जोशीमठ में 868 घरों में दरारें, 181 असुरक्षित, चारधाम यात्रा के कारण बेघरों को होटलों ने अल्टीमेटम दिया
जोशीमठ में 868 घरों में दरारें, 181 असुरक्षित, चारधाम यात्रा के कारण बेघरों को होटलों ने अल्टीमेटम दिया, किराए पर घर नहीं मिल रहा
2 जनवरी की रात जोशीमठ में जो आपदा आई, उसने हमें कहीं का नहीं छोड़ा. 7 कमरों के तीन मंजिला मकान में रहने वाला हमारा 5 लोगों का परिवार होटल के 10×10 के कमरे में ठूंस दिया गया. अब होटल वालों ने भी अल्टीमेटम दे दिया है कि 31 मार्च तक खाली कर दो, क्योंकि चारधाम यात्रा के कारण तीर्थयात्रियों की बुकिंग शुरू होने वाली है.
शहर में किराये पर भी घर नहीं मिल रहे. बच्चों की बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं, ऐसे में हम कहां जाएं? सड़क पर आने की नौबत आ गई है. जोशीमठ के सिंहद्वार में रहने वाली रूपा यह दर्द झेलने वाली अकेली नहीं हैं. करीब चार हजार इमारतों वाले 11.5 वर्ग किमी में फैले शहर के 2.5 वर्ग किमी एरिया के 868 मकानों में दरारें आई हैं, जिनमें से 181 को अनयूजेबल घोषित किया जा चुका है. करीब 700 लोगों को अपना घर छोड़कर इधर-उधर पनाह लेनी पड़ी है.
जहां तक सरकारी मदद की बात है तो इन लोगों को तत्काल 1.50 लाख रुपए और 6 महीने तक किराये के घर के लिए 5 हजार रु. प्रति माह दिए जा रहे हैं. मगर सरकारी मदद मिलने के 7 दिन के अंदर मकान खाली करना होगा. मुश्किल ये है कि 4-7 लोगों का परिवार 5 हजार रुपए में किराये के छोटे से मकान में सामान रहित कैसे रह सकता है?
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