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भक्ति आन्दोलन के प्रमुख संत

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भक्ति आन्दोलन के प्रमुख संत

✴आचार्य रामानुज- इनका जन्म आधुनिक आन्ध्रपद्रेश के त्रिपुती नगर में 1066 र्इ. में हुआ था । वे विष्णु के भक्त थे । उन्होंने सभी के लिए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खोला ।

✴रामानंद- इनका जन्म प्रयाग में एक ब्राम्हण परिवार में हुआ था । वे एक महान धर्म सुधारक थे।
🔹वे अल्पायु में ही सन्यास ग्रहण कर लिये थे, ये राम के भक्त थे इन्होंने वैष्णव धर्म का द्वार सभी के लिए खोल दिया था । वे प्रेम व भक्ति पर जोर दिये

✴कबीर- कबीर एक महान सतं थे । इनका जन्म 1398 में काशी में हुआ था।
🔹 इन्होंने भी प्रेम व भक्ति पर बल दिया । इन्होंने अंधविश्वास, कर्मकांड, दकियानूसी विचार, तीर्थ आदि पर खूब व्यंग्य किया है।
🔹उन्होंने पहली बार धर्म को अकर्मण्यता की भूमि से कटाकर कर्मयोगी की भूमि में लाकर खड़ा कर दिया । कबीर हिन्दू, मुसलमान, सम्प्रदायों की एकता का महान अग्रदूत था ।

✴चैतन्य- चैतन्य महाप्रभु सन्यासी होने के बाद कृष्ण भक्ति में लीन हो गये । उनका विश्वास था कि प्रेम, भक्ति, संगीत, नृत्य आदि से र्इश्वर को प्राप्त किया जा सकता है ।

✴नामदेव- वे भी बाह्य आडम्बर जाति पाति का विरोध किया । र्इश्वर की भक्ति को सच्चा मार्ग बतलाया ।

✴गुरूुनानक- गुरूनानक ने मूिर्तपूजा का विरोध किया । इनके गुरू अर्जनु देव थे एकेश्वरवाद व निर्गुण ब्रम्हा के उपासक थे । वे हिन्दू मुसलमानों में एकता चाहते थे ।

✴वल्लाभाचार्य- ये तेलगू बा्रम्हण परिवार के थे ये महान विद्वान थे । वे कृष्ण भक्ति का प्रचार किये । कृष्ण भक्ति के महत्व को उच्चकोटि का कहा । उन्होंने कृष्ण के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त की है ।

✴ज्ञानेश्वर- ये ब्राम्हणों का विरोध करते थे । इन्होनें निम्न जाति के लोगों के लिए धार्मिक ग्रंथों पर प्रतिबंध लगाया था ।

✴माधवाचार्य- 13वी सदी के महान सुधारक एवं संत थे ।
🔹 ये विष्णु के भक्त थे । इनका मानना था कि र्इश्वर भक्ति से इंसान जन्म के चक्र से मोक्ष प्राप्त कर लेता है ।

✴निम्बार्क- ये कृष्ण राधा पर आधारित भक्ति की व्याख्या की है । ये धर्म सुधारक थे । ये पूर्ण आत्मसमर्पण पर जोर देते थे ।

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