि अब इनके अलावा कई भाजपा शासित राज्यों से भी इसकी मांग उठने लगी है. ऐसे में कर्नाटक की भाजपा सरकार ने राज्य से एक टीम राजस्थान इसको समझने के लिए भेजने का निर्णय लिया है कि इसे कैसे लागू किया गया है. वहीं मध्यप्रदेश सरकार भी इसको लेकर हरकत में आई है.
आपको बता दें कि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के महीने के वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा मासिक पेंशन के रूप में दिया जाता था. यह पूरा वहन सरकारों को उठाना पड़ता था जिसका अतिरिक्त बोझ सरकार सके ऊपर पड़ता था. अब नई पेंशन योजना जो लागू है यह अंशदान के आधार पर की गई व्यवस्था है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों पैसे देते हैं और इसके आधार पर ही पेंशन की राशि रिटायरमेंट के बाद उपभोक्ता को दी जाती है. ऐसे में इस व्यवस्था से कर्मचारियों को ज्यादा नुकसान हो रहा है जबकि सरकारों पर आर्थिक बोझ कम हुआ है.
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