ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा ऑपरेशन करना पड़ेगा- महामंडलेश्वर धर्मदेव
ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा ऑपरेशन करना पड़ेगा- महामंडलेश्वर धर्मदेव
दिल्ली कार बम ब्लास्ट मामले को लेकर महामंडलेश्वर धर्मदेव की तीखी प्रतिक्रिया
दिल्ली में जानबूझकर वारदात को अंजाम दिया ऐसी वारदात आतंकवादी हमला
दोषियों को पहचान कर शासन प्रशासन कठोरतम कानूनी कार्रवाई अमल में लाए
बेहद अफसोस, वर्ग विशेष के उच्च शिक्षित व्यक्ति ऐसी आतंकी घटनाओं में संलिप्त
देवालय, शिवालय, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा में मानवता और जीवन का मिलता संदेश
कुछ लोग अपने ही पूर्वज, समाज और बच्चों का भविष्य खराब करने में जुटे
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। देश की राजधानी दिल्ली में कार बम विस्फोट जैसी दिल दहला देने वाली घटना के बाद एक बार फिर से ऑपरेशन सिंदूर जैसा ही और बड़ा ऑपरेशन किया जाने की जरूरत पर बल दिया गया। मानव कल्याण को समर्पित और वेद पुराणों सहित विभिन्न धर्म ग्रंथो के मर्मज्ञ महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज ने विशेष बातचीत में बेबाक शब्दों में कहा ऐसी आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा ऑपरेशन करना पड़ेगा। यह सब अंजाम दी जा रही आतंकी घटनाओं पर निर्भर करता है । उन्होंने दिल्ली बम ब्लास्ट की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए हताहत हुए लोगों सहित घायलों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं भी व्यक्त करते हुए विशेष बातचीत में अपने मनोभाव जाहिर किए ।
धर्मदेव महाराज ने कहा जिस प्रकार से दिल्ली ब्लास्ट को अंजाम दिया गया और इसके लिए विस्फोटक सहित अन्य व्यवस्था की गई । उसे देखते हुए निश्चित रूप से आतंकवादी हमला ही है । दिल्ली के साथ लगते फरीदाबाद में इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री का मिलना निश्चित रूप से किसी बहुत बड़ी वारदात को अंजाम देने की तरफ इशारा करता है। पहले 350 किलो और उसके बाद में लगभग 3000 किलो विस्फोटक से देश को दहलाने की साजिश और भारी जनहानि की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता । उन्होंने कहा गाड़ियों का एक्सीडेंट या फिर भीड़ में भगदड़ होना, पवित्र और तीर्थ स्थान पर भगदड़ होना, कहीं ना कहीं चूक का कारण भी होता है। लेकिन जिस प्रकार से दिल्ली में कार बम विस्फोट किया गया , इस प्रकार की घटना वारदात आतंकवादी हमला से कम नहीं है।
सवाल- जवाब की कड़ी में महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज ने कहा इस प्रकार की घटनाओं को जाहिल, मूर्ख, अनपढ़, ना -समझा या अज्ञानी के द्वारा अंजाम दिया जाए, तो किसी हद तक बात समझ में भी आती है ? लेकिन हैरानी इस बात की है कि बेहद उच्च शिक्षित डॉक्टर, इंजीनियर जैसे पढ़े-लिखे लोगों के द्वारा इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देना उनका मानसिक और दिवालियापन ही कहा जा सकता है। ऐसे लोग निश्चित रूप से बेहद दुर्दांत और खतरनाक सोच सहित विचारधारा के लोग ही है। इस प्रकार के पढ़े लिखे लोगों को यह सोचना चाहिए की उनकी आने वाली पीढ़ी का भविष्य क्या और कैसा होगा ? उन्होंने कहा वर्ग विशेष अथवा समुदाय विशेष के लोगों का आतंकी हमले और आतंकी वारदात घटनाओं में बार-बार नाम आना। संबंधित समाज और वर्ग के लिए चिंतन और मंथन का विषय है । ऐसे लोग आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर अपना जीवन तो बर्बाद कर रहे हैं , अपने ही समाज को कलंकित करने के साथ-साथ बच्चों के भविष्य को भी दिशाहीन बना रहे हैं। डॉ अब्दुल कलाम का नाम उनके नहीं रहने पर भी देश और दुनिया में व्यस्त सम्मान के साथ लिया जा रहा है , ऐसे अनेक व्यक्ति आज भी मौजूद हैं। जिनका सम्मान के साथ नाम लिया जाता है । आने वाले समय में और इसी समाज की भविष्य की पीढ़ी अपने ही समाज और वर्ग के लोगों के द्वारा अंजाम दी जा रही आतंकी वारदात और घटनाओं को किसी नजर से देखेगी ? और क्या माफ कर सकेगी यह भी सोचना और विचार करना चाहिए।
एक अन्य सवाल के जवाब में धर्मदेव महाराज ने कहा वर्ग विशेष के लोग आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर निश्चित रूप से अपने ही समाज को कलंकित करते हुए उसका विश्वास और भरोसा खत्म करने में लगे हुए हैं । डॉक्टर इंजीनियर जैसे उच्च शिक्षित व्यक्ति के द्वारा आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जाना, मानवता और इंसानियत के साथ धोखा ही नहीं इसकी हत्या से भी बड़ा अपराध है। उन्होंने कहा अक्सर यह भी देखा गया है कि कई बार वर्ग अथवा समुदाय विशेष के इबादतगाह, शिक्षण संस्थान, धार्मिक स्थानों से बेहद आपत्तिजनक सामग्री मिलती रही है। समाज में नफरत फैलाने और विघटन करने वाली लिखित अथवा प्रकाशित सामग्री भी मिलती रही है। महामंडलेश्वर धर्मदेव ने वर्ग अथवा समाज विशेष को संदेश देते हुए कहा जिस देश और राष्ट्र में अपना जीवन जी रहे हैं ,उसके प्रति वफादारी दिखाई जानी चाहिए । अपनी आने वाली पीढियां के लिए ऐसा काम करें कि वह अपना उज्जवल भविष्य बनाकर गर्व महसूस करें ।
बातचीत के अंत में महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज ने विचलित मनोभाव से कहा इसी प्रकार से आतंकी हमले किए जाते रहे , तो निश्चित रूप से ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा ऑपरेशन करना ही पड़ेगा। पिछले कुछ दिनों से आतंकी घटनाएं और आतंकी हमले एक बार फिर से बढ़ते हुए आतंकी अपना सिर उठाना आरंभ कर चुके हैं । शासन प्रशासन और सरकार को भी कठोर से कठोर कदम उठाने में कोई विलंब नहीं करना चाहिए।
