डिजिटली होगा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महा-महोत्सव-2021
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। सेक्टर-45 स्थित इस्कॉन श्रीराधा गोपीनाथ मंदिर में 30 अगस्त 2021 को कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार भी जन्माष्टमी डिजिटली मनाई जाएगी। लोग अपने घरों में बैठकर ही इस उत्सव में भाग ले सकते हैं। पूजा और आरती कर सकते हैं। शनिवार को यह जानकारी इस्कॉन के अध्यक्ष अच्युत हरिदास ने पत्रकार वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि इस अवसर को दो दिनों तक मनाएंगे। पहला दिन जो 30 अगस्त को जन्माष्टमी का दिन है। हमेशा की तरह मध्यरात्रि में मंगल आरती, भोग आरती, कलश अभिषेक और महाभिषेक होगा और लोग उत्सव को फेसबुक, यूट्यूब और हमारी वेबसाइट जैसे डिजिटल प्लेटफार्म पर लाइव देख सकते हैं। कोई भी व्यक्ति जो आरती करना चाहता है, वह हमारी वेबसाइट www.iskcongurugramyz.com/janmashtami पर पूजा के लिए अपना स्लॉट बुक कर सकता है। मंदिर के हमारे पुजारी और ब्रह्मचारी पूजा की पेशकश करेंगे। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसादम, चरणामृत और आध्यात्मिक उपहार दो दिनों के भीतर घर के पते पर वितरित किया जाएगा। कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। हमारी मुख्य चिंता यह है कि भक्तों की सुरक्षा में कोई बाधा न आए। कार्यक्रम में सिर्फ मंदिर के श्रद्धालु ही शामिल होंगे। कृष्ण के आशीर्वाद से घर पर रहें।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन कीर्तन महोत्सव होगा। कृष्णा पुस्तक हिंदी पढऩा, बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चों के खेल, मजेदार गतिविधियां, कौन बनेगा कृष्ण का भक्त प्रश्नोत्तरी, स्लोका पाठ, दिन भर। लोगों को डिजिटल कार्ड के माध्यम से डिजिटल रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
मध्यरात्रि में महाभिषेक समाप्त होने के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा। हम मंदिर की साज-सज्जा को न्यूनतम रखते हैं। केवल मुख्य वेदी कक्ष और देवता वेदी को सजाया जाएगा। अगर हमें इस्कॉन के दीक्षित और आजीवन सदस्यों की किसी सेवा की आवश्यकता है, तो हम उन्हें व्यक्तिगत रूप से बुलाएंगे। जन्माष्टमी के अगले दिन हम इस्कॉन वल्र्ड वाइड के संस्थापक प्रभुपाद का प्रकटन दिवस भी मनाएंगे। दास को जोड़ा। अच्युत हरिदास के मुताबिक इस्कॉन सेक्टर-45 गुरुग्राम मण्डली का एक महान और समृद्ध इतिहास है। लगभग 19 साल पहले शुरू हुए लोगों के एक छोटे से जमावड़े से इस्कॉन गुरुग्राम ने खुद को एक छोटे से प्रचार केंद्र से एक पूर्ण मंदिर में बदलकर एक लंबा सफर तय किया है। सामूहिक गतिविधियों में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, मूल्य-शिक्षा कार्यक्रम, मंत्र ध्यान, शाकाहारी कर्म-मुक्त खाना बनाना, इस्कॉन के फूड फॉर लाइफ प्रोग्राम के तहत बेसहारा और बेघरों को मुफ्त प्रसाद का वितरण, वैदिक पुस्तकों का वितरण, कीर्तन संगीत कार्यक्रम, हरिनम संकीर्तन शामिल हैं।
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