वजीराबाद का बुज़ुर्ग दंपत्ति बोला हमें गुमराह किया, संपत्ति हड़पने का आरोप
ग्रामीण दंपति का दावा गांव जाटोला और गांव मेहचाना में उनकी जमीन
दंपति ने अपनी जान और जमीन बचाने की कानून से लगाई गुहार
भारतीय कानून और कोर्ट पर ग्रामीण दंपति ने जताया पूरा विश्वास
फर्जी तरीके से तैयार जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग कर जमीन खुर्दबुर्द का आरोप
बेटा ने चालाकी से संपत्ति को अपने नाबालिग पुत्र के नाम रजिस्टर्ड करा लिया
फतह सिंह मसाला
पटौदी । देहात के दंपति ने अपनी जान और जमीन को बचाने सहित सुरक्षा की गुहार सिस्टम के साथ-साथ कानून से भी लगाई है। पीड़ित अथवा प्रभावित दंपति का कहना और मानना है कि भारतीय कानून व्यवस्था के साथ-साथ कोर्ट पर भी उनका पूरा विश्वास है । इसका मुख्य कारण है उनकी जमीन जायदाद संबंधित मामला कानूनी प्रक्रियाओं से चलते हुए कोर्ट के द्वारा किए जाने वाले फैसले के विचार अधीन है। यह मामला पटौदी विधानसभा क्षेत्र के ही थाना इलाका फरुखनगर के अलग-अलग गांव मेहसाणा और जाटोला से जुड़ा हुआ है। इन दोनों अलग-अलग गांव में देहात के दंपति के दावे के मुताबिक उनके द्वारा खरीदी गई खेती की जमीन है।
मौजूदा समय में गांव जाटोला में रह रहे अपने आप को हार्ट पेशेंट बताने वाले देहात के नरेंद्र पुत्र अमरनाथ और उनकी पत्नी कश्मीरी देवी के द्वारा संबंधित जमीन को लेकर अपने ही पुत्र प्रशांत और उसके रिश्ते नातेदारों पर कथित गंभीर आरोप लगाते हुए अपने ही पुत्र को गुमराह किया जाने का शक जाहिर करते हुए आरोप भी लगाए । इकलौते पुत्र के अभिभावक माता-पिता का कहना है कि उनके पुत्र को उसी के ही रिश्ते नातेदारों के द्वारा, हमारे को गुमराह करते हुए जीपीए करवा ली गई। इसके बाद पुत्र ने संबंधित जमीन को अपने मासूम नाबालिक बच्चों के नाम करवा दिया। यह सब किया जाने के बाद बेटे ने हीं नाबालिग अपने बेटे का अभिभावक बन जमीन को कथित रूप से प्रॉपर्टी डीलरों के बहकावे में आकर सौदेबाजी कर दी। इस बीच में जब इस सारे घटनाक्रम का पता लगा तो हमारे द्वारा अदालत का भी दरवाजा खटखटाया गया और मौजूदा समय में भी जमीनों से संबंधित मामले न्याय के लिए कोर्ट में ही विचाराधीन है।
देहात के पीड़ित दंपति का आरोप है कथित रूप से उनके मालिकाना हक की एक साइड की जमीन पर लगे हुए बोर्ड को कुछ प्रॉपर्टी डीलरों के द्वारा उखाड़ कर फेंक दिया गया । इस संदर्भ में जानकारी मिलने पर थाना फरुखनगर पुलिस को शिकायत दी गई। पूरे प्रकरण की जानकारी के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों से संबंधित जमीन पर किसी भी प्रकार का बोर्ड नहीं लगवाने का लिखित में आश्वासन की सहमति बनी और लिखित में दे दिया । इसी कड़ी में दंपति का यह भी कहना है कि मौजूदा समय में जाटोला में जमीन की भी कथित रूप से उनको बिना किसी विश्वास में लिए अथवा जानकारी दिए हुए सौदेबाजी कर दी गई। जबकि यहां वह व्यक्तिगत रूप से रहकर खेती-बाड़ी करते हुए अपना गुजर बसर कर रहे हैं। कश्मीरी देवी का कहना है कि उनके पति नरेंद्र हार्ट पेशेंट है और कई स्टंट डल चुके हैं। खेती के जमीन के विवाद में अनावश्यक खर्च होने के कारण आय का कोई अतिरिक्त स्रोत नहीं होने की वजह से निकट रिश्तेदारों और बेटी के द्वारा ही सारा खर्चा भी उठाया जा रहा है।
देहात के इस दंपति का कहना है कि उनको अपने ही बेटे वह उसके रिश्तेदारों सहित अन्य के द्वारा विश्वास और भरोसे में लेकर धोखा देकर कीमती जमीन की सौदेबाजी का खेल खेला जा रहा है। जमीन जायदाद का मामला न्याय के लिए कोर्ट में विचाराधीन है। इसी प्रकरण में प्रतिपक्ष से ही जुड़े लोगों का अपना तर्क है कि इस पूरे प्रकरण में पूरी ईमानदारी और कानूनी प्रक्रिया के तहत ही काम किया गया है। बुजुर्ग दंपति के द्वारा जो कुछ भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह पूरी तरह से बुनियाद है । वही नरेंद्र पुत्र अमरनाथ और कश्मीरी देवी दंपति का कहना है कि भरण पोषण के लिए केवल यह जमीन ही उनके पास बची हुई है। इस जमीन पर उनका अपना कब्जा है और किसी कीमत पर भी कब्जा नहीं छोड़ेंगे। कोर्ट और कानून जो कुछ भी फैसला करेगा , हमारे को कानून और कोर्ट पर पूरा भरोसा है, वह फैसला हमें मंजूर रहेगा।
