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चुप कराने के लिए बच्चों को न दें मोबाइल, आंखें हो जाएंगी खराब

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सावधान: चुप कराने के लिए बच्चों को न दें मोबाइल, आंखें हो जाएंगी खराब; एक बार लगा चश्मा तो नहीं हो पाती रिकवरी

अगर बच्चों को चुप करवाने के लिए मोबाइल थमा रहे हैं तो संभल जाएं नहीं तो जिंदगी भर पछताना पड़ेगा । हो सकता है कि आपके नौनिहाल की नजर कमजोर हो जाए और किशोरावस्था में ही मोटा चश्मा लगाना पड़े। तीन से चार साल उम्र तक बच्चों की आंखों का विकास होता है। इस दौरान यदि बच्चे मोबाइल स्क्रीन को देर तक देखते हैं तो उनकी नजरें कमजोर हो जाती हैं। इससे उनकी पास की नजर कमजोर हो जाती है, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता। ऐसे बच्चों को चश्मा लगाने की सलाह दी जाती है। कई बार बच्चे चश्मा लगाने में लापरवाही करते हैं। नतीजतन 18 की उम्र से पहले उनकी आंखें इतनी खराब हो जाती हैं, जिसे ठीक करना संभव नहीं रहता।

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