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भ्रष्टाचार का खुला खेल, भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं के मुंह में जमा दही !

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भ्रष्टाचार का खुला खेल, भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं के मुंह में जमा दही !

हेली मंडी पालिका के विभिन्न वार्डों में विकास के नाम पर खुला भ्रष्टाचार

पहली ही बरसात के साथ विकास कार्यों में विकास बहा और भ्रष्टाचार बचा

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 बहुत अच्छा और सुंदर लगता है जब आम जनमानस को मीडिया के माध्यम से ऐसी संस्थाएं बखान करती हैं की हम भ्रष्टाचार के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं और लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं । पटौदी और हेली मंडी क्षेत्र में भ्रष्टाचार विरोधी थीम और भ्रष्टाचार विरोधी बैनर तले विभिन्न संस्थाएं और उनके पदाधिकारी सक्रिय हैं ।

लेकिन हैरानी इस बात की है की भ्रष्टाचार विरोधी बैनर तले जो संस्थाएं बनी है , जब-जब भी क्षेत्र में गंभीर भ्रष्टाचार के मुद्दे सबूतों के साथ सामने लाए जाते हैं । निर्माण कार्यों में जिस प्रकार का भ्रष्ट खेल खेला जा रहा है , वह जब भी विभिन्न माध्यमों से उजागर होता है। तब भी भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की अगुवाई करने वाली संस्थाएं और उनके पदाधिकारी भ्रष्टाचार के विरोध सहित इस प्रकार के मामलों की जांच की मांग संबंधित विभाग वरिष्ठ अधिकारियों यहां तक की सरकार के समक्ष पहुंचाने में भी सक्रिय भूमिका निभाते दिखाई नहीं दे रहे हैं ।

भ्रष्टाचार विरोधी बैनर तले और नाम से बनी रजिस्टर्ड संस्थाओं के द्वारा भी आम जनमानस के द्वारा एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामलों को सार्वजनिक किया जाने के बावजूद आवाज बुलंद नहीं करना अपने आप में बहुत बड़ा सवाल भी महसूस किया जा रहा है । राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे सहित अभियान को लेकर बनी संस्थाएं भी यदि भ्रष्ट व्यवस्था विकास कार्यों में किए जा रहे भ्रष्टाचार के खेल के समर्थन में अपने अपने स्तर पर जांच सहित दोषियों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग उठाएं तो इस बात से भी इनकार नहीं की बेहद सकारात्मक परिणाम भी सामने आ सकते हैं।

अब यह भी अपने आप में लोगों के बीच धीरे-धीरे चर्चा का मुद्दा बनता जा रहा है की जो संस्थाएं भ्रष्टाचार के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाने का दावा करती आ रही है । ऐसे क्या कारण है कि इस प्रकार की संस्थाएं जब भी भ्रष्टाचार के मामले सबूतों के साथ में उजागर किए जाते हैं , उनका समर्थन करते हुए दोषियों के खिलाफ कारवाई किया जाने के मामले में आखिर क्यों और किस कथित दवाब के कारण शांत होकर ही बैठना बेहतर समझती आ रही है। या फिर केवल मीडिया का सहारा ही लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ विभिन्न्न स्कूलों, युवाओं या शिक्षण संस्थाओं के सहारे हवाई प्रचार किया जा रहा है। जब भ्रष्टाचार विरोेधी के बैनर के नाम से संस्थाओं सहित नेशनल लेवल के पदाधिकारी भी क्षेे़त्र में सक्रिय है तो फिर सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी सहित जीरो टॅलरेेस नीति का बेखौफ समर्थन करते हुए भ्रष्टाचार के मामले भी सरकार के संज्ञान में लाया जाना ही जनहित में होगा। 

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