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आस्था

चार धाम छड़ी यात्रा का सनातन में बहुत धार्मिक महत्व: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द

चार धाम छड़ी यात्रा का सनातन में बहुत धार्मिक महत्व: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्ददशनाम सन्यासी अखाड़ों की छड़ी यात्रा श्री माता काली धाम मन्दिर पहुँचीविश्व कल्याण की कामना से माता सीता का दर्शन-पूजन किया

जिस घर में होगी रामायण ,वही घर स्वर्ग समान: दलीप छिल्लर

जिस घर में होगी रामायण ,वही घर स्वर्ग समान: दलीप छिल्लरभगवान राम और रावण दोनों ही भगवान शिव के अनन्य भक्तप्रेम, त्याग और समर्पण राम, लक्ष्मण , भरत और शत्रुघ्न जैसा होमाता और पिता की आज्ञा की जीवन में

भगवान राम से भी बड़ा है, भगवान राम का नाम: धर्मदेव

भगवान राम से भी बड़ा है, भगवान राम का नाम: धर्मदेवआज के परिवेश में पटोदी भगवान राम की अयोध्या जैसी हीहिंदू और सनातनी ही नहीं मुस्लिम भी रहे हैं राम के भक्तसंपूर्ण ब्रह्मांड में राम ही सत्य है और सत्य

राम मंदिर निर्माण रामराज्य का नया अध्यायः जरावता

राम मंदिर निर्माण रामराज्य का नया अध्यायः जरावतारामायण के प्रत्येक पात्र से मिलती है हम सभी को शिक्षाराम का नाम , राम से भी बड़ा और शक्तिशाली माना गयापटौदी मंडी नगर परिषद क्षेत्रों में मनाया गया

ऋषि, मुनि, साधु और संन्यासी में अंतर

ऋषि, मुनि, साधु और संन्यासी में अंतरभारत में प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों का बहुत महत्त्व रहा है। ऋषि मुनि समाज के पथ प्रदर्शक माने जाते थे और वे अपने ज्ञान और साधना से हमेशा ही लोगों और समाज का

श्राद्ध की वस्तुएं पितरों को कैसे मिलती हैं?

श्राद्ध की वस्तुएं पितरों को कैसे मिलती हैं? 👇श्राद्ध का अर्थ : - ‘श्रद्धया दीयते यत् तत् श्राद्धम्।’ ‘श्राद्ध’ का अर्थ है श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए। पितरों के लिए श्रद्धापूर्वक किए गए

जलझुलनी एकादशी का मानव जीवन में धार्मिक महत्व

जलझुलनी एकादशी का मानव जीवन में धार्मिक महत्वभगवान वामन ठाकुर जी महाराज की शोभा यात्रा निकाली गईश्रद्धालुओं द्वारा वामन भगवान को श्रद्धानुसार फल-मिष्ठान भेंटप्रसाद चढ़ा विश्व शांति-परिवार की खुशहाली

चौरासी लाख योनियों का रहस्य

चौरासी लाख योनियों का रहस्य!!!!!! हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं वो भी उन चौरासी लाख योनियों में

किस तिथि को कौन सी श्राद्ध रहेगी पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है आइए जानते हैं

किस तिथि को कौन सी श्राद्ध रहेगी पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है आइए जानते हैं श्राद्ध प्रारंभ - 10 सितंबर शनिवार पूर्णिमा 15:29 तक तदुपरांत प्रतिपदा (एकम) श्राद्ध का श्राद्ध 11 सितंबर रविवार 13:15 तक

हवन का क्या महत्व हैं।

हवन का क्या महत्व हैं। फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की जिसमें उन्हें पता चला की हवन मुख्यतः आम की लकड़ी पर किया जाता है। जब आम की लकड़ी जलती है तो फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस

जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर भागवत कथा में शामिल हुए: भाई प्रशांत भारद्वाज

जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर भागवत कथा में शामिल हुए: भाई प्रशांत भारद्वाज प्रधान संपादक योगेश वार्ड नंबर 10 के समाजसेवी एवं भावी पार्षद भाई प्रशांत भारद्वाज पिछले 10 वर्षों से निस्वार्थ भाव से

केक काटकर मनाया गया श्रीकृष्ण का जन्म दिवस

केक काटकर मनाया गया श्रीकृष्ण का जन्म दिवस ब्रह्माकुमारीज ने मनाई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ कार्यक्रम रास नृत्य के द्वारा की गई खुशियाँ प्रकट विश्व के प्रथम

इस्कॉन सेक्टर-45 में जन्माष्टमी महा-महोत्सव 19 को होगा: अच्युत हरि दास

इस्कॉन सेक्टर-45 में जन्माष्टमी महा-महोत्सव 19 को होगा: अच्युत हरि दास -श्री कृष्ण जन्माष्टमी महा-महोत्सव-2022 प्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम। इस्कॉन सेक्टर-45 का श्री सर राधा गोपीनाथ

शिव-सावन-और-नारी

शिव-सावन-और-नारी पत्नी के स्वाभिमान की रक्षा करने वाले भगवान शिव की पवित्र सावन माह में विशेष पूजा अर्चना करके महिलाएं अपने मन में यही कामना करती हैं कि भगवान उन्हें भी ऐसा ही वर दें, जो उनके

कैसे हुई कांवड़ यात्रा आरम्भ?

