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राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ‘आईएमपॉवर सुरक्षा’ प्रोजेक्ट की शुरुआत, बेटियाँ होंगी आत्म सुरक्षित

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राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ‘आईएमपॉवर सुरक्षा’ प्रोजेक्ट की शुरुआत, बेटियाँ होंगी आत्म सुरक्षित

● ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को सफल बनाने में सभी को योगदान देना चाहिए: डॉ. पायल कनोडिया

● एम3एम फाउंडेशन ने स्वयं नामक संस्था के सहयोग से आईमपावर क्लबों में बच्चों की सुरक्षा शिक्षा पर आईएमपॉवर सुरक्षा नामक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम: आज देश की बेटियाँ लगभग हर क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं और नाम रोशन कर रही हैं। भारत में महिलाओं की स्थिति सदैव एक समान नही रही है। इसमें युगानुरूप परिवर्तन होते रहे हैं। हरियाणा जैसा राज्य लिंगानुपात को लेकर पुरे देश में जाना जाता रहा है कि यहाँ पुरुष और महिलाओं के अनुपात में भारी कमी है। पुरुषों की संख्या के मुकाबले महिलाओं की संख्या में बहुत कमी थी। जो अब धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव की ओर आगे बढ़ रहा है।

अब यह माहौल बदल रहा है, सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत पुरे देश में एक सामाजिक जागरूकता के लिए मुहीम चलाना शुरू किया और आज धीरे धीरे ही सही समाज में लड़कियों के प्रति सोच में बदलाव आना शुरू हो गया है। देश की बेटियों को सशक्त बनाने और जागरूकता बढ़ाने वाले इस खास दिन 24 जनवरी को ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाने की शुरुआत हुयी।
बेटियों को सशक्त करने के लिए सरकार, एनजीओ, निजी संस्थाएं, एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी कई तरह की पहल करते रहे हैं और बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत भी है। इसी कड़ी में एक नाम आता है एम3एम फाउंडेशन का, जो बेटियों को सशक्त करने के लिए कई प्रोग्राम के माध्यम से लगातार प्रयासरत है। यह फाउंडेशन कई वर्षों से समाज में लड़कियों को उनके सपनों को पूरा करने के लिए विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देकर उन्हें उनकी नौकरी पाने में भी मदद करता है।

इस अवसर पर बात करते हुये एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी, डॉ पायल कनोडिया ने कहा, “सरकार की पहल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को सफल बनाने में सभी को योगदान देना चाहिए। बेटियाँ देश की भविष्य है। मै स्वयं एक महिला हूँ और मै चाहती हूँ की देश की बेटियाँ हर क्षेत्र में आगे जाए और देश का नाम रोशन करे। एक जिम्मेदार संगठन के रूप में हम बेटियों की आत्म रक्षा हेतु आईएमपॉवर सुरक्षा प्रोजेक्ट को शुरू कर रहे है जो बेटियों की सुरक्षा की ओर हमारा एक बड़ा प्रयास है। इसके अलावा गुरुग्राम में निःशुल्क स्किल सेंटर भी चला रहे है जहां पर कम्प्युटर शिक्षा, सिलाई, फैशन डिजाइनिंग तथा अन्य कोर्स के माध्यम से बेटियों को सशक्त बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। इस दिशा में और कई महत्वपूर्ण पहल करने की योजना पर कार्य चल रहा है।”

एम3एम फाउंडेशन ने स्वयं नामक संस्था के सहयोग से आईमपावर क्लबों में बच्चों की सुरक्षा शिक्षा पर आईएमपॉवर नामक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस परियोजना का उद्देश्य बच्चों को आत्म-जागरूक बनाना और उन्हें आत्मरक्षा और शारीरिक मजबूती का प्रशिक्षण देना है। बच्चों को विभिन्न गतिविधियाँ: स्टोरी टेलिंग, खेल, नाटक, रोल प्ले, गतिविधि पत्रक, समूह चर्चा और विचार-मंथन अभ्यास तथा सिमुलेशन जैसे नवीन तरीकों के माध्यम से सुरक्षित शिक्षा की अवधारणा को समझने के लिए सशक्त बनाया जाएगा।

