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और जब हिंदूवादी संगठन के सदस्य पहुंचे मिशनरी पाठशाला !

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और जब हिंदूवादी संगठन के सदस्य पहुंचे मिशनरी पाठशाला !

हेली मंडी में बीते काफी समय से चल रही मिशनरी की पाठशाला

आरोप लगाया गरीब जरूरतमंद लोगों का कराया जा रहा धर्मांतरण

हिंदूवादी संगठन का विरोध देख कुछ ही घंटो में बंद हुई पाठशाला

बीते करीब 3 वर्ष से एक ही मकान के किराए के कमरे में पाठशाला

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 देश में जब से पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, उसके बाद से निरंतर हिंदुत्व का प्रचार प्रसार सहित सनातन संस्कृति को गौरवपूर्ण पहचान दिलाने का परोक्ष अपरोक्ष अभियान देखने के लिए मिल रहा है । अक्सर लव जिहाद और धर्मांतरण के मामले सामने आने के साथ ही जान लेने की घटनाएं भी सुर्खियां बनती रही है। पीएम मोदी देश और दुनिया में जहां भी जाते हैं , उनकी प्राथमिकता भारतीय सनातन संस्कृति और हिंदू देवी देवताओं के पूजनीय स्थल के रूप में पहचान वाले स्थानों पर जाकर देव पूजन करने का सिलसिला जारी है । ज्ञानवापी  से लेकर राम मंदिर का मामला एक ऐतिहासिक घटनाक्रम कहा जा सकता है।
दूसरी ओर ईसाई मिशनरी बड़े ही सुनियोजित और गुपचुप तरीके से अपने ही अंदाज में कथित धर्मांतरण के अभियान में लगी हुई है । यह बात अलग है कि उत्तर भारत में ईसाई मिशनरी उस तेजी से अपना अभियान नहीं चला पा रही, जितना कि दूसरे राज्यों में चर्चा का मुद्दा बना रहता है।

ऐसा ही एक घटना क्रम पटौदी विधानसभा क्षेत्र के हेली मंडी इलाके में भी हुआ। यहां एक मकान में किराए के कमरे में चलाई जा रही ईसाई मिशनरी की पाठशाला में जब अचानक हिंदूवादी संगठन के सदस्य जा पहुंचे तो मिशनरी पाठशाला के संचालक और उपदेश देने वाले हक्का बक्का रह गए। हिंदूवादी विचारधारा के कट्टर समर्थक अनिल भारती, भाजपा के पूर्व पार्षद विनोद शर्मा, विजय भारद्वाज, भारत तिब्बत मंच से जुड़े और मानव निर्माण संस्था के सुरेंद्र कपूर गर्ग, जीतू चौहान, फतेह सिंह सैनी , सुमित कुमार , राजेंद्र शर्मा, पालिका पार्षद श्रीपाल चौहान व अन्य अचानक ईसाई मिशनरी की पाठशाला में पहुंच कर बैठ गए ।

उस समय मिशनरी पाठशाला के संचालक और उपदेशक ईसाई मिशनरी के संदर्भ में मौके पर मौजूद आसपास के ग्रामीणों को प्रवचन दे रहे थे।  हिंदूवादी संगठन के सदस्यों के द्वारा विनम्र भाव से कहा गया कि इस पाठशाला में जो कुछ भी पढ़ाया जा रहा है , उसे एक बार फिर से दोहराते हुए जो भी प्रार्थना की जाती है वह प्रार्थना भी एक बार सुनाई जाए । यदि यह सब उचित लगा तो संभव है नियमित रूप से वह सभी भी मिशनरी पाठशाला में आना आरंभ कर सकते हैं । लेकिन मकान मालिक सहित मिशनरी पाठशाला के संचालकों व प्रचारक को अपना यह खेल और अधिक समय तक जारी नहीं रखने का अंदेशा भी हो गया । हालांकि एक बार मकान मालिक सहित हिंदूवादी संगठन के सदस्यों के बीच इस बात को लेकर गर्मा गर्मी भी हो गई की मकान में मकान मालिक की परमिशन के बिना क्यों और किस प्रकार से प्रवेश किया जा रहा है ? लेकिन जल्द ही मकान मालिक को भी समझ में आ गया और विरोधी तेवर भी शांत हो गए ।

हिंदूवादी संगठन के सदस्यों के द्वारा बताया गया कि ओमप्रकाश नामक व्यक्ति जो कि पास के ही एक गांव का रहने वाला है , बीते कई वर्षों से हेली मंडी में सरकारी स्कूल केनरा बैंक के बगल में किराए पर कमरा लेकर ईसाई मिशनरी का प्रचार करते हुए गरीब बेबस मजबूर ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर कथित रूप से धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते आ रहे हैं । यहां पाठशाला में जब हिंदूवादी संगठन के सदस्यों के द्वारा ईसाई मिशनरी की पुस्तक में लिखें संदेशों को सुनाने का अनुरोध किया गया तो ईसाई मिशनरी पाठशाला के संचालक और पुस्तक वाचक दोनों ही खामोश रहे । हिंदूवादी संगठन के सदस्यों के मुताबिक ईसाई मिशनरी पाठशाला संचालकों को पहले भी कई बार समझाते हुए आगाह किया जा चुका था कि मिशनरी की आड़ में प्रलोभन देकर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए न तो प्रेरित करें और ना ही धर्म परिवर्तन किया जाए। कथित रूप से देहात के इलाके में मिसनरी के जो भी सक्रिय सदस्य हैं , उनके द्वारा भी मिसनरी का प्रचार करते हुए गरीब जरूरतमंद और भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसाने का खेल बीते काफी समय से चल रहा है ।

हेली मंडी में ईसाई मिशनरी पाठशाला के संचालकों को दो टूक चेतावनी दी गई कि अभिलंब अपना सामान और प्रचार सामग्री सहित पुस्तकें समेट कर ईसाई मिशनरी पाठशाला को बंद कर दिया जाए। अपना इस प्रकार से जबरदस्त विरोध देखते हुए ईसाई मिशनरी संचालक और प्रचारक अपना सामान समेटकर रवाना हो गए।  इससे पहले हिंदूवादी संगठन के सदस्यों और लोगों के द्वारा इस बात की स्पष्ट रूप से चेतावनी भी दी गई यदि ईसाई मिशनरी का प्रचार उनके द्वारा किया जाना फिर से जानकारी में आया तो इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं । हिंदूवादी संगठन के सदस्यों के द्वारा यह भी साफ किया गया कि वह किसी धर्म वर्ग संप्रदाय या किसी भी पूजा पद्धति के विरोधी नहीं हैं , लेकिन यदि किसी भी प्रकार से गरीब जरूरतमंद दे बस लाचार लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई मिशनरी के द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को पाठशाला में आमंत्रित किया जाएगा तो इसके बाद जो कुछ भी होगा , उसके लिए मिशनरी और इसके संचालक व अन्य सदस्य ही जिम्मेदार होंगे

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