कैसे हुई कांवड़ यात्रा आरम्भ? भगवान को खुश करने के लिए इन्होंने सबसे पहले शुरू की थी कांवड़ यात्रा! सावन का महीना शुरू हो गया है और इसके साथ ही केसरिया कपड़े पहने शिवभक्तों के जत्थे गंगा का

कलयुग में सभी की मनोकामना पूर्ण करते खाटू नरेश

कलयुग में सभी की मनोकामना पूर्ण करते खाटू नरेशहेली मंडी से क्षत्रिय रूस्तगी सभा का दल खाटू धाम रवानापालिका पार्षद राजेंद्र गुप्ता ने खाटू धाम को रवाना की बसफतह सिंह उजालापटौदी । सावन का महीना

गंगा जल

गंगा जल अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है ? सर्दी के मौसम में कई बार खांसी हो जाती है। जब डॉक्टर से खांसी ठीक नही हुई तो किसी ने बताया कि डाक्टर से खांसी ठीक नहीं होती तब

गुरु कृपा के बिना अंतःकरण की शुद्धि संभव नहीं: धर्मदेव

गुरु कृपा के बिना अंतःकरण की शुद्धि संभव नहीं: धर्मदेवमन के अंधकार को दूर कर अध्यात्म के द्वार तक पहुंचाता गुरुगुरु की कृपा और आशीर्वाद को बेहद कल्याणकारी माना गयागुरु के प्रति समर्पण के बिना प्रभु

जो आत्मबोध कराए, जो सुबोध कराए वो गुरु है: गौप्रेमी आचार्य मनीष शर्मा

प्रधान संपादक योगेश हर वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. महर्षि वेद व्यास जी का जन्मदिन भी इसी दिन माना जाता हैमहर्षि वेद व्यास जी को प्रथम गुरु की भी उपाधि

ऋषि महत्व और उनके योगदान

ऋषि महत्व और उनके योगदान----------------------महत्वपूर्ण जानकारी----------------- अंगिरा__ऋषि 👉 ऋग्वेद के प्रसिद्ध ऋषि अंगिरा ब्रह्मा के पुत्र थे। उनके पुत्र बृहस्पति देवताओं के गुरु थे। ऋग्वेद के

भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा ही करनी चाहिए ?

भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा ही करनी चाहिए ? शिवजी की आधी परिक्रमा करने का विधान है। वह इसलिए की शिव के सोमसूत्र को लांघा नहीं जाता है जब व्यक्ति आधी परिक्रमा करता है तो उसे चंद्राकार परिक्रमा

श्री हनुमानजी के 10 रहस्य ……

श्री हनुमानजी के 10 रहस्य ……हिन्दुओं के प्रमुख देवता हनुमानजी के बारे में कई रहस्य जो अभी तक छिपे हुए हैं। शास्त्रों अनुसार हनुमानजी इस धरती पर एक कल्प तक सशरीर रहेंगे। हनुमानजी का जन्म

दुर्गा सप्तशती चमत्कार नहीं एक वरदान है

दुर्गा सप्तशती चमत्कार नहीं एक वरदान है जाने दुर्गा सप्तशती पाठ के चमत्कारदुर्गा सप्तशती एक ऐसा वरदान है, एक ऐसा प्रसाद है, जो भी प्राणी इसे ग्रहण कर लेता है। वह प्राणी धन्य हो जाता है। जैसे मछली

कैसे पहचानें कि दैवीय शक्ति आपकी मदद कर रही है

कैसे पहचानें कि दैवीय शक्ति आपकी मदद कर रही है इन 11 संकेतों से कर सकते हैं आभास::- ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐदुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके जीवन में दैवीय सहायता मिलती है। किसी को

प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी के साधन,

प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी के साधन,प्राचीन भारत के इतिहास की जानकारी के साधनों को दो भागों में बाँटा जा सकता है- साहित्यिक साधन और पुरातात्विक साधन, जो देशी और विदेशी दोनों हैं। साहित्यिक साधन

