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भारत को हिंदू राष्ट्र और गाय को राष्ट्र पशु घोषित किया जाए: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द

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भारत को हिंदू राष्ट्र और गाय को राष्ट्र पशु घोषित किया जाए: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द

अयोध्या नगरी में निश्चित ही भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण होगा

किसानों की समृद्धि एवं उनके स्वावलम्बन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया

सांसदो, एमएलए, सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्तों में सैकड़ों प्रतिशत वृद्धि

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम।
 एक बहुत लंबे अरसे के बाद अब सही समय आ चुका है जब भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए । इतना ही नहीं गाय को राष्ट्रीय पशु भी घोषित करना चाहिए । कश्मीर से अनुच्छेद 370 पूरी तरह समाप्त किया जा चुका है । वहां लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार को ईमानदारी से दृढ़ता पूर्वक अविलंब कार्य आरंभ करना चाहिए । 1951 के हिंदू एक्ट को समाप्त कर देना चाहिए , इसके तहत किसी भी मंदिर मठ को सरकार जब चाहे अधिग्रहित कर सकती है । यही कारण है कि आंध्र प्रदेश और केरल में बहुत से मंदिरों का अधिग्रहण करके वहां पर स्थानीय लोगों का धर्मांतरण और मतांतरण दोनों कार्य सुनियोजित तरीके से किए जा रहे हैं । भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या में हिंदू समाज की आस्था को साकार स्वरूप मिल रहा है । इस सच्चाई और हकीकत से कोई भी इनकार नहीं कर सकता कि अयोध्या में निश्चित ही भगवान श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण होगा। यह बात काशी सुमेरु पीठाधीश्वर पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज ने कही। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज भाभर ग्राम प्रधान यूपी के अंशुल शुक्ल द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में अपना आशिर्वाद देने के लिए विशेष रूप से पहुंचे थे। यह जानकारी शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द के निजि सचिव ब्रह्मचारी बृजभूषणानन्द के द्वारा सांझा की गई।

शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक देश के हर सांसदो, एमएलए सहित विभिन्न विभाग में कार्य करने वाले कर्मचारियों के वेतन भत्तों में सैकड़ों प्रतिशत की बृद्धि सरकार के द्वारा कर दिया गया है। लेकिन किसानों की समृद्धि एवम् उनके स्वावलम्बन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया । किसानों को न तो समय पर पानी मिल पाता है, और न ही बिजली । यहाँ तक की फसल के सीजन में उर्वरक की कालाबजारी के कारण किसानों को दुगने-तिगुने दाम पर उर्वरक खरीदना पड़ता है । इसके बाद किसानों अपने उत्पादित अनाजों, फलों एवम् सब्जियों का लागत भी न मिलने के कारण कर्ज के बोझ से दब जाता है। जिसके कारण वह आत्महत्या करने को विवश हो जाता है ।

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि देश तभी खुशहाल होगा, जब किसान खुशहाल होगा। किसान आन्दोलन बहुत लम्बे समय से चल रहा है, किसानों को चाहिए कि वह सरकार से सकारात्मक बात करें, क्योंकि कानून बन चुका है, जिसे पूरी तरह रद्द तो नहीं किया जा सकता, लेकिन यदि कहीं कोई कमी है तो सरकार किसानों के हित में कानून में सुधार करे। गोपाष्टमी पर्व के दृष्टिगत जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि गाय सनातन धर्म की रीढ़ है। सनातन धर्मावलम्बियों को कम से कम एक गाय का पालन अवश्य ही करना चाहिए । शाहजहांपुर में श्री बालाजी मन्दिर के पास गोशाला में गोमाता का पूजन करते एवम् फल खिलाते हुए उन्होंने कहा कि वास्तव में गाय हमारे परिवार, समाज, राष्ट्र की एकता, संस्कृति और संस्कार सहित अध्यात्म की नींव है। गाय एक पशु अथवा जीव न होकर भारतीय सनातन संस्कार का जीवंत रूप है। गाय का जितना अध्यात्मिक महत्व है, उतना ही वैज्ञानिक महत्व भी है। इस मौके पर ब्रह्मचारी बृजभूषणानन्द जी महाराज, सत्यदेव , प्रधान कृपा शंकर पाण्डेय, अंशुल शुक्ल, अंकित शुक्ल, बृजेश शुक्ल, दीपक दीक्षित, दिवारी लाल मिश्र, अखिलेश शुक्ल सहित अनेक श्रद्धालुगण मौजूद रहे

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