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राठीवास में ठोकी ताल पहले टीचर फिर खुलेगा स्कूल का ताला

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राठीवास में ठोकी ताल पहले टीचर फिर खुलेगा स्कूल का ताला

मास्टर लाओ -मास्टरनी लाओ  पर म्हारी छोरिया ने तो पढ़ाओ

राठीवास के गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल में दूसरी बार लटका ताला

अभिभावकों-ग्रामीणों की दो टूक टीचर के बिना ताला नहीं खोलेंगे

शिक्षा पूरी करो-शिक्षा पूरी करो, शिक्षा हमारा अधिकार गूंजे नारे

बेटियां घर और गांव की इज्जत हैं हम दूसरे गांव में नहीं भेजेंगे

शुक्रवार को मौके पर नहीं पहुंचा शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 हरियाणा में गठबंधन सरकार के द्वारा स्कूलों को एक दूसरे में मर्ज करने के साइड इफेक्ट के भी अब और बड़े इफेक्ट सामने आने लगे हैं । पटौदी क्षेत्र के ही गांव राठीवास में शुक्रवार को ग्रामीणों और अभिभावकों के द्वारा गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल राठीवास में दूसरी बार तालाबंदी कर दी गई । इससे पहले बीते सोमवार को ग्रामीणों के द्वारा स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर तालाबंदी के बाद मौके पर पहुंचे शिक्षा अधिकारी के द्वारा शुक्रवार तक टीचर अप्वॉइंट करने का आश्वासन दिया गया था । शिक्षा विभाग के द्वारा क्या गया आश्वासन पूरा नहीं होने से गुस्साए अभिभावकों और ग्रामीणों ने अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक शुक्रवार को स्कूल पर ताला लगा दिया।

ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा है कि जब तक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए सभी अध्यापकों की नियुक्ति नहीं कर जाती, तब तक स्कूल का ताला नहीं खोला जाएगा । शुक्रवार को सुबह महावीर मास्टर, महेंद्र सिंह , डूंगर सिंह डॉक्टर, राज कपूर , मास्टर टेकचद, सोनू राठी , मोतीराम ठेकेदार, विजय सिंह, चरण ठेकेदार, ओमप्रकाश, विनोद सिंह, सुरेंद्र , इंद्रजीत भूडका, रामफल, वेद प्रकाश, राजू , मंजू, रमेश , दमयंती , कृष्णा , राम रती , आशा, सुनीता सहित अनेक ग्रामीण और अभिभावकों के बीच बच्चों के 29 सितंबर से आरंभ हो रहे एग्जाम सहित अन्य मामलों को लेकर गंभीर चिंतन और मंथन हुआ । स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं के मुताबिक कुछ दिन पहले अचानक ही मैथ, साइंस ,इंग्लिश ,हिंदी ,ड्राइंग और मुख्य अध्यापक का तबादला कर दिया गया । मौजूदा समय में केवल 2 टीचर ही उपलब्ध हैं । ऐसे में एग्जाम 29 तारीख से होने हैं , जब टीचर ही नहीं है तो पढ़ाई नहीं होने से एग्जाम क्लियर करना चिंता का कारण बना हुआ है । आगे फिर दसवीं कक्षा के बोर्ड के एग्जाम होने हैं । बताया गया है कि स्कूल में लगभग 150 छात्राएं दीनौकरी, भूडका और राठीवास गांव की ही पढ़ने के लिए पहुंच रही हैं ।

शुक्रवार को स्कूल में पढ़ने वाली सभी छात्राएं ,माताएं और ग्रामीण अभिभावक स्कूल के गेट के बाहर ताला लगा कर बैठ गए और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। गांव की ही बुजुर्ग महिला कृष्णा के मुताबिक बेटियां गांव की इज्जत है, जब गांव में स्कूल है तो गांव की इज्जत बेटी को दूसरे गांव में पढ़ने के लिए नहीं भेजेंगे। इसी मौके पर अन्य महिला अभिभावकों के द्वारा भी गुस्से में कहा गया कि एक तरफ तो सरकार कहती है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ , अब सरकार यह भी बताएं जब स्कूल में टीचर ही नहीं है तो बेटियां कैसे पढ़े़ेगी जब पढ़ेगी नहीं तो कैसे आगे बढ़ेंगी? इस बात का जवाब सरकार को देना ही चाहिए । इसी मौके पर स्कूल प्रबंधन कमेटी के सदस्य ने भी सवाल उठाया कि शिक्षा मौलिक और मूल अधिकार है , ऐसे में क्षेत्र के एमएलए ,क्षेत्र के सांसद और शिक्षा विभाग के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों सहित जिला प्रशासन को संज्ञान लेकर जल्द से जल्द स्कूल में रिक्त पदों पर टीचर्स की नियुक्ति करनी चाहिए । शुक्रवार को जो महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखा गया इसमें यह रहा कि शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी राठीवास स्कूल में मौके पर ग्रामीणों के बीच नहीं पहुंचा । संभवत यह पहला मौका रहा , जब शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी स्कूल में तालाबंदी को लेकर ग्रामीणों की समस्या जानने के लिए नहीं पहुंचा ।

इसी बीच बिलासपुर थाने के एसएचओ अजय मलिक मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को ताला खोलने का सुझाव देते हुए कहा कि सरकारी संस्थान स्कूल में तालाबंदी किया जाना गैरकानूनी है । इसी संदर्भ में कथित रूप से ग्रामीणों के द्वारा कहा गया कि शिक्षा प्राप्त करना कानूनी मौलिक और मूलभूत अधिकार है । यदि स्कूल में ताला लगाया जाना गैरकानूनी है , तो पुलिस प्रशासन चाहे मुकदमा दर्ज कर ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के लिए स्वतंत्र है । कुल मिलाकर शुक्रवार को गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल राठीवास का ताला नहीं खुला और जिस प्रकार से ग्रामीणों के द्वारा अल्टीमेटम दिया गया है , उसे देखते हुए निकट भविष्य में ताला खुलने की कोई उम्मीद भी दिखाई नहीं दे रही है । अब यह मामला पूरी तरह से जिला प्रशासन, हरियाणा सरकार और शिक्षा निदेशालय सहित शिक्षा मंत्री के पाले में जा चुका है। 

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