ठंडी नींबू शिकंजी और भंडारे में भोजन खिलाकर कमाया पुण्य

ठंडी नींबू शिकंजी और भंडारे में भोजन खिलाकर कमाया पुण्यनिर्जला एकादशी के उपलक्ष्य पर जगह जगह लगाई गई छबीले42 से 45 डिग्री तापमान के बीच शीतल जल ने दिलाया सुकूनफतह सिंह उजालापटौदी । भारतीय सनातन

यज्ञ कलियुग का कल्पबृक्ष है : शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द

यज्ञ कलियुग का कल्पबृक्ष है : शंकराचार्य नरेन्द्रानन्दरुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वतरू हो जातीयज्ञ मण्डप की परिक्रमा से समस्त रोग व बीमारी दूर होतेंहवन का धुआँ बीमारी पैदा करने वाले

अपरिग्रह वृत्ति महान बनाती है।

अपरिग्रह वृत्ति महान बनाती है। 🌻अपरिग्रह वृत्ति महान बनाती है।🌻 कश्मीर में तर्करत्न,न्यायाचार्य पंडित रहते थे।उन्होंने चार पुस्तकों की रचना की थी,जिनसे बड़े-बड़े विद्वान तक प्रभावित थे।इतनी

दशमी को जलागमन : एकादशी को जलाभाव

दशमी को जलागमन : एकादशी को जलाभाव जेठमेंजल जेठ मास जल के महत्व को कई रूपों में समझने की प्रेरणा लिए आता है। अव्वल तो यही महीना काल के सुकाल और दुष्काल रूप को दिखाता था। मैं तो इसे पूर्ति और

निर्जला एकादशी

निर्जला एकादशी निर्जला एकादशी व्रत सभी एकादशी में सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है। इस वर्ष इसकी दो तिथि मानी जा रही है। वास्तव में एकादशी तिथि 10 जून को शुक्रवार की प्रातः सात बजकर पच्चीस मिनट से

माया और योगमाया में क्या अंतर है

माया और योगमाया में क्या अंतर है सबसे पहले यह समझ लीजिए कि माया और योगमाया यह दोनों भगवान की शक्ति है। जैसा की हम जानते हैं कि शक्ति और शक्तिमान से पृथक नहीं हो सकती। उदाहरण से समझिए आग और आग में

भगवान शिव ने पार्वती को बताए थे जीवन के ये पाँच रहस्य!

भगवान शिव ने पार्वती को बताए थे जीवन के ये पाँच रहस्य! भगवान शिव ने देवी पार्वती को समय-समय पर कई ज्ञान की बातें बताई हैं। जिनमें मनुष्य के सामाजिक जीवन से लेकर पारिवारिक और वैवाहिक जीवन की बातें

मोक्षदायिनी सप्तपुरियां कौन कौन सी हैं?

मोक्षदायिनी सप्तपुरियां कौन कौन सी हैं?सप्तपुरी पुराणों में वर्णित सात मोक्षदायिका पुरियों को कहा गया है। इन पुरियों में 'काशी', 'कांची' (कांचीपुरम), 'माया' (हरिद्वार), 'अयोध्या', 'द्वारका', 'मथुरा'

गीता की सौगंध क्यूं दी जाती है

गीता की सौगंध क्यूं दी जाती है ""भगवान ने लक्ष्मीदेवी को सुशर्मा की कथा सुनाई"" सुशर्मा एक घोर पापी व्यक्ति था. वह हमेशा भोग-विलास में डूबा रहता. मदिरा और मांसाहार इसी में जीवन बिताता. एक दिन

सीताजी को किसके शाप के कारण श्रीराम का वियोग सहना पड़ा ?

सीताजी को किसके शाप के कारण श्रीराम का वियोग सहना पड़ा ? प्राचीनकाल में मिथिला में सीरध्वज जनक नाम से प्रसिद्ध धर्मात्मा राजा राज्य करते थे । एक बार राजा जनक यज्ञ के लिए पृथ्वी जोत रहे थे । उस समय

ॐ त्र्यंबकम् मंत्र के 33 अक्षर हैं

ॐ त्र्यंबकम् मंत्र के 33 अक्षर हैंजो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 देवताआं के घोतक हैं।उन तैंतीस देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और 12 आदित्यठ 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं।इन तैंतीस देवताओं की सम्पूर्ण

वास्तु के अनुसार घर में फर्नीचर

वास्तु के अनुसार घर में फर्नीचर पं वेद प्रकाश तिवारी ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ घर की सजावट में फर्निचर का बहुत महत्व है। आजकल हम फर्निचर पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। कई बार ऐसा होता है कि अगर