वही एड-एट- एक्शन की प्रोजेक्ट मैनेजर सुप्रिया ने कहा कि, “बेटियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और एक टीम के रूप में इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा बेटियों को आत्म सुरक्षित होने हेतु हर आवश्यक पहलुओं पर कार्य कर रहे है।”

इतना ही नही बेटियों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलें इसके लिए बेहतरीन प्रशिक्षण एवं स्किल डेवलपमेंट महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में विभिन्न सेक्टरों में रोजगार के अनेक अवसर हैं लेकिन उचित स्किल नहीं होने के कारण बेटियाँ पीछे रह जाती हैं। विशेष रूप से ऐसी बेटियाँ जिनके पास स्किल ट्रेनिंग के लिए संसाधन तक पहुँच नहीं है। ऐसे बेटियों के लिए ही एम3एम फाउंडेशन द्वारा कौशल आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने तथा जॉब के लिए तैयार करने और गुरुग्राम में नौकरी खोजने में उनका समर्थन करने के लिए अपने आईएमपॉवर कार्यक्रम में निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है।

ज्ञात हो एम3एम फाउंडेशन अपने ‘आईएमपॉवर’ के तहत 5-15 वर्ष के लगभग 300 बेटियों को प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान कर रहा है और उसके बाद सरकारी स्कूलों में नामांकन हेतु सहायता भी प्रदान कर रहा है।
एम3एम फाउंडेशन की प्रमुख पहलों में ‘आईएमपावर’ एक है। एम3एम ग्रुप की परोपकारी शाखा एम3एम फाउंडेशन ने ‘आईएमपावर’ प्रोजेक्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय विकास संगठन, एड-एट- एक्शन के साथ कोलाबोरेशन किया है जिसका उद्देश्य निर्माण स्थलों पर मौजूद कार्यबल का उत्थान करना है।

● ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को सफल बनाने में सभी को योगदान देना चाहिए: डॉ. पायल कनोडिया

● एम3एम फाउंडेशन ने स्वयं नामक संस्था के सहयोग से आईमपावर क्लबों में बच्चों की सुरक्षा शिक्षा पर आईएमपॉवर सुरक्षा नामक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।

गुरुग्राम: आज देश की बेटियाँ लगभग हर क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं और नाम रोशन कर रही हैं। भारत में महिलाओं की स्थिति सदैव एक समान नही रही है। इसमें युगानुरूप परिवर्तन होते रहे हैं। हरियाणा जैसा राज्य लिंगानुपात को लेकर पुरे देश में जाना जाता रहा है कि यहाँ पुरुष और महिलाओं के अनुपात में भारी कमी है। पुरुषों की संख्या के मुकाबले महिलाओं की संख्या में बहुत कमी थी। जो अब धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव की ओर आगे बढ़ रहा है।

अब यह माहौल बदल रहा है, सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत पुरे देश में एक सामाजिक जागरूकता के लिए मुहीम चलाना शुरू किया और आज धीरे धीरे ही सही समाज में लड़कियों के प्रति सोच में बदलाव आना शुरू हो गया है। देश की बेटियों को सशक्त बनाने और जागरूकता बढ़ाने वाले इस खास दिन 24 जनवरी को ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाने की शुरुआत हुयी।
बेटियों को सशक्त करने के लिए सरकार, एनजीओ, निजी संस्थाएं, एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी कई तरह की पहल करते रहे हैं और बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत भी है। इसी कड़ी में एक नाम आता है एम3एम फाउंडेशन का, जो बेटियों को सशक्त करने के लिए कई प्रोग्राम के माध्यम से लगातार प्रयासरत है। यह फाउंडेशन कई वर्षों से समाज में लड़कियों को उनके सपनों को पूरा करने के लिए विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देकर उन्हें उनकी नौकरी पाने में भी मदद करता है।

