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एमएसपी पर बाजरा खरीद नहीं होने से अहीरवाल में भी आया उबाल

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एमएसपी पर बाजरा खरीद नहीं होने से अहीरवाल में भी आया उबाल

राव इंद्रजीत के करीबी कोसली एमएलए के गढ़ में किसानों की पंचायत

एमएसपी पर खरीद के लिए दिया सरकार को 2 दिन का अल्टीमेटम

एमएसपी पर बाजरा खरीद नहीं, तो सत्ता पक्ष के नेताओं का बहिष्कार

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल की सबसे अहम और मुख्य फसल बाजरा की एमएसपी पर खरीद नहीं किए जाने का मामला धीरे-धीरे अब तूल पकड़ता जा रहा है । 23 सितंबर को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के निर्वाचन क्षेत्र झज्जर के गांव पाटोदा में शहीदी दिवस समारोह में भी किसान हितेषी होने के दावेदार मोदी मंत्रिमंडल में वजीर राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा भी खुले मंच से कहा गया था कि किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए।

इधर बाजरा की खरीद को लेकर भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की हरियाणा में गठबंधन सरकार के द्वारा पहले ही अपनी नीति और पॉलिसी की घोषणा कर दी गई की सरकार कथित रूप से बाजरे की खरीद नहीं करके भावांतर योजना के तहत पंजीकृत किसानों को प्रति क्विंटल 600 रूपए सब्सिडी के तौर पर उनके बैंक खाते में उपलब्ध करवाएगी । बाजरा उत्पादक किसान के अलावा बहुत से किसान ऐसे हैं जोकि जमीन को बटाई पर लेकर खेती-बाड़ी का भी काम करते हैं, ऐसे में सरकार की इस योजना और घोषणा का सबसे अधिक खामियाजा जमीन बटाई पर लेकर खेती करने वाले किसानों को ही होता दिखाई दे रहा है । दूसरे बेमौसम बरसात के कारण भी बाजरा की फसल को काफी नुकसान हो चुका है । इन्हीं सब मुद्दों को लेकर अहीरवाल क्षेत्र के ही कोसली विधानसभा क्षेत्र की अनाज मंडी के किसान रेस्ट हाउस में बुधवार को एक किसान पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में मुख्य रूप से ओमप्रकाश डाबला, रवि कुमार यादव, सुभाष यादव, प्रमोद कुमार, शमशेर यादव, जय भगवान सरपंच, जीवन, मनोज यादव, सुरेंद्र चेयरमैन, सुरेश कुमार , राज विजय चौहान, रामफल, कौसलिया , विनोद , राव गौरव ,होशियार पूनिया सहित अनेक किसान मौजूद रहे ।

किसान पंचायत में मौजूद विभिन्न वक्ताओं ने हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार से कहा है कि आगामी 2 दिनों के अंदर मंडियों में एमएसपी पर बाजरा की सरकारी खरीद आरंभ नहीं की गई तो इसके बाद में क्षेत्र के किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। विभिन्न तहसील कार्यालयों के बाहर धरना भी दिया जाएगा । सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही गई कि किसानों के द्वारा सत्ता में भागीदार और सत्तासीन पार्टी के नेताओं का घेराव सहित बहिष्कार भी किया जाएगा। इसी मौके पर किसानों के द्वारा एमएसपी पर बाजरे की खरीद की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए बुधवार को सांकेतिक धरना भी दिया गया । इसके उपरांत पंचायत में मौजूद किसान अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कोसली के लघु सचिवालय में पहुंचे । जहां किसान प्रतिनिधि मंडल के द्वारा प्रधानमंत्री और हरियाणा के कृषि मंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है कि सरकार अपने वायदे के मुताबिक एमएसपी पर मंडियों में किसानों के बाजरे की फसल की खरीद सुनिश्चित करें। विभिन्न किसान वक्ताओं के द्वारा आरोप लगाया गया कि क्षेत्र विशेष के किसानों को लाभ पहुंचाने या फिर किसानों में ही मतभेद पैदा करने के लिए सरकार के द्वारा धान की खरीद एमएसपी पर की जा रही है। लेकिन दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल जहां सबसे अधिक बाजरा की फसल उगाई जाती है , उस क्षेत्र में बाजरा की खरीद एमएसपी पर क्यों और किसके दबाव में सरकार के द्वारा नहीं की जा रही ? यह सवाल भी किसान वक्ताओं के द्वारा उठाया गया ।

किसान वक्ताओं ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार कथित योजनाबद्ध तरीके से दक्षिणी हरियाणा के किसानों को आर्थिक रूप से पिछड़ा और कमजोर करने का खेल खेल रही है । बाजरा की फसल की बिक्री के बाद किसानों के द्वारा सरसों की फसल की बिजाई की तैयारी की जाती है । इतना ही नहीं जो कुछ भी पैसा बाजरा की बिक्री के बाद मिलता है , किसान परिवार विभिन्न प्रकार के घरेलू कार्य पूरे करते हैं । व्यापारियों से लिया गया उधार और बैंक से लिया गया कर्जे का भी भुगतान बाजरा की फसल की बिक्री के बाद मिलने वाली रकम से ही किया जाता है । इसी मौके पर विभिन्न किसान वक्ताओं ने गठबंधन सरकार विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी और हरियाणा के सीएम मनोहर खट्टर को याद दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार दक्षिणी हरियाणा से चुने हुए भारतीय जनता पार्टी के एमएलए की बदौलत ही आज चंडीगढ़ में विराजमान है । इस बात को बिल्कुल भी इनकार और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है । पंचायत में मौजूद किसानों ने अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि सरकार प्रति क्विंटल 600 रूपए भावांतर भरपाई योजना के तहत पंजीकृत किसानों को उपलब्ध करवा रही है ।

इसके विपरीत खुले बाजार में अथवा मंडी में बाजरे का भाव औसतन 13 या 14 सो रुपए प्रति क्विंटल ही किसानों को मिल रहा है । ऐसे में किसानों को औसतन 800 रूपए  प्रति क्विंटल का सीधा नुकसान झेलने के लिए मजबूर कर दिया गया है । सरकार किसानों की इतनी ही शुभचिंतक और हितैषी है भावांतर भरपाई योजना के तहत बाजरा उत्पादक किसानों को उपलब्ध करवाई जाने वाली सब्सिडी कम से कम प्रति क्विंटल 800 रूपए उपलब्ध करवाएं । यहां यह बात भी गौरतलब है कि एक दिन पहले ही दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल क्षेत्र के 5 विधानसभा क्षेत्रों के एमएलए लक्ष्मण यादव , सत्य प्रकाश जरावता, डॉ अभय सिंह, सीताराम, ओम प्रकाश यादव के द्वारा सामूहिक रूप से बाजरा खरीद और किसानों के हित में सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली भावांतर योजना के तहत सब्सिडी को भी बढ़ाने की मांग की गई है। अब देखना यह है कि बुधवार को हुई यह पंचायत गठबंधन सरकार पर कितना दबाव बनाने में कामयाब रहेगी ? या फिर जिस प्रकार से किसान अन्य क्षेत्रों में एमएसपी की मांग को लेकर आंदोलनरत है दक्षिणी हरियाणा और अहीरवाल के किसान भी उसी आंदोलन के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर होंगे। 

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