गुरुओं का मार्गदर्शन, सन्तों की संगति से जीव का कल्याण: शंकराचार्य नरेंद्रानन्द

गुरुओं का मार्गदर्शन, सन्तों की संगति से जीव का कल्याण: शंकराचार्य नरेंद्रानन्दब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी शंकरानंद सरस्वती का 31वाँ निर्माण महोत्सवब्रह्मलीन शंकराचार्य शंकरानंद सनातन की

ॐ त्र्यंबकम् मंत्र के 33 अक्षर हैं

ॐ त्र्यंबकम् मंत्र के 33 अक्षर हैंजो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 देवताआं के घोतक हैं।उन तैंतीस देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और 12 आदित्यठ 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं।इन तैंतीस देवताओं की सम्पूर्ण

भगवान शिवजी की तरफ ही मुंह करके क्यों बैठते हैं नंदी, जानें वजह।

भगवान शिवजी की तरफ ही मुंह करके क्यों बैठते हैं नंदी, जानें वजह।आप जब भी किसी शिव मंदिर में गए होंगे, तो मंदिर में प्रवेश करते ही आपको नंदी महाराज की मूर्ति अवश्य दिखेगी। नंदी की इस प्रतिमा का मुंह

कौन से ऋषि का क्या है महत्व

कौन ऋषि भारतीय परंपरा में श्रुति ग्रंथों को दर्शन करने (यानि यथावत समझ पाने) वाले जनों को कहा जाता है। आधुनिक बातचीत में मुनि, योगी(जोगी) , सन्त अथवा कवि इनके पर्याय नाम हैं। ऋषि शब्द की

गृहे गायत्री यज्ञ अभियान

गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ अभियान ’ बुद्ध पूर्णिमा दिनांक - 16 मई 2022 सोमवार को एवं जहां अवकाश नहीं होता,वहां 15 मई 2022 रविवार को एक साथ एक दिन लाखों नये घरों में एक कुण्डीय गायत्री यज्ञ सम्पन्न हो

बुद्ध” वैशाखपूर्णिमा

बुद्ध" वैशाखपूर्णिमा महात्मा बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था. उनके जीवन में ऐसी घटनाएं घटी कि जिसके कारण उनके मन में विरक्ति का भाव उत्पन्न होने लग गया. अन्ततः उन्होंने एक दिन अपनी सुन्दर पत्नी

*यदि “महाभारत” को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध…

*यदि "महाभारत" को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते है :- 1.संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे-

रामायण” क्या है??

“रामायण” क्या है?? अगर कभी पढ़ो और समझो तो आंसुओ पे काबू रखना……. रामायण का एक छोटा सा वृतांत है, उसी से शायद कुछ समझा सकूँ… 😊 एक रात की बात हैं, माता कौशल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर

भगवान विष्णु के चरणों का महत्व

भगवान विष्णु के चरणों का महत्वकिसी ने सही ही कहा है कि भगवान के पांव में स्वर्ग होता है। उनके चरणों जैसी पवित्र जगह और कोई नहीं है। इसलिए तो लोग भगवान के चरणों का स्पर्श पाकर अपने जीवन को सफल बनाने

धन एवं धर्म

धन एवं धर्म ☀️धन और धर्म दोनों का मनुष्य जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। मनुष्य की चाल केवल धन से ही नहीं बदलती अपितु धर्म से भी बदल जाती है। जब धन होता है तो अकड़ कर चलता है और जब धर्म होता है तो

भगवान शिव को जाने बिना इस लोक को जानना असंभव:शंकराचार्य नरेंद्रानंद

भगवान शिव को जाने बिना इस लोक को जानना असंभव:शंकराचार्य नरेंद्रानंद जहां भी सत्य है, वहीं शिव का वास है। शिव के साथ सारी विषमता है उषा काल में शिव और पार्वती विज्ञान के धरातल पर काल

मोहिनी एकादशी पर क्या करे जिससे मिलेगा लाभ

मोहिनी एकादशी पर क्या करे जिससे मिलेगा लाभक्या महत्व मोहिनी एकादशी कामोहिनी एकादशी पर क्या ना करे जिससे हो सकता है नुकसान मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।

ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद महाराज की स्मृति में हवन – यज्ञ का आयोजन

ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद महाराज की स्मृति में हवन - यज्ञ का आयोजनगांव जट शाहपुर आश्रम परिसर में पहुंचे अनेक श्रद्धालु और ग्रामींणस्वामी प्रेमानंद महाराज ने एमएलए शिक्षण संस्थान की स्थापना कीस्वामी

चारों धामों की यात्रा का धार्मिक महत्त्व क्यों?