इस अवसर पर बात करते हुये एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी, डॉ पायल कनोडिया ने कहा, “सरकार की पहल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को सफल बनाने में सभी को योगदान देना चाहिए। बेटियाँ देश की भविष्य है। मै स्वयं एक महिला हूँ और मै चाहती हूँ की देश की बेटियाँ हर क्षेत्र में आगे जाए और देश का नाम रोशन करे। एक जिम्मेदार संगठन के रूप में हम बेटियों की आत्म रक्षा हेतु आईएमपॉवर सुरक्षा प्रोजेक्ट को शुरू कर रहे है जो बेटियों की सुरक्षा की ओर हमारा एक बड़ा प्रयास है। इसके अलावा गुरुग्राम में निःशुल्क स्किल सेंटर भी चला रहे है जहां पर कम्प्युटर शिक्षा, सिलाई, फैशन डिजाइनिंग तथा अन्य कोर्स के माध्यम से बेटियों को सशक्त बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। इस दिशा में और कई महत्वपूर्ण पहल करने की योजना पर कार्य चल रहा है।”

एम3एम फाउंडेशन ने स्वयं नामक संस्था के सहयोग से आईमपावर क्लबों में बच्चों की सुरक्षा शिक्षा पर आईएमपॉवर नामक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस परियोजना का उद्देश्य बच्चों को आत्म-जागरूक बनाना और उन्हें आत्मरक्षा और शारीरिक मजबूती का प्रशिक्षण देना है। बच्चों को विभिन्न गतिविधियाँ: स्टोरी टेलिंग, खेल, नाटक, रोल प्ले, गतिविधि पत्रक, समूह चर्चा और विचार-मंथन अभ्यास तथा सिमुलेशन जैसे नवीन तरीकों के माध्यम से सुरक्षित शिक्षा की अवधारणा को समझने के लिए सशक्त बनाया जाएगा।

वही एड-एट- एक्शन की प्रोजेक्ट मैनेजर सुप्रिया ने कहा कि, “बेटियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और एक टीम के रूप में इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा बेटियों को आत्म सुरक्षित होने हेतु हर आवश्यक पहलुओं पर कार्य कर रहे है।”

इतना ही नही बेटियों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलें इसके लिए बेहतरीन प्रशिक्षण एवं स्किल डेवलपमेंट महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में विभिन्न सेक्टरों में रोजगार के अनेक अवसर हैं लेकिन उचित स्किल नहीं होने के कारण बेटियाँ पीछे रह जाती हैं। विशेष रूप से ऐसी बेटियाँ जिनके पास स्किल ट्रेनिंग के लिए संसाधन तक पहुँच नहीं है। ऐसे बेटियों के लिए ही एम3एम फाउंडेशन द्वारा कौशल आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने तथा जॉब के लिए तैयार करने और गुरुग्राम में नौकरी खोजने में उनका समर्थन करने के लिए अपने आईएमपॉवर कार्यक्रम में निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है।

ज्ञात हो एम3एम फाउंडेशन अपने ‘आईएमपॉवर’ के तहत 5-15 वर्ष के लगभग 300 बेटियों को प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान कर रहा है और उसके बाद सरकारी स्कूलों में नामांकन हेतु सहायता भी प्रदान कर रहा है।
एम3एम फाउंडेशन की प्रमुख पहलों में ‘आईएमपावर’ एक है। एम3एम ग्रुप की परोपकारी शाखा एम3एम फाउंडेशन ने ‘आईएमपावर’ प्रोजेक्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय विकास संगठन, एड-एट- एक्शन के साथ कोलाबोरेशन किया है जिसका उद्देश्य निर्माण स्थलों पर मौजूद कार्यबल का उत्थान करना है।

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