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पद्म श्री शोवना नारायण द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति

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पद्म श्री शोवना नारायण द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति

द्रोणाचार्य गवर्नमेंट कॉलेज में कथक गुरु के साथ लेक्चर डिमॉन्सट्रेशन

जिला प्रशासन एवं नगर निगम के साथ कला शिक्षा प्रोजेक्ट की शुरूआत

कला के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए विभिन्न ठोस प्रयास

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनाने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव का आगाज कलाग्राम – सोसाइटी फॉर फाइन आर्ट इनिशिएटिव्स, गुरुग्राम, ने जिला प्रशासन और नगर निगम के साथ मिलकर  कला शिक्षा प्रोजेक्ट की शुरूआत की है। यह ललित कला के क्षेत्र में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की एक पहल है, इसमें गुरुग्राम के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यशालाओं, व्याख्यान प्रदर्शनों, इंटरैक्टिव सत्र आदि का आयोजन किया जाएगा। पहल के तहत अपना पहला सत्र आयोजित करने के लिए, कलाग्राम ने स्पिक मौके के सहयोग से कथक गुरु पद्म श्री शोवना नारायण द्वारा सोमवार को द्रोणाचार्य गवर्नमेंट कॉलेज के छात्र छात्राओं के लिए व्याख्यान प्रदर्शन किया गया, इस सत्र में छात्र छात्राओं द्वारा कला  के संबंध में कई प्रश्न भी पूछे गए। इस पहल के बारे में बात करते हुए, डीसी डॉ. यश गर्ग ने कहा कि  कला शिक्षा सांस्कृतिक परिवर्तन प्रक्रिया का केंद्र है और कला को बढ़ावा देने व उसकी सराहना के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। पिछले कुछ वर्षों में, जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा जिले में कला के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कईं प्रकार के ठोस प्रयास किए हैं। इसके अलावा, ललित कला शिक्षा के प्रचार व प्रसार के लिए  गठित कलाग्राम सभी पृष्ठभूमि के छात्रों को सुलभता से सुअवसर उपलब्ध कराने और उनकी प्रतिभा तथा आकांक्षाओं का पोषण करने के लिए कटिबद्ध है।

द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य वीरेंद्र सिंह अंतिल ने कलाकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि “शोवना नारायण जी जैसे महान कलाकार की मेजबानी करना हमारे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है। इसको आयोजित करने और छात्रों को  ऐसा अनूठा मंच देने के लिए  हम कलाग्राम, जिला प्रशासन, एमसीजी और स्पिक मैके के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सांस्कृतिक जागरूकता के महत्व और बच्चों के बीच अभिव्यक्ति पर जोर देते हुए,  स्पिक मैके गुरुग्राम चौप्टर की अध्यक्षा शिल्पा सोनल, ने कहा कि छात्रों के लिए भारत के इतिहास के कला रूपों और संस्कृति के बारे में एक मजबूत समझ और ज्ञान विकसित करना अनिवार्य है। युवाओं के बीच कला और संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु शुरू किए गए स्पीक मैके के इस स्वैच्छिक आंदोलन को इस कार्यक्रम के जरिए आगे बढ़ाते हुए बेहद खुशी हो रही है।

कलाग्राम – गुरुग्राम में सोसाइटी फॉर फाइन आर्ट इनिशिएटिव्स एक सरकारी सोसाइटी है, जिसका गठन जिला प्रशासन और गुरुग्राम नगर निगम द्वारा जिले में कला और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के लिए एक पहल है। इस संस्था का उद्देश्य गुरुग्राम के नागरिकों के बीच कला व संस्कृति के विभिन्न रूपों का ना सिर्फ प्रदर्शन करना बल्कि कला शिक्षा को बढ़ावा दे गुणवत्ता प्रदान करना और साथ ही कला की प्रशंसा कर उसे आत्मसात करना भी है। (सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग यूथ) यह एक गैर-राजनीतिक, राष्ट्रव्यापी, स्वैच्छिक आंदोलन है, जिसकी स्थापना 1977 में डॉ. किरण सेठ ने की थी, आईआईटी-दिल्ली में प्रोफेसर-एमेरिटस जिन्हें कला में उनके योगदान के लिए सन् 2009 में श्पद्म श्रीश् से सम्मानित किया गया था। ैच्प्ब्ड।ब्।ल् का इरादा जागरूकता बढ़ाकर औपचारिक शिक्षा की गुणवत्ता को समृद्ध करना है। भारतीय विरासत के विभिन्न पहलुओं व मूल्यों के बारे में युवा मन को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करना है ताकि इन कलाओं में निहित ज्ञान उनके जीवन और सोच को प्रभावित करे सके और एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित कर सके। इसके लिए देश के सबसे कुशल कलाकार भारतीय शास्त्रीय संगीत नृत्य, लोक, कविता, रंगमंच, पारंपरिक पेंटिंग, शिल्प और योग के कार्यक्रम मुख्य रूप से स्कूलों और कॉलेजों में प्रस्तुत करते हैं।

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