चारों धामों की यात्रा का धार्मिक महत्त्व क्यों?जिस प्रकार हिन्दू संस्कृति के चार वेद हैं, चार वर्ण हैं, चार दिशाएं हैं, ठीक उसी प्रकार चार धाम हैं।🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁भारत की पवित्र भूमि में▪ पूर्व में

हनुमानजी को जल्दी प्रसन्न करना हो पूजा करके उन्हें यह चढ़ा सकते हैं।

हनुमानजी की पूजा अलग-अलग तरीके से की जाती है। लेकिन भक्त को तो किसी भी तरीके से कोई मतलब नहीं और भक्त लाभ की चिंता नहीं करता है। हनुमानजी का नाम ही उसके लिए मंत्र, चालीसा और पूजा है। फिर भी

सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है हनुमान चालीसा का पाठ

सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है हनुमान चालीसा का पाठ〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ♦️♦️हनुमान जी और हनुमानचालीसा दोनो का भारतीय संस्कृति में अवर्णीय आस्था है। हनुमान जी का नाम आते ही

“सीता नवमी”

. "सीता नवमी" वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी कहते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की

काशी विश्वनाथ मंदिर के अविश्वनीय और अकल्पनीय ग्यारह सच बतायेगें।

आज हम आपको काशी विश्वनाथ मंदिर के अविश्वनीय और अकल्पनीय ग्यारह सच बतायेगें।मुक्ति जन्म महि जानि ग्यान खान अघ हानि कर।जहँ बस संभु भवानि सो कासी सेइअ कस न ॥ भावार्थ:-जहाँ श्री शिव-पार्वती बसते हैं,

माँ बगलामुखी वैशाख शुक्ल अष्टमी प्रकटोत्सव।

माँ बगलामुखी वैशाख शुक्ल अष्टमी प्रकटोत्सव। एक बार सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा इससे चारों ओर हाहाकार मच गया। संसार की

विषमता में समता मात्र शिव परिवार में ही दृष्टिगोचर: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द

विषमता में समता मात्र शिव परिवार में ही दृष्टिगोचर: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्दप्रतिमा जितनी छोटी होगी, गृहस्थ को पूजा की तुरन्त सिद्धि प्राप्त होगीनित्य पूजा अर्चना करने पर व्यक्ति अनन्त पुण्य का भागी

माँ गङ्गा वैशाख शुक्ल सप्तमी प्रकटोत्सव

माँ गङ्गा वैशाख शुक्ल सप्तमी प्रकटोत्सव पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को माँ गङ्गा स्वर्ग लोक से शिवशंकर की जटाओं में पहुंची थी। इसलिए इस दिन को गङ्गा सप्तमी

श्री शिव महापुराण – पुष्प माला

1969 )- श्री शिव महापुराण - पुष्प माला -【 १६९ 】 -- प्रथम पूज्य गणपति श्री गणेश जी महाराज का राष्ट्रीय स्वरूप ------प्रथम पूज्य श्री गणेश जी न केवल देवताओं में सर्वोपरि प्रथम देव , वरन राष्ट्रीय

आदि शंकराचार्य को शिव का अवतार माना गया : शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द

आदि शंकराचार्य को शिव का अवतार माना गया : शंकराचार्य नरेन्द्रानन्दवेदों में लिखे ज्ञान को एकमात्र ईश्वर का कहा समझा और उसका प्रचार कियाचार्वाक, जैन, बौद्ध मतों को शास्त्रार्थों द्वारा खण्डन कर सात

आदि गुरु शंकराचार्य वैशाख शुक्ल पञ्चमी जन्मोत्सव

आद्य गुरु शंकराचार्य वैशाख शुक्ल पञ्चमी जन्मोत्सवआदि गुरु शंकराचार्यजी का जन्म वैशाख शुक्ल पंचमी को दक्षिण राज्य केरल के कालड़ी नामक ग्राम में शिव भक्त भट्ट ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का

पूजा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

पूजा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी ★ एक हाथ से प्रणाम नही करना चाहिए। ★ सोए हुए व्यक्ति का चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए। ★ बड़ों को प्रणाम करते समय उनके दाहिने पैर पर दाहिने हाथ से और उनके

कुंती जी की विपत्ति में भक्ति

कुंती जी की विपत्ति में भक्ति!!!!!! महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था । धर्मराज युधिष्ठिर सिंहासन पर आरुढ़ हो चुके थे । अश्वत्थामा ने पाण्डवों का वंश नष्ट करने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया;

श्री अष्टादश महाविद्या शक्ति पीठम्

श्री अष्टादश महाविद्या शक्ति पीठम् "18 महाविद्या शक्ति का प्रथम मंदिर, बिज़ाना, शाजापुर म.प्र." "यह पापेश्वर महादेव व् 18 शक्तियों का दिव्य मंदिर है। इनके द्वारा पूर्व जन्म के पापो का नाश होता

