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पूर्व सैनिकों ने डिसेबिलिटी पेंशन को एक समान करने का मुद्दा उठाया

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पूर्व सैनिकों ने डिसेबिलिटी पेंशन को एक समान करने का मुद्दा उठाया

झज्जर जिला के पूर्व सैनिकों की रक्षामंत्री राजनाथसिंह से दिल्ली में बैठक

अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन इत्यादि देशों में इस तरह का भेदभाव नहीं होता

जानकारी से रक्षा मंत्री पूरी तरह से संतुष्ट रहे व उन्होंने हैरानी प्रकट की

रक्षा सचिव से जानकारी लेकर जवानों के साथ दुबारा बैठक का भरोसा

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। 
सैनिको की मांगों के सम्बन्ध में झज्जर जिला से पूर्व सैनिकों ने केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथसिंह से दिल्ली पहुँच उनसे मुलाकात की। रक्षा मंत्री के साथ दिल्ली में साबका सैनिक संघर्ष कमेटी  के पूर्व सैनिक पदाधिकारियों ने सूबेदार बलबीर गुलिया की अगुवाई में जनरल सेक्रेटरी कपिल फौजी सिलानी,कैप्टन राजेन्द्र सुहाग, हवलदार खजान सिंह ,हवलदार धर्मपाल अहलावत के शिष्ठ मंडल की मुलाकात हुई।

साबका सैनिक संघर्ष कमेटी  के जनरल सेक्रेटरी कपिल फौजी सिलानी ने बताया कि रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात बहुत सोहार्दपूर्ण वातावरण में हुई । अपना मेमोरेंडम दिया तथा एक रैंक एक पेंशन का सेकंड रिवीजन जो पांच साल के बाद जुलाई 2019 से अभी तक नही हो सका है, उसका जल्द से जल्द निर्धारण के लिए अवगत कराया गया। युद्ध घायल ऑफिसर तथा जवान की डिसेबिलिटी पेंशन को एक समान करने के लिए पक्ष को उनके सामने जोरदार ढंग से सरकारी डाक्यूमेंट के साथ प्रस्तुत किया, तथा उन्हें इस बात से भी अवगत करवाया की अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन इत्यादि देशों में इस तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है ।

रक्षामंत्री को विस्तारपूर्वक यह जानकारी भी दी की यूनाइटेड नेशन के डिसेबिलिटी एक्ट 1995 , जिस पर भारत सरकार ने भी साइन किया है, उस कानून से भारतीय सेना के पूर्व सैनिक जवानों को बाहर रखा गया है और उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है । उस एक्ट के मुताबिक सभी डिसेबल सैनिकों के साथ हर स्तर पर एक सामान व्यवहार किया जाना चाहिए और यह सेना के पूर्व सैनिकों के साथ नहीं हो रहा। उनके ह्यूमन राइट्स का उलंघन करके अलग अलग (असमान) डिसेबिलिटी पेंशन दी जा रही है। 7वें पे कमीशन को लागू करते समय वेतन को आफिसर के लिए 2.81के साथ मल्टीप्लाई करने का फार्मूला अपनाया गया,  लेकिन जवांनो के लिए सभी नियमो को नजरंदाज करके 2.57 का फार्मूला लागू किया गया। जैसे जवान किसी दूसरे देश के है ? इसको एक समान किया जाए।

मिल्ट्री सर्विस पे जो यूरोप देशों की तर्ज पर लागू की गई थी । यूरोप देशों में मिल्ट्री सर्विस पे सभी रैंक को एक समान दी जाती है लेकिन भारतीय सेना में मिल्ट्री सर्विस पे जवान को 5200 रुपए तथा आफिसर्स को 15500 रुपए दी जा रही है। रैंकों के हिसाब से बाँट दी।  यह जवानों के साथ बहुत बड़ी बेइंसाफी है ।केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि मिल्ट्री सर्विस पे आफिसर्स जवान की एक बराबर की जाए । कोरोना महामारी की वजह से महंगाई भत्ता बन्द कर दिया था। जो पिछले साल बहाल तो कर दिया पर डेढ़ साल का एरियर का भुगतान अभी तक नही किया। अति सीघ्र एरियर का भुगतान किया जाए। मीटिंग में दी गई जानकारी से रक्षा मंत्री पूरी तरह से संतुष्ट रहे और  हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि यह सब बातों  जो बताई है, इनसे वह अनभिज्ञ थे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि रक्षा सचिव अधिकारी से जानकारी लेकर जवानों को दुबारा मीटिंग के लिए बुलाऊंगा, ताकि  मांगों को पूरा कर सकें ।

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