वैक्सीनेशन का 100 करोड़ टारगेट पूरा होने पर बनाई रंगोली
सत्ता पक्ष के नेताओं ने द्वारा स्वास्थ्य स्टाफ को किया प्रोत्साहित
कोरोना महामारी में बनाया गया था यहां पहला कोविड-19 सेंटर
फतह सिंह उजाला पटौदी । विश्वव्यापी कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी की त्रासदी और इस दौरान हुई माननीय जीवन की हानि के बावजूद पूरी दुनिया में सबसे पहले पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिकों के द्वारा कोरोना कोविड-19 पर काबू पाने के लिए वैक्सीन का इजाद किया गया। इसके बाद में कोरोना के दौरान फ्रंट लाइन पर माने जाने वाले काम करने वाले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को विभिन्न स्तर पर अलग-अलग प्रकार से सम्मानित और प्रोत्साहित भी किया गया ।
दुनिया में सबसे पहले अपने नागरिकों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सिंग देने की कड़ी में भारत और भारत के तमाम चिकित्सा स्टाफ के द्वारा एक सौ करोड़ वैक्सीनेशन देने का टारगेट पूरा कर लिया गया । इसी टारगेट को अथवा लक्ष्य को पूरा किया जाने के मौके पर गुरुवार को पटौदी के सामान्य नागरिक अस्पताल परिसर में फूलों से बहुत ही सुंदर और आकर्षक एक रंगोली बनाई गई । यह रंगोली एक सौ करोड़ वैक्सीन की डोज की थीम पर बनाई गई । इस मौके पर पटोदी नागरिक अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर तथा कोविड-19 नोडल ऑफिसर सुशांत शर्मा सहित अस्पताल में मौजूद सभी स्वास्थ्य कर्मियों , स्टाफ नर्स , एएनएम और इस अभियान अपना अतुलनीय योगदान देने वाले लोगों को प्रोत्साहित करते हुए गुलाब के फूल भेंट किए गए। भारतीय जनता पार्टी पटौदी मंडल अध्यक्ष किशन यादव माजरा, धर्मेंद्र यादव, बाल किशन अपनी पूरी टीम के साथ पटोदी नागरिक अस्पताल में पहुंचे। इसी मौके पर अस्पताल के प्रवेश द्वार पर फूलों से एक 100 करोड़ कोरोना वक्सिन की मनभावन और प्रेरणादाई रंगोली तैयार की गई । गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर जो कि सबसे अधिक जानलेवा साबित हुई, उसी दौरान ही पटौदी नागरिक अस्पताल में ही सबसे पहले कोविड-19 सेंटर की स्थापना की गई । सबसे खास बात यह है कि यह कोविड-19 सेंटर महज 24 घंटे के दौरान पीड़ितों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने की सुविधा से संपन्न अपने प्रकार का पहला केयर सेंटर साबित हुआ ।
इस मौके पर मेडिकल ऑफिसर और कोविड-19 के नोडल ऑफिसर डॉक्टर सुशांत शर्मा ने कहा कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी की दूसरी लहर ने जिस प्रकार से अपने दुष्परिणामों का आतंक मचाते हुए आम लोगों की जिंदगी पर हमला बोला । उन हालात पर काबू पाना और पीड़ितों की सेवा के साथ जिंदगी को बचाना सभी चिकित्सकों सहित चिकित्सा स्टाफ के लिए इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती साबित हुआ है। फिर भी जिस प्रकार से कोरोना कॉविड 19 पर लगाम कसने सहित आम लोगों की जिंदगी बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा वैज्ञानिकों के द्वारा काम करते हुए वैक्सीन तैयार की गई और उसी तेजी से उम्र के कैटेगरी के मुताबिक फ्रंटलाइन वर्कर से लेकर आम इंसान को भी वैक्सीन दी गई । यह पूरी दुनिया में भारतीय चिकित्सा क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुई है ।
डॉक्टर सुशांत शर्मा ने कहा करोना कोविड-19 जैसी महामारी के दूसरे दौर को याद करके आज भी मन बेहद विचलित हो जाता है कि अपने तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना कॉविड 19 के पीड़ितों को चिकित्सकों के द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर भी कोरोना पीड़ितों के जीवन को नहीं बचाया जा सका । लेकिन जिस प्रकार से और जिस तेजी से योजनाबद्ध कार्यक्रम बनाकर भारत में कोरोना कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी की गई है , वह पूरी दुनिया में एक मिसाल साबित हुई है । उन्होंने कहा चिकित्सकों और चिकित्सा स्टाफ का पहला कर्म और धर्म किसी भी प्रकार के रोगी अथवा पीड़ित को स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध करवाते हुए उसके जीवन की रक्षा करना ही होता है और यह काम पूरी ईमानदारी के साथ में किया जा रहा है । गुरुवार को पटौदी नागरिक अस्पताल स्टाफ को प्रोत्साहित और सम्मानित किया जाने के लिए पटौदी नागरिक अस्पताल प्रशासन के द्वारा कार्यक्रम के आयोजको का आभार भी व्यक्ति किया गया है।
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