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एक तरफ फैलता ओमीक्रोन दूसरी तरफ भाजपाइयों का जोश !

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एक तरफ फैलता ओमीक्रोन दूसरी तरफ भाजपाइयों का जोश !

शहीद और शहादत क्या केवल भाजपा की ही है अमानत

काला पानी से लौटे भाजपाई कितने स्वतंत्रता सेनानियों के घर पहुंचे

ऐसा एक भी स्वतंत्रता सेनानी नहीं, जिसे भाजपाई नहीं ले गए साथ

 गुरुग्राम फतह सिंह उजाला । धर्म ग्रंथों और पुराणों में एक कथा यह भी है कि भगवान शिव और पार्वती ने कार्तिकेय तथा गणेश से कहा कि कौन सबसे पहले ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर आएगा। वहीं सर्वश्रेष्ठ, अनुकरणीय और सर्वगुण संपन्न होगा। गणेश जी ने भगवान शिव और पावर्ति का चक्कर लगाया, साथ ही कहा कि माता-पिता से ब्रहमांड में बड़ा क्या और कौन है।  इसके अलावा भारतीय सनातन संस्कृति में यह भी संस्कार हैं कि जब कोई व्यक्ति किसी तीर्थाटन पर जाता है तो लौट कर सबसे घर परिवार के बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करता है । लेकिन यह सब धर्मशास्त्र और पुराणों में लिखी बातें हैं ।

आज वास्तव में देखा जाए तो भाजपा कथित रूप से धर्म का ही अधिक प्रचार करती दिखाई दे रही है फिर वह चाहे राष्ट्रधर्म हो, राजधर्म या फिर स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति प्रेम धर्म हो । हाल ही में हरियाणा से भारतीय जनता पार्टी के 129 सदस्यों का दल जिनमें हरियाणा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष तथा पूर्व कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ से लेकर मंडल स्तर तक के पदाधिकारी भी शामिल रहे । भाजपा का यह दल कालापानी सेल्यूलर जेल और वाइपर द्वीप में स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत देने वाले तीर्थ स्थान पर पहुंचा । काला पानी सेल्यूलर जेल और वाइपर द्वीप से जो भी समाचार भेजे गए , वह भारतीय जनता पार्टी के मीडिया विभाग अथवा सेल के द्वारा ही मीडिया कर्मियों तक भेजे गए । जो भेजा गया लिखा गया वही कुछ प्रकाशित भी होता रहा, किसी भी मीडिया कर्मी को भी साथ ले जाना गवारा नहीं रहा।

जिस समय भाजपा का यह 129 सदस्यों का दल सुभाष चंद्र बोस से लेकर वीर सावरकर सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्रता के आंदोलनकारियों और रखे गए जेल और वहां दी गई यातनाओं वाले स्थानों के दर्शन के लिए रवाना हुआ। उस समय तक हरियाणा सहित देश में कोरोना कानया वेरिएंट ओमी क्रौन ने भी अपनी दस्तक दे चुका था । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में 129 भाजपा पदाधिकारियों का दल पांच दिवसीय दौरे के उपरांत वाइपर द्वीप से स्वतंत्रता सेनानियों की मिट्टी अपने साथ लेकर लौट चुका है और लौटने के साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों की मिट्टी को पूरे प्रदेश में भाजपा के कार्यालयों में रखने के दावे किए जा रहे हैं । लेकिन इन सबके बीच में तेजी से फैलते कोरोना के मामले और नए वेरिएंट ओमी क्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए भाजपा नेताओं की लापरवाही वाली जो फोटो सामने आ रही हैं , वह वास्तव में बहुत ही लापरवाही को प्रचारित कर रही है ।

सवाल यह है कि काला पानी, सेल्यूलर जेल, वाइपर द्वीप में अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा कैद में रखे गए स्वतंत्रता सेनानियों से पहले क्या हरियाणा और हिंदुस्तान में 1857 में आरंभ हुए स्वतंत्रता आंदोलन में अपने आपको बलिदान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भी ऐसा स्वतंत्रता सेनानी परिवार और परिवार का सदस्य भाजपा को नहीं मिला, जिसे की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनकड़ काला पानी सेल्यूलर जेल वाइपर द्वीप पर ले जा पाते ? जहां तक ध्यान पड़ रहा है 2 वर्ष पहले पीएम मोदी की पहल पर जिला गुरुग्राम सहित हरियाणा और पूरे देश से विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान सहित राजपथ पर परेड में योद्धा के तौर पर देश और दुनिया को बताने के लिए आमंत्रित किया गया था। इनमें से गुरुग्राम जिला के भी ऐसे वृद्ध स्वतंत्रता सेनानी शामिल रहे , जोकि सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सेनानी तथा सुभाष चंद्र बोस के अंगरक्षक भी रहे ।

विषय और बात को अधिक लंबा न करते हुए अब सवाल यह है कि वापस लौटे भाजपाइयों के द्वारा जिस प्रकार का प्रदर्शन कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अपने कथित शहीद और शहादत के प्रति सम्मान समर्पण के लिए किया जा रहा है , उसमें कोरोना प्रोटोकॉल को इस प्रकार से अनदेखा किया जा रहा है जिस प्रकार के भाजपा के द्वारा शहीदों और शहादत की अनदेखी के आरोप कांग्रेस के ऊपर कालापानी पहुंचते ही लगाने आरंभ कर दिए गए थे । लाख टके का सवाल यह भी है कि क्या अभी तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ सहित दल में शामिल 129 भाजपा नेताओं को एक भी ऐसा स्वतंत्रता सेनानी परिवार नहीं मिला, जिसके घर पहुंच कर कम से कम शहादत को श्रद्धा के साथ नमन कर लिया जाता । ऐसे परिवार के किसी भी सदस्य को अपने साथ ले जाना तो बहुत दूर की बात है ।

दूसरी तरफ जो जो सदस्य दल में शामिल रहे और अपने साथ मिट्टी लेकर लौटे उनका ही इस प्रकार मान सम्मान किया जा रहा है जैसे वास्तव में वहीं भाजपा नेता या फिर भाजपा समर्थक लोग सही मायने में शहीद और शहादत के आइकन है ? इस प्रकार के भी मान सम्मान में कोरोना गाइडलाइन सहित प्रोटोकॉल को खूंटी पर ही टांग कर छोड़ दिया देखा जा सकता है या फिर यह मान लिया जाए कि कोरोना और कोरोना का नया वेरिएंट ओमी क्रोन भी भाजपा की देश भक्ति सहित शहीद और शहादत के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए बैकफुट पर लौटने के लिए मजबूर है। बीमारी और महामारी यह किसी की सगी नहीं और किसी से पूछ कर किसी को भी अपनी गिरफ्त में लेने से नहीं चूकती है। भाजपा नेताओं को यह बात भी अपने जेहन में अवश्य रखनी ही होगी।

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