हजार नामों के समान फल देने वाले भगवान श्रीकृष्ण के अट्ठाईस नाम

हजार नामों के समान फल देने वाले भगवान श्रीकृष्ण के अट्ठाईस नाम!!!!!!!! एक बार भगवान श्रीकृष्ण से अर्जुन ने पूछा—‘केशव ! मनुष्य बार-बार आपके एक हजार नामों का जप क्यों करता है, उनका जप करना तो बहुत

हनुमानजी समुद्र लाँघ गये

हनुमानजी समुद्र लाँघ गये।किसी ने तुलसीदास जी से कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि हनुमानजी सौ योजन का समुद्र लाँघ गये । तुलसीदास जी बोले, आश्चर्य बिल्कुल नहीं। क्यों?हनुमानजी पार जाते हुए दिखाई

भगवन्नाम जप का मानव शरीर पर प्रभाव b

भगवन्नाम जप का मानव शरीर पर प्रभाव !! ❣️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️भगवन्नाम के निरंतर जप का मानव शरीर पर कितना अद्भुत प्रभाव होता है, यही दर्शाती विभिन्न भक्तों के जीवन की कथाएं शब्द में बड़ी

अक्षय फलदायी अक्षय तृतीया – 03 मई 2022

अक्षय फलदायी अक्षय तृतीया - 03 मई 2022 🌹वैशाख शुक्ल तृतीया की महिमा मत्स्य, स्कंद, भविष्य, नारद पुराणों व महाभारत आदि ग्रंथों में है। इस दिन किये गये पुण्यकर्म अक्षय (जिसका क्षय न हो) व अनंत

देवी महाकाली विनाश और प्रलय से रक्षा के लिए पूजनीय:शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द

देवी महाकाली विनाश और प्रलय से रक्षा के लिए पूजनीय:शंकराचार्य नरेन्द्रानन्दभगवान शिव का एक रूप, चेतना के देवता, वास्तविकता और अस्तित्व का आधारमहाकाली सार्वभौमिक शक्ति, समय, जीवन, मृत्यु, तथा

पार्वती को क्यों करना पड़ा शिव को दान!!!!!! देवाधिदेव महादेव और शैलपुत्री पार्वती के साथ विवाह के बाद दीर्घकाल तक दोनों निर्जन वन में विहार करते रहे । एक दिन पार्वतीजी ने भगवान शंकर से कहा-'मैं एक

9 ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव और निवारण के सरल उपाय ..किस ग्रह के क्या नकारात्मक प्रभाव है और साथ ही…

9 ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव और निवारण के सरल उपाय ..किस ग्रह के क्या नकारात्मक प्रभाव है और साथ ही उक्त ग्रहदोष से मुक्ति हेतु अचूक उपाय सूर्य : सूर्य पिता, आत्मा समाज में मान, सम्मान, यश,

ज्ञान गंगा- ॐ टीम बुक डिस्ट्रीब्यूशन ड्राइव

*ज्ञान गंगा- ॐ टीम बुक डिस्ट्रीब्यूशन ड्राइव * नई किरण स्कूलगुरग्राम दिल्ली-एनसीआरज्ञान गंगा- ॐ टीम बुक डिस्ट्रीब्यूशन ड्राइव * रश्मि राय, ॐ टीम सदा श्रीमती उर्मिला चौकसे और श्री सुरेश कुमार

अयोध्या में अगले साल अंत तक श्रीराम मंदिर में होगी प्राण प्रतिष्ठा, राम नवमी के दिन भगवान के मस्तक…

अयोध्या में अगले साल अंत तक श्रीराम मंदिर में होगी प्राण प्रतिष्ठा, राम नवमी के दिन भगवान के मस्तक को प्रकाशित करेंगी सूर्य की किरणें:चंपत रायविश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं

भगवान विष्णु ने क्यो किया लक्ष्मी का वरण

भगवान #विष्णु ने क्यो किया #लक्ष्मी का वरण समुद्र-मंथन से तिरछे नेत्रों वाली, सुन्दरता की खान, पतली कमर वाली, सुवर्ण के समान रंग वाली, क्षीरसमुद्र के समान श्वेत साड़ी पहने हुए तथा दोनों हाथों में

वेद ईश्वरीय या मानवनिर्मितवेद ईश्वरीय या मानवनिर्मित वेद पौरुषेय (मानवनिर्मित)है या अपौरुषेय…

वेद ईश्वरीय या मानवनिर्मितवेद ईश्वरीय या मानवनिर्मित वेद पौरुषेय (मानवनिर्मित)है या अपौरुषेय (ईश्वरप्रणीत) वेद का स्वरूप क्या है? इस महत्त्वपूर्ण प्रश्न का स्पष्ट उत्तर ऋग्वेद में इस प्रकार है-वेद

