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अग्रवाल वैश्य समाज मनाएगा स्वतंत्रता सेनानी हुकुम चंद जैन का 164वां शहीदी दिवस  

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अग्रवाल वैश्य समाज मनाएगा स्वतंत्रता सेनानी हुकुम चंद जैन का 164वां शहीदी दिवस  
-19 जनवरी को मनाया जाएगा शहीदी दिवस

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम,। हरियाणा के सपूत देश के लिए कुर्बानी देने में हमेशा आगे रहे हैं। वैश्य समाज से भी स्वतंत्रता सेनानी हुकुम चंद जैन ने देश के लिए अपनी शहादत दी। ऐसे योद्धा को सम्मान देने एवं प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और शौर्य गाथाओं को अमर रखने के लिए अग्रवाल वैश्य समाज हरियाणा वैश्य समाज के गौरव स्वतंत्रता सेनानी हुकुम चंद जैन के 164वें शहीदी दिवस का आयोजन सभी जिलों में आयोजित करेगा।
यह जानकारी देते हुए समाज के प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं वैश्य एक्सप्रेस के सम्पादक अभय जैन एडवोकेट ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष अशोक बुवानीवाला के मार्गदर्शन में ये निर्णय लिया गया है। जिसके तहत प्रदेश की सभी वैश्यजन देश के वीर योद्धा को नमन करेंगे।
श्री जैन ने वैश्य एवं जैन समाज की समस्त संस्थाओं से भी अपील कि करते हुए कहा कि 19 जनवरी 1858 के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए हुकुम चंद जैन को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें, ताकि अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी को उनके शहीद दिवस आयोजित कर भावी पीढ़ी को प्रेरणा दी जा सकें। अभय जैन ने बताया कि शहीद हुकूम चंद जैन का जन्म वर्ष 1816 में हरियाणा के हांसी में हुआ था। इसलिए उनके शहीद दिवस वाले दिन प्रदेश के हर शहर में स्वतंत्रता सेनानी हुकूम चंद जैन की मूर्ति के समक्ष पुष्पांजलि कर ग्यारह दीप जलाएं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करे।
अभय जैन एडवोकेट ने शहीद हुकूम चंद जैन को स्मरण करते हुए कहा कि वे महान देशभक्त व कुशल प्रशासक थे। उनकी काबिलियत को देखते हुए बहादुरशाह जफर ने उन्हें हांसी, हिसार और करनाल जिले के कुछ गावों का कानूनगों नियुक्त किया था। 29 मई, 1857 को लाला हुकुम चंद तथा मुनीर बेग के नेतृत्व में जनता ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ  बगावत का झंडा बुलंद किया था। हांसी की लाल सड़क देश की आजादी के लिए यहा के वीरों द्वारा दी गई कुर्बानियों की साक्षी है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में बहादुरशाह को सहायता करने का आश्वासन देने का पत्र लिखने के आरोप में अंग्रेजों ने हुकुम चंद व उनके भतीजे फकीर चंद तथा मिर्जा मुनीर बेग को फांसी पर लटका दिया था।

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