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वीरता की सच्ची मिसाल थे अमर शहीद हुकूमचंद जैन: नवीन गोयल

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वीरता की सच्ची मिसाल थे अमर शहीद हुकूमचंद जैन: नवीन गोयल
-अमर शहीद हुकूमचंद जैन के 164वें शहीदी दिवस पर लगाया वैक्सीनेशन शिविर
-जैन बारादरी में भाजपा नेता शहीदी दिवस समारोह का किया शुभारंभ

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। अग्रवाल वैश्य समाज एवं वर्धमान सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अमर शहीद हुकूमचंद जैन जी का शहीदी दिवस कोविड वैक्सीनेशन शिविर लगाकर मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा धान में बुधवार को प्रमुख नवीन गोयल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे।    
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक डा. एनके जैन, जैन मंदिर के प्रधान नरेश जैन, महामंत्री अशोक जैन, वर्धमान संस्थान से विपिन जैन, मुनि सेवा समिति से प्रधान मुनीष जैन, जिनेंद्र जैन, जैन समाज के प्रवक्ता एवं अग्रवाल वैश्य समाज गुडग़ांव पार्लियामेंट के अध्यक्ष अभय जैन, पारस जैन आदि उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि नवीन गोयल, उनके साथ आए भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गगन गोयल, युवा नेता ईशू वाल्मीकि का भी जैन समाज की ओर से सम्मान किया गया। सदर बाजार स्थित दिगम्बर जैन मंदिर जैन बारादरी में अमर शहीद हुकूमचंद जैन जी का शहीदी दिवस यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। भगवान महावीर जी के चित्र का अनावरण व अमर शहीद हुकूमचंद जैन जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया। कोरोना महामारी के समय में सब जन स्वस्थ रहें, इसलिए इस समारोह को सादगी के साथ मनाया गया। यहां कोविड वैक्सीनेशन शिविर लगाकर लोगों को वैक्सीन लगाई गई।  
उन्होंने कहा कि हुकूमचंद जैन जी वीरता की सच्ची मिसाल थे। उन्होंने आजादी के आंदोलन में जिस वीरता से काम किया, वह कल्पना से परे है। उन्होंने कहा कि 29 मई, 1857 को लाला हुकूम चंद जैन तथा मुनीर बेग के नेतृत्व में जनता ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ  बगावत शुरू की थी। यह हम सबके लिए गौरव की बात है कि उन्होंने हरियाणा के हांसी में जन्म लिया। हांसी की लाल सड़क देश की आजादी के लिए यहां के वीरों द्वारा दी गई कुर्बानियों की गवाह है। आज भी उस स्थल पर गौरव की अनुभूति होती है। लाला हुकूमचंद जैन के साथ ही उनके भतीजे फकीरचंद को फांसी दी गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में बहादुरशाह जफर को सहायता देने का आश्वासन देते हुए पत्र लिखा था। हुकूमचंद जैन जी बहादुरशाह जफर के बहुत विश्वासपात्र और करीबी थे।
इस वैक्सीनेशन शिविर में मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही लोगों को सेनिटाइज कराया गया। इसके बाद पंजीकरण और फिर वैक्सीन लगाई गई। इस दौरान बेहतरीन व्यवस्था की गई थी। सोशल डिस्टेंस, मास्क सभी के लिए जरूरी था। वैक्सीनेशन के लिए यहां लंबी लाइनें लगी रही। 15 साल से ऊपर सभी उम्र के लोगों को यहां वैक्सीन लगाई गई। बुजुर्गों को बूस्टर डोज भी यहां लगाई।

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