धर्म समाज कॉलेज में पंचायतों की भूमिका” विषय पर एक विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन

धर्म समाज कॉलेज में पंचायतों की भूमिका" विषय पर एक विचार गोष्ठी का हुआ आयोजनआज राष्ट्रीय पंचायती दिवस" के उपलक्ष में धर्म समाज कॉलेज के प्यारे लाल भवन में "लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभ के रूप में

शनिवार व मंगलवार को ही क्यों होती है हनुमान जी की पूजा, क्या है महत्व

शनिवार व मंगलवार को ही क्यों होतीहै हनुमान जी की पूजा, क्या है महत्व•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• शनिवार और #मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करने से हनुमान जी अधिक प्रसन्न होते है। इस दिन

15 वर्ष के बाद हुआ परिवार में कन्या का जन्म

15 वर्ष के बाद हुआ परिवार में कन्या का जन्मरविंद्र कुमार व वर्षा दंपति की बेटी का नाम लीजाफतह सिंह उजालापटौदी। सरकार द्वारा बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और बराबरी का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए

भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश पर्वत की कुछ विशेषताएं

श्री शिव महापुराण - पुष्प माला - 【 १७२ 】-- इस श्रृंखला की #समापन_पोस्ट - भगवान शिव के निवास स्थान -- कैलाश पर्वत - की कुछ विशेषताएं --#परमात्मामहादेवशंकर के निवास स्थान #कैलाशपर्वत के पास स्थित है

चारधाम यात्रा 2022 एक लाख से अधिक यात्रियों ने कराया पंजीकरण, इस बार जारी किया जा रहा क्यूआर कोड

चारधाम यात्रा 2022: एक लाख से अधिक यात्रियों ने कराया पंजीकरण, इस बार जारी किया जा रहा क्यूआर कोडप्रदेश में तीन मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण ने रफ्तार पकड़ ली है। अब तक एक

देवता बनिए,मिल-बाँटकर खाइये

देवता बनिए,मिल-बाँटकर खाइये मित्रो !! उस आदमी का नाम देवता है,जो अपनी सुविधाओं और संपदाओं को मिल-बाँटकर खाता है। मिल-बाँटकर खाने का मजा देखा है आपने ? इक्कड़,जो अकेला ही खाता रहता है,पाप खाता रहता

युग परिवर्तन की संध्या में पाप का प्रचंड रूप !!

युग परिवर्तन की संध्या में पाप का प्रचंड रूप !! दीपक बुझने को होता है तो एक बार वह बड़े जोर से जलता है, प्राणी जब मरता हे तो एक बार बड़े जोर से हिचकी लेता है । चींटी को मरते समय पंख उगते हैं, पाप

भगवान से क्या मांगें?

भगवान से क्या मांगें?सन्त जन कहते हैं कि हमें भगवान से कुछ माँगना नहीं चाहिए और अगर माँगना ही है तो माँगना आना चाहिए। मांगना भी एक कला है जैसे ….. 1-भक्त प्रहलादजी ने भगवान से माँगा: "हे प्रभु मैं

सिन्दूर का स्नान

सिन्दूर का स्नान महायुद्ध समाप्त हो चुका था। जगत को त्रास देने वाला रावण अपने कुटुम्ब सहित नष्ट हो चुका था। कौशलाधीश राम के नेतृत्व में चहुँओर शांति थी। राम का राज्याभिषेक हुआ। राजा

सती अनुसूया जन्मोत्सव

20 अप्रैल 2022 सम्पूर्ण विश्व के लिए मंगलमय हो.सती अनुसूया जन्मोत्सव आज सती अनुसूइया जन्मोत्सव है। भारत वर्ष की सती-साध्वी नारियों में अनुसूइया जी का स्थान बहुत ऊँचा है। इनका जन्म अत्यंत उच्च कुल

रामायण में भरत संत हैं…. श्री हनुमान जी हनुमंत हैं …..और राम भगवंत हैं ….

रामायण में भरत संत हैं…. श्री हनुमान जी हनुमंत हैं …..और राम भगवंत हैं …. तीनों को समस्या आई ….है ना ?….संत को पांच समस्या आई …हनुमंत को 6 समस्या आई…. और भगवंत राम को सात आई….5… 6…. 11….. 7…. 18….

