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हेलीमंडी पालिका सचिव का एससी- एसटी विरोधी चेहरा आया सामने

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हेलीमंडी पालिका सचिव का एससी- एसटी विरोधी चेहरा आया सामने

सवा तीन करोड़ के पालिका कार्यालय में केवल पति-पत्नी चेयरमैन के नाम 

नए कार्यालय के मीटिंग हॉल में इनकंबेंसी बोर्ड पर पति पत्नी के नाम

हेली मंडी पालिका के अभी तक पद पर रह चुके हैं कुल 12 चेयरमैन

इन 12 चेयरमैन में 4 एससी और एसटी समुदाय से संबंध रखने वाले

लाख टके का सवाल चेयरमैन का ड्राइंग रूम या पालिका मीटिंग हॉल

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
केंद्र की मोदी सरकार और हरियाणा में खट्टर सरकार सभी का साथ सभी का विकास और सभी वर्गों को मान सम्मान देने का ढोल पीठ की आ रही है । लेकिन हकीकत क्या है ? यह हाल ही में सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा हेलीमंडी नगर पालिका के सवा तीन करोड़ रुपए के फाइव स्टार ऑफिस का उद्घाटन किया जाने के बाद मनोनीत पालिका पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में सामने आ गया है ।

नए पालिका कार्यालय में पालिका हाउस की बैठक वाले कक्ष में बुधवार को एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता के द्वारा बीजेपी कोटे से तथा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के द्वारा जननायक जनता पार्टी के कोटे से मनोनीत पालिका पार्षदों को हेलीमंडी नगरपालिका के सचिव पंकज जून के द्वारा शपथ दिलाई गई । इस मौके पर मौजूदा निर्वाचित पालिका पार्षदों के साथ साथ पूर्व पार्षद और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। हैरानी इस बात को लेकर है कि बीजेपी कोटे और बीजेपी के एमएलए जो कि स्वयं दलित समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं , उनके द्वारा मनोनीत करवाए गए पालिका पार्षद श्रीपाल चौहान ने भी कथित रूप से अपने नेता का भी इंतजार नहीं किया कि कम से कम उनके शपथ ग्रहण समारोह में एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता मौजूद रहे । इसके क्या कारण रहे यह बात अलग है। यहां सबसे महत्वपूर्ण बात जो सामने आई है कि इस शपथ ग्रहण समारोह से मीडिया को पूरी तरह से अंधेरे में रखा गया ।

फिर भी जो तस्वीरें बाहर निकल कर आई वह तस्वीरें सरकार की इस नीति के लिए चुनौती है, जिसमें कि स्वयं सीएम मनोहर लाल खट्टर क्षेत्र के सांसद और केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह तथा इलाके के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता 36 बिरादरीओ के मान सम्मान का दावा करते आ रहे हैं । शपथ ग्रहण समारोह वाले कक्ष में इनकंबेंसी बोर्ड जिस पर तमाम ऐसे पदासीन लोगों के नाम लिखे जाते हैं जोकि पालिका के चेयरमैन रह चुके हैं , ऐसे अनेक नामों को अनदेखा किया गया । क्योंकि इनमें कई पार्षद जोकि हेलीमंडी नगर पालिका के चेयरमैन बने , वह पिछड़ा वर्ग , दलित समुदाय , अनुसूचित वर्ग से संबंध रखने वाले रहे हैं । यहां पदग्राही अथवा पदासीन रहने वाले व्यक्तियों के नाम लिखे जाने वाले बोर्ड पर केवल मात्र पूर्व चेयरमैन रीतू यादव और वर्तमान चेयरमैन सुरेश यादव जो कि पति-पत्नी है , केवल मात्र इन दोनों को ही स्थान दिया गया है ।

इस समारोह में मौजूद हेलीमंडी पालिका के पूर्व पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता के द्वारा भी शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ही मौजूद तमाम पालिका पार्षदों सहित पालिका प्रशासन के अधिकारियों को कथित रूप से खरी-खोटी सुनाते हुए नसीहत दी गई । वही एससी समुदाय से संबंध रखने वाले हेलीमंडी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिंह ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है की पूर्व में रहे पालिका चेयरमैन का इनकंबेंसी बोर्ड पर नाम नहीं लिखा जाना सबसे अधिक अपमान और तोहीन किया जाने से कम नहीं है । यदि यह भवन अथवा ऑफिस या कक्ष किसी व्यक्ति विशेष की प्रॉपर्टी है तो वह यहां किसी का भी नाम लिखें । जबकि हरियाणा सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई भारी भरकम रकम से यह नया कार्यालय बनाया गया है । जहां पर अभी तक हेली मंडी नगरपालिका के सभी पदासीन रह चुके पालिका चेयरमैन का नाम सम्मान लिखा होना चाहिए । जिससे कि मौजूदा पालिका पार्षदों के साथ साथ भविष्य में चुनाव के बाद चुने जाने वाले पालिका पार्षदों को भी इस बात का पता हो की कौन-कौन व्यक्ति हेली मंडी नगर पालिका के चेयरमैन रह चुके हैं । ऐसे में यदि कोई राज्य सरकार का मंत्री , केंद्र सरकार का मंत्री , स्थानीय निकाय विभाग का ही मंत्री- निर्देशक , गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त, गुरुग्राम के डीसी पालिका कार्यालय में पहुंचे तो क्या यही संदेश देने का प्रयास किया गया है की हेलीमंडी नगरपालिका के अभी तक के इतिहास में केवल मात्र दो व्यक्ति रितु यादव और सुरेश यादव पति-पत्नी ही चेयरमैन बने हैं ।

