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अपनी जमीन बचाने की जंग के लिए तैयार सैकड़ों जमींदार

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अपनी जमीन बचाने की जंग के लिए तैयार सैकड़ों जमींदार

आज संडे को दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पचगांव पर महापंचायत

मानेसर की 18 10 एकड़ तथा 1128 एकड़ जमीन का है गरम मुद्दा

31 अगस्त को राष्ट्रपति से मांगी गई थी इच्छा मृत्यु की इजाजत

मानेसर क्षेत्र में 1810 एकड़ जमीन सरकार के लिए जी का जंजाल

संडे को होने वाली महापंचायत पर ही लगी हुई है सभी की नजरें

सीएम ने कहा था किसान राजी हो तो पॉलिसी बदलाव को तैयार

एमएलए एडवोकेट जरावता ने 6 सितंबर को फिर से लिखा था लेटर

फतह सिंह उजाला
मानेसर/पटौदी ।
 दक्षिणी दिल्ली के साथ लगते दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के बगल में मौजूद जिला गुरुग्राम के दूसरे नगर निगम , पटौदी विधानसभा क्षेत्र के दूसरे सब डिवीजन मानेसर क्षेत्र में अधिग्रहण की गई 1810 एकड़ जमीन को बचाने के लिए अब प्रभावित और पीड़ित जमींदार पूरी तरह से कमर कस चुके हैं । बीते करीब 82 दिनों से जमीन को अधिग्रहण के दायरे से मुक्त करवाने के लिए मानेसर में ही तहसील के सामने किसानों का धरना लगातार जारी है । किसानों के इस धरने को और किसानों की मांगों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत , सरदार गुरनाम सिंह चुढ़ैनी, नवीन जयहिंद, अशोक तंवर, आप नेेता सुशील गुप्ता, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा सहित अनेक बड़े क्रांतिकारी और जमीन के मर्म को समझने वाले नेता अपना अपना समर्थन देने के लिए समय समय पर पहुंचते रहे हैं।  

इस दौरान कई बार ऐसे मौके भी आए जब सरकार और एचएसआईडीसी अधिकारियों पर जमीन को अधिग्रहण के दायरे से मुक्त करने के लिए प्रभावित किसान परिवारों और महिलाओं के द्वारा दिल्ली  जयपुर नेशनल हाईवे को जाम किया गया। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं कि किसानों की इस मांग के समर्थन में राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री भी धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंचने वालों में शामिल रहे है।ं लेकिन समस्या का समाधान निरंतर सरकार शासन प्रशासन और किसानों के बीच बातचीत के बावजूद भी नहीं हो पा रहा है । इसी बीच में 31 अगस्त को सैकड़ों की संख्या में प्रभावित किसान, किसान परिवारों की महिलाओं , बच्चों, बुजुर्गों के द्वारा राजीव चौक से सचिवालय तक विरोध प्रदर्शन करते हुए डीसी की मार्फत राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू के नाम इच्छा मृत्यु का ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की भी मांग की जा चुकी है । इसी बीच में 6 सितंबर को पटौदी क्षेत्र के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आनंद मोहन शरण को 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण से मुक्त करने और उचित मुआवजा देने सहित रिहायशी क्षेत्र को छोड़ने के संदर्भ में पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है । इतना सब कुछ होने के बावजूद कोई समाधान या ठोस आश्वासन किसानों को नहीं मिल रहा है ।

इन्हीं सब बातों से अलग अब नई रणनीति के तहत संडे 18 सितंबर को दिल्ली  जयपुर नेशनल हाईवे पर ही मौजूद पचगांव चौक पर मानेसर तहसील के दायरे में आने वाले 72 गांव की एक महापंचायत आहूत की गई है । इस महापंचायत के संदर्भ में किसान बचाओ जमीन बचाओ समिति के द्वारा आह्वान किया गया है कि अधिक से अधिक संख्या में ग्रामीण पहुंचकर अपनी आवाज दिल्ली सहित चंडीगढ़ दरबार तक पहुंचाने और एकता का परिचय कराएं । किसान महापंचायत आयोजकों की तरफ से कहा गया है कि 1810 एकड़ जमीन सहरावन, कुकरोला, फाजिलवास, मोकलवास, पुखरपुर , खरखड़ी, बांसलांबी और 1128 एकड़ जमीन इसमें कुल 27 गांव की हिस्सेदारी है । इस तमाम जमीन का सरकार के द्वारा गलत तरीके से पुराने नियम 1894 एक्ट के तहत अधिग्रहण किया जा रहा है । अपनी इसी जमीन को अधिग्रहण से बचाने के लिए 1810 एकड़ जमीन के किसान बीते 82 दिनों से मानेसर तहसील के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं । इस प्रदर्शन के दौरान मातृशक्ति, बुजुर्ग, नौजवान और यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चे भी अपनी हिस्सेदारी निभाते आ रहे हैं।

इन 82 दिन के दौरान समय-समय पर 5 बार किसान प्रतिनिधि मंडल विभिन्न जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से भी मिल चुका है। किसानों के द्वारा आरोप लगाया गया है कि सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा दो टूक जवाब दिया गया कि इस जमीन से हरियाणा सरकार का कर्जा उतारना है। सरकार या फिर हम इस जमीन को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेंगे और 55 लाख रुपए से अधिक अधिग्रहण का भुगतान भी नहीं किया जाएगा। इन्हीं सब और मामलों को लेकर 11 सितंबर को मानेसर तहसील के सामने एक सामूहिक पंचायत करके फैसला किया गया था कि अपनी 1810 एकड़ जमीन के किसान भाइयों की सहायता की जाए और किसी भी प्रकार से जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करवाने के अलावा अन्य किसी भी विकल्प पर ना ध्यान दिया जाए , ना बात की जाए ।

महत्वपूर्ण कड़ी में आज 18 सितंबर संडे को मानेसर तहसील के 72 गांव की सरदारी और प्रबुद्ध किसानों ग्रामीणों व अन्य लोगों का आह्वान करते हुए पचगांव चौक पर पहुंचने का निमंत्रण दिया गया है । अब देखना यह है कि शनिवार को पीएम मोदी का यादगार और शानदार तरीके से हरियाणा की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले साइबर सिटी गुरुग्राम में मनाए गए जन्मदिन के बाद 18 सितंबर को मानेसर तहसील के 72 गांव के किसान और सरदारी महिलाएं बुजुर्ग बच्चे पचगांव चौक पर अपनी अपनी जमीन  बचाने के लिए किस प्रकार की बिसात बिछा कर और क्या कुछ ठोस फैसला करेंगे । लेकिन जिस प्रकार से जमीन का मामला लंबा खींचता चला जा रहा है, उस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए इस बात से भी इनकार नहीं की विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले नगर निगम , नगर परिषद, पंचायत चुनाव में भी जमीन का यह मामला निश्चित रूप से चुनावी मुद्दा भी बन सकता है । इस बात से तो बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता आने वाले विधानसभा चुनाव में मानेसर क्षेत्र की 1810 एकड़ और 1128 एकड़ जमीन का मामला निश्चित रुप से चुनावी मुद्दा बनते हुए हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी सहित जननायक जनता पार्टी गठबंधन के लिए भी जी का जंजाल साबित हो सकता है । बहरहाल सभी की नजरें संडे को दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर मौजूद पचगांव चौक पर होने वाली इस किसान महापंचायत पर टिकी हुई है। 

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