सेवा, समर्पण और संकल्प, राम भक्त हनुमान से सीखे: जरावता

सेवा, समर्पण और संकल्प, राम भक्त हनुमान से सीखे: जरावताअपनी ताकत-बुद्धि का जनकल्याण के लिये ही करें इस्तेमालराम भक्त, महाबली हनुमान सभी भक्तों का करते हैं मंगलधार्मिक आयोजनों से मिलती है आत्मिक

भगवान महावीर की स्वर्ण प्रतिमा रही मुख्य आकर्षण का केंद्र

भगवान महावीर की स्वर्ण प्रतिमा रही मुख्य आकर्षण का केंद्रमहावीर जयंती के उपलक्ष पर हेलीमंडी में पार्श्व संदेश यात्रा आयोजितहेलीमंडी सकल जैन समाज के द्वारा किया गया भव्य आयोजनभगवान महावीर के अनुयाई और

माँ लक्ष्मी का बिल्व स्वरूप

माँ लक्ष्मी का बिल्व स्वरूपशिव ने क्यों माना बिल्ववृक्ष को शिवस्वरूप🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸नारदजी ने एक बार भोलेनाथ की स्तुति कर पूछा प्रभु आपको प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम और सुलभ साधन क्या है. हे

श्री हनुमानजी के 10 रहस्य ……

हनुमानजी का जन्म स्थान कर्नाटक के कोपल जिले में स्थित हम्पी के निकट बसे हुए ग्राम अनेगुंदी को रामायणकालीन किष्किंधा मानते हैं। तुंगभद्रा नदी को पार करने पर अनेगुंदी जाते समय मार्ग में पंपा सरोवर

रामचरितमानस

1:~लंका में राम जी = 111 दिन रहे।2:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं।3:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है।4:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है।5:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है।6:~मानस में सोरठा संख्या = 207

भगवान विष्णु को कैसे मिला सुदर्शन चक्र

भगवान विष्णु को कैसे मिला सुदर्शन चक्र सुदर्शन चक्र एक बार भगवान विष्णु, शिवजी का पूजन करने के लिए काशी आए। यहां मणिकार्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार स्वर्ण कमल

बैसाखी पर्व हर वर्ष 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है

दिनांक 13 अप्रैल 2022 सम्पूर्ण विश्व के लिए मंगलमय हो. बैसाखी पर्व हर वर्ष 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। यह त्योहार हिन्दुओं, बौद्ध और सिखों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भारतीय उपमहाद्वीप के

जीवन का राममय हो जाना ही रामनवमी पर्व की सार्थकता है-

मेरे राम तेरे राम शबरीजीवन का राममय हो जाना ही रामनवमी पर्व की सार्थकता है- के राम सब एक है ,गतिशीलता का नाम राम है-गौप्रेमी आचार्य मनीष जीवन का राममय हो जाना ही रामनवमी पर्व की सार्थकता है-राम

प्रणाम का महत्व

प्रणाम का महत्व 🙏💎💎💎💎💎💎💎💎 महाभारत का युद्ध चल रहा था - एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर "भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि - "मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा" उनकी घोषणा का पता

इक्यावन शक्तिपीठों में प्रमुख,माँ कामाख्या देवी के मासिक धर्म के दौरान कैसे लाल हो जाती है…

इक्यावन शक्तिपीठों में प्रमुख,माँ कामाख्या देवी के मासिक धर्म के दौरान कैसे लाल हो जाती है ब्रह्मपुत्र नदी? रजस्वला स्त्री मासिक धर्म, एक स्त्री की पहचान है, यह उसे पूर्ण स्त्रीत्व प्रदान करता है।

महाराज दशरथ की अंतर्व्यथा

महाराज दशरथ की अंतर्व्यथा महारानी कैकेयी द्वारा दो वर - १. अपने पुत्र भरत का राज्याभिषेक एवं २. श्रीराम को १४ वर्षों के लिए वनवास - मांगने के पश्चात् महाराज दशरथ की शोकाकुल मन:स्थिति का बहुत ही

भूलोक के देवता

भूलोक के देवता🌻 जो दूसरों को कष्ट में देखकर दया से द्रवित हो जाता है, जो असहायों की सहायता के लिए सदा तत्पर रहता है,जो संसार के सुख में अपना सुख अनुभव करता है, दूसरों को हानि पहुँचाने की जिसे कभी

ब्रह्म गायत्री क्या हैं

ब्रह्म गायत्री क्या हैं !! परमपूज्य गुरुदेव गायत्री महाविज्ञान में लिखते हैं -गायत्री ईश्वरीय दिव्य शक्तियों का एक पुंज है। उस पुंज में कितनी शक्तियां निहित हैं,इसकी कोई संख्या नहीं बतायी जा सकती।

कन्या पूजन के विषय में सम्पूर्ण जानकारी

कन्या पूजन के विषय में सम्पूर्ण जानकारी !! 🌹🙏 कन्या पूजन से सभी तरह के वास्तु दोष,विघ्न,भय और शत्रुओं का नाश होता है।🙏🌹 ⚱ नवरात्रि में कन्या पूजन में ध्यान रखे कि कन्याओ की उम्र दो वर्ष से कम