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प्रदेश को इंडस्ट्रियल हब बनाने की दिशा में सक्रियता से काम कर रही हरियाणा सरकार

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प्रदेश को इंडस्ट्रियल हब बनाने की दिशा में सक्रियता से काम कर रही हरियाणा सरकार


हरियाणा ने पिछले कुछ वर्षों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में औद्योगिक विकास सहित कई क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है। हरियाणा लोक कल्याण के प्रति सरकार की सुदृढ़ प्रतिबद्धता और अपने नागरिकों को उन्नत सुविधाएं सुनिश्चित करने के कारण समावेशी विकास की ओर अग्रसर है। इसी प्रकार, हरियाणा सरकार प्रदेश को एक औद्योगिक और ऑटोमोबाइल हब बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।

हरियाणा में ऑटोमोबाइल सेक्टर के विकास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मारुति राज्य में अपना तीसरा संयंत्र लगा रही है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल)/सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम 19 मई, 2022 को आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की उपस्थिति में आईएमटी, खरखैदा में क्रमश: 800 एकड़ और 100 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। यह आयोजन हरियाणा-जापान के व्यापारिक संबंधों के चार दशकों का जश्न भी मनाएगा, जो 1981 में शुरू हुआ और आज भी फल-फूल रहा है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है कि मारुति हरियाणा में अपना तीसरा संयंत्र स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि एमएसआईएल ने अपनी प्रस्तावित नई कार निर्माण सुविधा के लिए आईएमटी खरखौदा में अतिरिक्त 800 एकड़ भूमि की खरीद की है। परियोजना की कुल लागत अनुमानत: 18,000 करोड़ रुपये होगी। इसमें 11,000 कुशल, अकुशल और अर्ध-कुशल व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित करने की क्षमता है। एमएसआईएल के साथ ही, सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भी इंजन सहित दोपहिया वाहनों के लिए एक एकीकृत विनिर्माण सुविधा स्थापित करने हेतू 100 एकड़ भूमि की खरीद की है। कुल परियोजना लागत 1,466 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें 2,000 कुशल, अकुशल और अर्ध-कुशल व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित करने की क्षमता है।

मुख्यमंत्री ने कहा ‘भारत कारोबार की सहुलियत और जीवन सुगमता सूचकांक में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इन दोनों मामलों में ही हरियाणा को सबसे अग्रणी माना जाता है। हरियाणा वैश्विक निवेशकों के पसंदीदा स्थलों में से एक है। मारुति ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र के विकास और राज्य के चहुंमुखी विकास की दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।’ उन्होंने कहा कि इससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और अन्य क्षेत्रों की बहुराष्ट्रीय कंपनियां हरियाणा में अपना मुख्यालय एवं विनिर्माण संयंत्र स्थापना करने के लिए प्रेरित होंगी। साथ ही, प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।’

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा अपनी सक्षम नीतियों, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, कारोबार की सहुलियत, अनुकूल कारोबारी माहौल और प्रोत्साहन संरचना के कारण उद्योग के लिए एक आकर्षण के केन्द्र के रूप में उभरा है। हरियाणा में, जीटी रोड के पास औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने पर बल दिया गया और दिल्ली व अन्य राज्यों के साथ इसकी समीपता ने भी राज्य को औद्योगिक परियोजनाओं के लिए अधिक पसंदीदा स्थान बना दिया और राज्य के कई जिलों में दर्जनों औद्योगिक क्षेत्र हैं।’

खरखौदा का औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी), जहां एमएसआईएल अपनी परियोजना स्थापित करेगा, विश्व स्तरीय आधारभूत अवसंरचना के साथ एक एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप है, जो लगभग 3,217 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है। यह रणनीतिक रूप से पश्चिमी परिधीय (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेसवे और राज्यीय राजमार्ग-18 के साथ लगती दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित है। आईएमटी को एनसीआर नहर और बिजली निगमों से प्रचुर मात्रा में पानी और बिजली की आपूर्ति हो रही है। दिल्ली से इसकी समीपता और केएमपी एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली, बहादुरगढ़, गुडग़ांव और सोनीपत के साथ सीधे संपर्क के कारण, आईएमटी खरखौदा हरियाणा में औद्योगिक विकास के लिए अगले महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरेगा।

हरियाणा में मारुति सुजुकी के विस्तार के बारे में इस कार निर्माता कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने अपनी विस्तार योजना के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ चर्चा की, लेकिन वे हरियाणा को इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त स्थान पाते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थल पर स्थापित होने वाली इस पहली विनिर्माण सुविधा में प्रति वर्ष 250,000 वाहनों के निर्माण की क्षमता होगी। इसके वर्ष 2025 तक चालू होने की संभावना है। भूमि स्थल में क्षमता विस्तार के लिए जगह होगी और भविष्य में इसमें और अधिक उत्पादन संयंत्र स्थापित होंगे।

यह उल्लेखनीय होगा कि 1983 में गुरुग्राम में अपना पहला कार संयंत्र स्थापित करने के बाद, मारुति ने

मानेसर में एक अन्य विनिर्माण सुविधा और रोहतक में एक अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करके हरियाणा में अपनी विनिर्माण सुविधाओं का लगातार विस्तार किया है। हरियाणा के गुरुग्राम और मानेसर में स्थापित ये दो संयंत्र एक साथ सालाना लगभग 15.5 लाख यूनिट्स का निर्माण करते हैं। आज गुरुग्राम-मानेसर-बावल बेल्ट को उत्तर भारत का ऑटो हब माना जाता है।

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