जानिए हेलीमंडी नगर पालिका के कौन-कौन चेयरमैन
हरियाणा गठन के बाद जब से हेली मंडी नगरपालिका अस्तित्व में आई है तब से लेकर वर्ष 2021 तक यहां हुए पालिका चुनाव में चुने गए पार्षद और इन्हीं चुने हुए पार्षदों के द्वारा चुने गए पालिका चेयरमैन में जो सबसे महत्वपूर्ण और गर्व के साथ लिए जाने वाले नाम है। वह ऐसे नाम हैं जिनका की हेली मंडी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर समाज हित में किए गए कार्यों का सदियों तक गुणगान करते हुए उन्हें याद किया जाता रहेगा , ऐसे लोगों में स्वतंत्रता सेनानी भी शामिल हैं । हेली मंडी नगरपालिका के सबसे पहले चेयरमैन सेठ कल्याण दास जैन बने , इन्हीं के नाम से हेली मंडी में भगवान महावीर राजकीय सामान्य अस्पताल भवन बनाकर सरकार को सौंपा हुआ है । स्वतंत्रता सेनानी लाला सूरजभान मित्तल आजादी के लिए जेल गए, इंदिरा गांधी के बेहद नजदीक और राव बिरेंदर से लेकर राव इंद्रजीत सिंह तक पारिवारिक संबंध रखने वाले स्वर्गीय लाला रंजीत सिंह अग्रवाल, इसके बाद में नाम आता है सेठ बनारसी दास का जिनके द्वारा अनेक धार्मिक स्थानों के साथ-साथ शिक्षण संस्थाओं में योगदान रहा है । इसके बाद करीब दो दशक तक पालिका के चुनाव किन्ही कारणों से नहीं हो सके । दो दशक बाद जब पालिका के चुनाव हुए तो किसान कमेरे गरीब मजदूर वर्ग के हितेषी पूर्व स्वर्गीय उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेहद नजदीकी राव संतलाल के पुत्र किशन यादव हेली मंडी नगर पालिका के चेयरमैन चुने गए। इसके बाद में क्रमशः जगराम और ठाकुरदास जाटोली के निवासी जो कि एससी वर्ग से संबंध रखते थे, पालिका के चेयरमैन बने । उनका नाम भी शायद याद ही नहीं रहा । इसके बाद में प्रख्यात समाजसेवी लाला ओम प्रकाश गुप्ता के पुत्र शिव कुमार गुप्ता पालिका के चेयरमैन बने, शिवकुमार के बाद कथित राजनीतिक कारणों से पिछड़े वर्ग में शामिल दलीप चंद सोनी को पालिका चेयरमैन बनने का सौभाग्य मिला। इसके बाद एससी वर्ग से संबंध रखने वाले जाटोली निवासी जगदीश सिंह हेली मंडी पालिका के चेयरमैन बने। अब मौजूदा समय में सांसद एवं केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के सबसे अधिक नजदीक और विश्वसनीय माने जाने वाले सुरेश यादव पालिका चेयरमैन है और सुरेश यादव से पहले उनकी पत्नी रितु यादव हेली मंडी पालिका चेयरमैन के पद पर पदस्थ रही । लेकिन इनकंबेंसी बोर्ड पर सवा तीन करोड़ रुपए के पालिका कार्यालय मैं केवल मात्र पति पत्नी रितु यादव और सुरेश यादव का नाम ही बतौर चेयरमैन लिखा गया है ।

पालिका सचिव का नहीं मिला जवाब
इस पूरे मामले में हेली मंडी नगर पालिका सचिव पंकज जून को इनकंबेंसी बोर्ड पर लिखे गए नामों के साथ में फोटो व्हाट्सएप पर भेज कर उनसे यह जानने का प्रयास किया गया की पालिका कार्यालय में अभी तक चुने गए पालिका चेयरमैन के पद ग्राही अथवा पदासीन रहने वाले बोर्ड पर केवल मात्र 2 नाम क्यों लिखे गए ? और क्या इन नामों को लिखने में नगर पालिका प्रशासन के द्वारा मंजूरी दी गई । यह जानकारी मांगने पर भी हेली मंडी पालिका सचिव पंकज जून के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई भी जवाब नहीं दिया गया है । इससे यही जाहिर होता है कि पालिका सचिव भी यहां बड़े राजनेताओं के संरक्षण प्राप्त पार्षदों के हाथों की कठपुतली बन कर रह चुके हैं । जबकि इस बात से कतई भी इनकार नहीं किया जा सकता पालिका कार्यालय में जो भी खर्चा किया जा रहा है , वह जनता के टैक्स अदायगी से और सरकार के द्वारा उपलब्ध धन में से ही किया जा रहा है । सरकार की नीति यह रही है सरकारी धन का उपयोग जाति, धर्म ,वर्ग , संप्रदाय से ऊपर उठकर ही किया जाना चाहिए।

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