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नेत्रदान करना बहुत ही पुण्य का कार्य: डॉक्टर सुशांत

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नेत्रदान करना बहुत ही पुण्य का कार्य: डॉक्टर सुशांत

एक व्यक्ति की आंखें दो व्यक्तियों को दे सकती है रोशनी

आज भी एक लाख से अधिक लोगों को आंख की जरूरत

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
नेत्र दान करना वास्तव में बहुत ही पुण्य का कार्य है । आंखों के बिना जीवन में अंधकार ही अंधकार बना रहता है । नेत्रों से कम दिखाई देना या फिर बिल्कुल भी दिखाई नहीं देना इसके लिए नेत्र रोग के विभिन्न कारण हो सकते हैं । लेकिन चिकित्सा विज्ञान की बदौलत किसी की भी जिंदगी में रोशनी लाई जा सकती है । इसके लिए जरूरत है अधिक से अधिक नेत्रदान किए जाएं । एक व्यक्ति के द्वारा दान किए गए नेत्र दो व्यक्तियों की जिंदगी में रोशनी लाने का काम करते हैं । यह बात पटौदी नागरिक अस्पताल के आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा ने बुधवार को बोहड़ाकला में आयोजित नेत्र जांच कैंप के मौके पर कही। इस कैंप मैं नेत्र रोगियों की जांच के लिए डॉक्टर राजेश एवं सहायक नेपाल विशेष रूप से मौजूद रहे ।

पटौदी नागरिक सामान्य अस्पताल के आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि बोहड़ाकला में लगाए गए इस विशेष निशुल्क नेत्र जांच कैंप में 60 महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की आंखों की जांच की गई । इनमें से 30 लोगों की आंखों में मोतियाबिंद की पहचान की गई है । वही दो छोटे बच्चों की आंखों में भी मोतियाबिंद की पहचान की गई है, इसके अलावा इसी कैंप में 2 ऐसे बच्चे भी पहुंचे जिनकी आंखें तिरछी थी । कैंप में पहुंचे नेत्र रोगियों को पटौदी के नागरिक सामान्य अस्पताल में निशुल्क उपचार सहित ऑपरेशन करवाने के लिए पंजीकृत कर लिया गया है । कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक जैसे-जैसे नेत्र रोगियों के ऑपरेशन किए जाते रहेंगे , उसी क्रम के मुताबिक कैंप में पहचान किए गए नेत्र रोगियों की आंखों के ऑपरेशन के लिए भी तिथि उपलब्ध करवाई जाएगी ।

इस मौके पर आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा ने सभी का आह्वान किया कि नेत्रदान करने की पहल हम सभी को करनी ही चाहिए । आज भी अनेक लोग इस इंतजार में हैं कि उन्हें किसी के द्वारा दान किए गए नेत्र लगा दिए जाएं , तो उनके जीवन में भी उजाला फैल जाएगा। किसी भी इंसान की अचानक या फिर किसी हादसे में या फिर स्वस्थ व्यक्ति की प्राकृतिक रूप से मृत्यु होने के 4 घंटे बाद तक नेत्र दान किए जा सकते हैं । इसके लिए किसी भी सरकारी अस्पताल में संपर्क किया जा सकता है या फिर पहले से ही स्वास्थ्य विभाग और सरकार की योजना के मुताबिक नेत्रदान के संकल्प पत्र अथवा फार्म भर के भी जमा करवाए जा सकते हैं । इस मौके पर बोहड़ाकला बावनी के प्रधान राजेश चैहान , राजू खान, डॉक्टर असलम खान अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।

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